अयोध्या : रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर हर ओर जश्न का माहौल (Ram mandir 2024) है. बधाइयां व सोहर गीत गाए जा रहे हैं, लेकिन आज हम आपको उस किन्नर समाज की गद्दीपति से मिलवाने जा रहे हैं, जिनके पूर्वजों ने रामलला के जन्म पर सोहर गाए थे और नेग लिया था, साथ ही उनके विवाह तक में बधाइयां दी थीं. बड़ी बात यह है कि रामलला के जन्म की शुरुआत से ही पृथ्वी पर स्वर्ग से किन्नरों का आगमन हुआ था. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह से किन्नरों की उत्पत्ति हुई और किस तरह से यह लोग अपने जीवन में आगे बढ़ते चले जा रहे हैं. साथ ही भगवान राम से उनका क्या रिश्ता रहा है.
जन्म और विवाह पर गाए थे बधाई गीत : इन सभी सवालों का जवाब जानने के लिए हम अयोध्या पहुंचे. यहीं पर वो जगह है जहां पर किन्नर समाज की वो गद्दीपति रहती हैं, जिनके पूर्वजों ने भगवान राम के जन्म और विवाह के लिए बधाई गीत गाए थे. अयोध्या में सिर्फ नर-नारी का ही त्याग का जीवन नहीं रहा है. इसके लिए किन्नर समाज का भी जीवन खप गया. कहा जाता है कि इन्हें भगवान राम का आशीर्वाद मिला हुआ है. जब समाज से इनको साथ नहीं मिलेगा तो इनका साथ खुद भगवान राम देंगे. तभी तो ये लोग खुद कहते हैं, 'हमारी झोली तो रामजी भर रहे हैं.' अयोध्या से चौक तरफ जाने के रास्ते पर आपको गुलाबबाड़ी मिलेगा. यहां से कुछ लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर पिंकी किन्नर का घर है.
- अयोध्या में भगवान राम को गोद में लेने वाले किन्नर समाज के पूर्वज मौजूद हैं. |
- किन्नर समाज का भगवान राम के जन्म से लेकर आज तक नाता रहा है. |
- अयोध्या में किन्नर समाज 19 और 23 जनवरी को बधाई गीत गाने का काम करेगा. |
- अयोध्या में महामंडलेश्वर के साथ ही अयोध्या की गद्दीपति मौजूद रहेंगी. |
- 23 जनवरी को किन्नर समाज घर-घर से बधाई लेने का काम करेगा. |
'हमें तो रामलला जी का आशीर्वाद मिला है' : हमारी टीम पिंकी के घर पहुंची. पिंकी अयोध्या की किन्नर समाज की गद्दीपति हैं. हम उनके घर में दाखिल हुए तो थोड़ी देर बैठने के लिए कहा गया. अभी वे खाना खा रही थीं. कुछ देर बाद हमें कमरे में बुलाया गया. अंदर का माहौल तो कुछ और ही दिखा. रामलला के मंदिर में विराजमान होने और अयोध्या के इस मंदिर विवाद में मिली जीत को लेकर अलग-अलग राज्यों से गद्दीपतियों का भी आगमन पहले से ही हुआ है. ये सभी पिंकी के साथ खुशियां बांटने के लिए मौजूद थीं. जब हमने बातचीत शुरू की तो कुछ ने रामलला के स्वागत में गीत गुनगुनाने शुरू कर दिए. उनका कहना है कि, 'हम सनातनी हैं. हमें तो रामलला जी का आशीर्वाद मिला है.'
'...जब ब्रह्मा जी से मदद लेने के लिए कहा' : अयोध्या की गद्दीपति पिंकी बताती हैं, किन्नर की उत्पत्ति कैसे हुई? किन्नर किस भावना में भगवान राम को चाहते हैं? जब राजा दशरथ के घर अयोध्या में भगवान राम का जन्म हुआ. दाई उस समय बोली कि 'प्रभु अब तो चार पुत्रों की प्राप्ति हो गई है. तीनों रानियों को चार बेटे हुए हैं.' इस खुशी में राजा दशरथ अपने गले से मोतियों की, हीरे की माला उतारकर चारों बेटों के ऊपर से फेरकर दाई को देने लगे. दाई बोली, 'इसे हम नहीं लेंगे. ये किसी और को दो.' राजा दशरथ ने वशिष्ठ मुनि से कहा कि अब तो दान निकल चुका है. जब तक ये दान दे नहीं देते तब तक हम अन्न-जल भी ग्रहण नहीं करेंगे. कुछ न कुछ बताइए. वशिष्ठ मुनि ने उनसे ब्रह्मा जी से मदद लेने के लिए कहा.'
भगवान शिव ने लिया था अर्धनारीश्वर का रूप : वे बताती हैं, 'ब्रह्मा जी ने इस समस्या के लिए उन्हें विष्णु भगवान के पास भेज दिया. उन्होंने समुद्र मंथन में मोहिनी रूप लिया था आप उनके पास जाइए. विष्णु भगवान बोले कि मैंने तो मोहिनी का रूप लिया था. कोई ऐसा हो जो दोनों रूपों वाला हो उसे दिया जा सकता है. फिर एक बार शंकर भगवान ने पार्वती जी को मनाने के लिए अर्धनारीश्वर का रूप धारण किया था. इसके बाद उन्होंने राजा दशरथ के आह्नान पर अपना अर्धनारीश्वर का स्वरूप स्वर्ग से धरती पर उतारा. इसके बाद हमारे पूर्वजों की उत्पत्ति हुई. उन्होंने माला लेकर भगवान राम को गोद में लेकर लोरियां गाईं. कनक भवन में जिन लोगों ने भगवान राम को गोद में लेकर आशीर्वाद दिया था, उनके चित्र मौजूद थे.'
19 जनवरी और 23 जनवरी को गाएंगी बधाई गीत : किन्नर अखाड़े की महामंत्री भवानी मां ने बताया, 1992 में जब मामला हुआ था तब मैं बहुत छोटी थी. तब से ये लड़ाई चलते-चलते आज यहां तक पहुंची है. हमें राम मंदिर चाहिए था. परमहंस, गुलशन बिंदु आदि ने इसके लिए संघर्ष किया. लखनऊ, सुल्तानपुर, गोरखपुर, बलिया की गद्दीपतियों ने मिलकर इसके लिए संघर्ष किया. हमने इसके लिए संघर्ष किया और आज 19 जनवरी को हम इसके लिए बधाई गीत गाने का काम करेंगे. हम अपने आप को खुशनसीब समझते हैं कि हमें वो मौका मिला है. हमें पता भी नहीं था कि 2024 में राम मंदिर बन जाएगा. स्वामी परमहंस जी हमें इसकी बधाई दे रहे हैं. पिंकी अयोध्या से जा रही हैं. इसके बाद 23 तारीख को पूरे समाज से इसके लिए बधाई लेंगे. हर घर से हम बधाई मांगेंगे.'
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