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राम मंदिर निर्माण के साथ ऐसे बदल जाएगी अयोध्या की तस्वीर, जानिए क्या है योजना - अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता

राम नगरी अयोध्या को विश्व स्तर की पर्यटन नगरी बनाने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार की कई योजनाएं प्रस्तावित हैं. अयोध्या के विकास पर ईटीवी भारत की टीम ने स्थानीय विधायक वेद प्रकाश गुप्ता से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे प्रभु श्रीराम मंदिर का निर्माण पूरा होगा. वैसे ही अयोध्या भव्य रूप लेती जाएगी.

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अयोध्या विकास के लिए सरकार की प्रस्तावित योजनाओं पर खास रिपोर्ट.
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Published : Aug 15, 2020, 9:44 AM IST

अयोध्या: श्रीराम मंदिर निर्माण के साथ भव्य और दिव्य अयोध्या का सपना भी देखा जा रहा है. केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाएं अयोध्या को सजाने और संवारने में जुट गई हैं. प्रधानमंत्री स्पष्ट कर चुके हैं कि अयोध्या में जैसे-जैसे राम मंदिर बनता जाएगा, वैसे अयोध्या भी बनती और सजती जाएगी. ईटीवी भारत ने राम नगरी के स्थानीय विधायक वेद प्रकाश गुप्ता से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि अयोध्या विश्व स्तरीय पर्यटन नगरी बनने के साथ पूर्वांचल के विकास में एक नया आयाम स्थापित करेगी.

आस्था, पर्यटन और रोजगार
श्रीराम जन्मभूमि पर राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में 5 अगस्त को शामिल होने पहुंचे पीएम मोदी ने अघोषित रूप से अयोध्या को भव्य बनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि अब राम मंदिर के साथ कई विकास के कार्य होने हैं. राम नगरी को विश्व स्तर की पर्यटन नगरी बनाने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार की कई योजनाएं प्रस्तावित हैं. इनमें से अधिकतर बड़ी योजनाओं पर कार्य भी शुरू हो गया है. ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत में अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने कहा कि जैसे-जैसे अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होता जाएगा, वैसे ही अयोध्या संवरती जाएगी. यहां आस्था और पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे. राम नगरी में ट्रांसपोर्ट और कई औद्योगिक कंपनियों की स्थापना की भी राह आसान होगी. इससे यहां के लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा.

पूर्वांचल में स्थापित होंगे विकास के नए आयाम
नगर विधायक अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने कहा कि अयोध्या के विकास को महज अयोध्या की दृष्टि से ही नहीं बल्कि पूरे पूर्वांचल के विकास की दृष्टि से देखना चाहिए. रामनगरी गेटवे ऑफ पूर्वांचल है. यहां का विकास होने से पूर्वी उत्तर प्रदेश में विकास के नए आयाम स्थापित होंगे. राम मंदिर बनने के साथ अयोध्या को पर्यटन की दृष्टि से वैश्विक स्तर पर स्थापित करने के लिए कई योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है, जो भी रास्ते अयोध्या को जोड़ते हैं उन सब के विकास की योजना है. अयोध्या का रेलवे स्टेशन भी राम नगरी की गरिमा के अनुरूप भव्य बनने जा रहा है. नव युवकों के रोजगार के अवसर भी होंगे. विकास गुप्ता ने कहा कि अयोध्या का विकास पर्यटन की दृष्टि से किया जा रहा है. इसके साथ इस नगर के आर्थिक विकास के रास्ते भी खुलेंगे. यहां के जो छोटे-छोटे व्यवसायी और उद्यमी हैं. उन्हें अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी. इससे अयोध्या के बेरोजगारों नव युवकों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.

अयोध्या में इन योजनाओं पर हो रहा कार्य
600 एकड़ में बन रहा श्रीराम एयरपोर्ट अयोध्या यातायात की दृष्टि से भारत ही नहीं, पूरे विश्व से जुड़ने के लिए यहां पर श्रीराम एयरपोर्ट का विकास किया जा रहा है. फैजाबाद हवाई पट्टी का विकास कर श्रीराम एयरपोर्ट बनाया जा रहा है. आपको बता दें कि वर्ष 1942 में यह हवाई पट्टी स्थापित की गई थी. लंबे समय से इसकी अनदेखी की गई. अब अयोध्या में रामायण सर्किट के तहत श्रीराम एयरपोर्ट पर्यटन की दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है. 2 दिन पहले नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी श्रीराम एयरपोर्ट के विकास की प्रगति की जानकारी लेने अयोध्या पहुंचे थे. एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य जारी है. इसके लिए 525 करोड़ रुपये अवमुक्त किया गया था. अब तक लगभग 300 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. नव विकसित श्रीराम एयरपोर्ट 777 एक्स विमान और डबल डेकर विमान की उड़ान की क्षमता वाला बनेगा.

अयोध्या के विकास पर स्थानीय विधायक वेद प्रकाश गुप्ता से खास बातचीत.

इंटरनेशनल बस टर्मिनल
इंटरनेशनल बस टर्मिनल का कार्य लगभग पूरी अयोध्या में रामायण सर्किट के तहत संस्कृति और पर्यटन के विकास की कई योजनाओं पर कार्य हो रहा है. अयोध्या में 41 बसों के एक साथ संचालित करने की क्षमता वाला इंटरनेशनल बस टर्मिनल लगभग बनकर तैयार हो चुका है. नेशनल हाइवे संख्या-28 पर बन रहा यह बस टर्मिनल अयोध्या के प्रवेश द्वार के नजदीक है. इस बस टर्मिनल को वैश्विक महामारी कोरोना के प्रकोप को शांत होने के बाद संचालित करने की योजना है.

भगवान राम की 251 फीट ऊंची प्रतिमा
251 फीट ऊंची प्रतिमा के लिए चिन्हितन भूमि अयोध्या के माझा बरेहटा ग्राम सभा को नगर निगम क्षेत्र में शामिल कर लिया गया है. यहां भगवान राम की 251 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जानी है. इसके लिए 259 भूखंड अधिग्रहीत करने की सूचना जारी कर दी गई है. भगवान राम की प्रतिमा के नीचे एक विशाल म्यूजियम बनाया जाना है, जिसमें भगवान राम के चरित्र से जुड़े विभिन्न प्रसंगों को दर्शाया जाएगा. प्रतिमा के आसपास के क्षेत्रों के विकास के लिए टाउनशिप योजना के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है.

बन रहा क्वीन हो पार्क
21 करोड़ की लागत से क्वीन हो पार्क बन रहा है. कोरियाई अयोध्या को अपना ननिहाल मानते हैं. उनका मानना है कि अयोध्या की राजकुमारी से कोरिया के राजा किम सुरो का विवाह हुआ था. इसी मान्यता के चलते हुए हर वर्ष अयोध्या आते हैं और महारानी हो की प्रतिमा पर मत्था टेकते हैं. इस कोरियाई मान्यता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत दोनों देशों के बीच के रिश्ते को प्रगाढ़ करने के लिए क्वीन हो पार्क का विकास कर रहा है. अयोध्या बस स्टेशन की जमीन को क्वीन हो पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है. यह पार्क क्वीन हो की प्रतिमा कि परिसर से सटा हुआ है.

गुप्तार घाट का सौंदर्यीकरण
गुप्तार घाट के सौंदर्यीकरण का कार्य 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है. माना जाता है कि अयोध्या में जिस सरयू नदी के तट से भगवान राम ने अपनी लीला समाप्त की थी, वह गुप्तार घाट है. इस पवित्र स्थल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए 35 करोड़ की लागत से घाट का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है. काम लगभग 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है.

लक्ष्मण किला घाट
10 करोड़ की लागत से लक्ष्मण किला घाट के सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा हो गया है. पर्यटन की दृष्टि से यह घाट बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. यह कार्य भी लगभग 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है. भजन संध्या स्थल का कार्य पूरा 22 करोड़ की लागत से अयोध्या के प्रवेश द्वार पर भजन संध्या स्थल का निर्माण किया जा रहा है. भजन संध्या स्थल को बेहद आकर्षक रूप से बनाया गया है. इसके शेड का आकार ठीक भगवान राम के धनुष के आकार का है.

राम की पैड़ी
अयोध्या की भव्यता का एहसास कराने वाली राम की पैड़ी अविरल जल प्रवाह के लिए घाटों का निर्माण अभी बाकी है. राम की पैड़ी के पंपों को दो बार चालू किया जा चुका है, लेकिन बालू जमा होने के कारण इसे बंद करना पड़ता है. जल निकासी के लिए आगे घाटों के निर्माण का कार्य पूरा होने के बाद राम की पैड़ी में जल प्रवाह चालू किया जाएगा.

रामायण सर्किट प्रोजेक्ट
अयोध्या में रामायण सर्किट के तहत विकास किया जा रहा है. यह केंद्र और प्रदेश सरकार का एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है. रामायण सर्किट प्रोजेक्ट के तहत धार्मिक मान्यता के अनुरूप त्रेतायुग में भगवान राम के चरण जहां-जहां पड़े, उस मार्ग से अयोध्या को जोड़ने की योजना है. इस तरह सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों और पर्यटन स्थलों को अयोध्या से जोड़ा जाएगा, जिससे यह नगर वैश्विक स्तर पर स्तर पर पर्यटन की दृष्टि से विकसित होगा.

अयोध्या: श्रीराम मंदिर निर्माण के साथ भव्य और दिव्य अयोध्या का सपना भी देखा जा रहा है. केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाएं अयोध्या को सजाने और संवारने में जुट गई हैं. प्रधानमंत्री स्पष्ट कर चुके हैं कि अयोध्या में जैसे-जैसे राम मंदिर बनता जाएगा, वैसे अयोध्या भी बनती और सजती जाएगी. ईटीवी भारत ने राम नगरी के स्थानीय विधायक वेद प्रकाश गुप्ता से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि अयोध्या विश्व स्तरीय पर्यटन नगरी बनने के साथ पूर्वांचल के विकास में एक नया आयाम स्थापित करेगी.

आस्था, पर्यटन और रोजगार
श्रीराम जन्मभूमि पर राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में 5 अगस्त को शामिल होने पहुंचे पीएम मोदी ने अघोषित रूप से अयोध्या को भव्य बनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि अब राम मंदिर के साथ कई विकास के कार्य होने हैं. राम नगरी को विश्व स्तर की पर्यटन नगरी बनाने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार की कई योजनाएं प्रस्तावित हैं. इनमें से अधिकतर बड़ी योजनाओं पर कार्य भी शुरू हो गया है. ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत में अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने कहा कि जैसे-जैसे अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होता जाएगा, वैसे ही अयोध्या संवरती जाएगी. यहां आस्था और पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे. राम नगरी में ट्रांसपोर्ट और कई औद्योगिक कंपनियों की स्थापना की भी राह आसान होगी. इससे यहां के लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा.

पूर्वांचल में स्थापित होंगे विकास के नए आयाम
नगर विधायक अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने कहा कि अयोध्या के विकास को महज अयोध्या की दृष्टि से ही नहीं बल्कि पूरे पूर्वांचल के विकास की दृष्टि से देखना चाहिए. रामनगरी गेटवे ऑफ पूर्वांचल है. यहां का विकास होने से पूर्वी उत्तर प्रदेश में विकास के नए आयाम स्थापित होंगे. राम मंदिर बनने के साथ अयोध्या को पर्यटन की दृष्टि से वैश्विक स्तर पर स्थापित करने के लिए कई योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है, जो भी रास्ते अयोध्या को जोड़ते हैं उन सब के विकास की योजना है. अयोध्या का रेलवे स्टेशन भी राम नगरी की गरिमा के अनुरूप भव्य बनने जा रहा है. नव युवकों के रोजगार के अवसर भी होंगे. विकास गुप्ता ने कहा कि अयोध्या का विकास पर्यटन की दृष्टि से किया जा रहा है. इसके साथ इस नगर के आर्थिक विकास के रास्ते भी खुलेंगे. यहां के जो छोटे-छोटे व्यवसायी और उद्यमी हैं. उन्हें अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी. इससे अयोध्या के बेरोजगारों नव युवकों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.

अयोध्या में इन योजनाओं पर हो रहा कार्य
600 एकड़ में बन रहा श्रीराम एयरपोर्ट अयोध्या यातायात की दृष्टि से भारत ही नहीं, पूरे विश्व से जुड़ने के लिए यहां पर श्रीराम एयरपोर्ट का विकास किया जा रहा है. फैजाबाद हवाई पट्टी का विकास कर श्रीराम एयरपोर्ट बनाया जा रहा है. आपको बता दें कि वर्ष 1942 में यह हवाई पट्टी स्थापित की गई थी. लंबे समय से इसकी अनदेखी की गई. अब अयोध्या में रामायण सर्किट के तहत श्रीराम एयरपोर्ट पर्यटन की दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है. 2 दिन पहले नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी श्रीराम एयरपोर्ट के विकास की प्रगति की जानकारी लेने अयोध्या पहुंचे थे. एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य जारी है. इसके लिए 525 करोड़ रुपये अवमुक्त किया गया था. अब तक लगभग 300 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. नव विकसित श्रीराम एयरपोर्ट 777 एक्स विमान और डबल डेकर विमान की उड़ान की क्षमता वाला बनेगा.

अयोध्या के विकास पर स्थानीय विधायक वेद प्रकाश गुप्ता से खास बातचीत.

इंटरनेशनल बस टर्मिनल
इंटरनेशनल बस टर्मिनल का कार्य लगभग पूरी अयोध्या में रामायण सर्किट के तहत संस्कृति और पर्यटन के विकास की कई योजनाओं पर कार्य हो रहा है. अयोध्या में 41 बसों के एक साथ संचालित करने की क्षमता वाला इंटरनेशनल बस टर्मिनल लगभग बनकर तैयार हो चुका है. नेशनल हाइवे संख्या-28 पर बन रहा यह बस टर्मिनल अयोध्या के प्रवेश द्वार के नजदीक है. इस बस टर्मिनल को वैश्विक महामारी कोरोना के प्रकोप को शांत होने के बाद संचालित करने की योजना है.

भगवान राम की 251 फीट ऊंची प्रतिमा
251 फीट ऊंची प्रतिमा के लिए चिन्हितन भूमि अयोध्या के माझा बरेहटा ग्राम सभा को नगर निगम क्षेत्र में शामिल कर लिया गया है. यहां भगवान राम की 251 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जानी है. इसके लिए 259 भूखंड अधिग्रहीत करने की सूचना जारी कर दी गई है. भगवान राम की प्रतिमा के नीचे एक विशाल म्यूजियम बनाया जाना है, जिसमें भगवान राम के चरित्र से जुड़े विभिन्न प्रसंगों को दर्शाया जाएगा. प्रतिमा के आसपास के क्षेत्रों के विकास के लिए टाउनशिप योजना के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है.

बन रहा क्वीन हो पार्क
21 करोड़ की लागत से क्वीन हो पार्क बन रहा है. कोरियाई अयोध्या को अपना ननिहाल मानते हैं. उनका मानना है कि अयोध्या की राजकुमारी से कोरिया के राजा किम सुरो का विवाह हुआ था. इसी मान्यता के चलते हुए हर वर्ष अयोध्या आते हैं और महारानी हो की प्रतिमा पर मत्था टेकते हैं. इस कोरियाई मान्यता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत दोनों देशों के बीच के रिश्ते को प्रगाढ़ करने के लिए क्वीन हो पार्क का विकास कर रहा है. अयोध्या बस स्टेशन की जमीन को क्वीन हो पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है. यह पार्क क्वीन हो की प्रतिमा कि परिसर से सटा हुआ है.

गुप्तार घाट का सौंदर्यीकरण
गुप्तार घाट के सौंदर्यीकरण का कार्य 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है. माना जाता है कि अयोध्या में जिस सरयू नदी के तट से भगवान राम ने अपनी लीला समाप्त की थी, वह गुप्तार घाट है. इस पवित्र स्थल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए 35 करोड़ की लागत से घाट का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है. काम लगभग 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है.

लक्ष्मण किला घाट
10 करोड़ की लागत से लक्ष्मण किला घाट के सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा हो गया है. पर्यटन की दृष्टि से यह घाट बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. यह कार्य भी लगभग 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है. भजन संध्या स्थल का कार्य पूरा 22 करोड़ की लागत से अयोध्या के प्रवेश द्वार पर भजन संध्या स्थल का निर्माण किया जा रहा है. भजन संध्या स्थल को बेहद आकर्षक रूप से बनाया गया है. इसके शेड का आकार ठीक भगवान राम के धनुष के आकार का है.

राम की पैड़ी
अयोध्या की भव्यता का एहसास कराने वाली राम की पैड़ी अविरल जल प्रवाह के लिए घाटों का निर्माण अभी बाकी है. राम की पैड़ी के पंपों को दो बार चालू किया जा चुका है, लेकिन बालू जमा होने के कारण इसे बंद करना पड़ता है. जल निकासी के लिए आगे घाटों के निर्माण का कार्य पूरा होने के बाद राम की पैड़ी में जल प्रवाह चालू किया जाएगा.

रामायण सर्किट प्रोजेक्ट
अयोध्या में रामायण सर्किट के तहत विकास किया जा रहा है. यह केंद्र और प्रदेश सरकार का एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है. रामायण सर्किट प्रोजेक्ट के तहत धार्मिक मान्यता के अनुरूप त्रेतायुग में भगवान राम के चरण जहां-जहां पड़े, उस मार्ग से अयोध्या को जोड़ने की योजना है. इस तरह सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों और पर्यटन स्थलों को अयोध्या से जोड़ा जाएगा, जिससे यह नगर वैश्विक स्तर पर स्तर पर पर्यटन की दृष्टि से विकसित होगा.

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