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टाटा कंपनी भी राम मंदिर निर्माण में निभा सकती है अहम किरदार!

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Published : Oct 30, 2020, 6:22 PM IST

राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने शुक्रवार को राम जन्मभूमि परिसर में पहुंचकर निर्माण कार्य की समीक्षा की. इसके बाद उन्होंने टाटा कंपनी और ट्रस्ट के अन्य सदस्यों के साथ निर्माण के संबंध में तमाम जानकारियों पर चर्चा की. इससे कयास लगाया जा रहा है कि टाटा कंपनी भी राम मंदिर निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.

टाटा कंपनी भी राम मंदिर निर्माण में निभा सकती है अहम किरदार!
टाटा कंपनी भी राम मंदिर निर्माण में निभा सकती है अहम किरदार!

अयोध्या: राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने शुक्रवार को राम जन्मभूमि परिसर में पहुंचकर निर्माण कार्य की समीक्षा की. इसके बाद उन्होंने टाटा कंपनी और ट्रस्ट के सदस्यों के साथ निर्माण के संबंध में तमाम जानकारियों पर चर्चा की. कयास लगाया जा रहा है कि टाटा कंपनी भी राम मंदिर निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.


शुक्रवार को राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने अयोध्या पहुंचकर राम जन्मभूमि परिसर में चल रहे राम मंदिर के निर्माण कार्य को देखा और प्रगति की समीक्षा की. इसके बाद उन्होंने शहर के सर्किट हाउस में ट्रस्ट के सदस्यों और टाटा कंपनी के इंजीनियर के साथ बैठक की. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नृपेंद्र मिश्र ने ट्रस्ट के सदस्यों के साथ टाटा कंपनी के इंजीनियरों से भी मंदिर निर्माण से जुड़ी तमाम तकनीकी विषयों पर बातचीत की. शुक्रवार को हुई बैठक में टाटा कंपनी के इंजीनियर के शामिल होने से अब कयास लगाए जा रहे हैं कि टाटा कंपनी भी राम मंदिर निर्माण में अपनी भूमिका अदा कर सकती है.

मीडिया से बातचीत करते राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र.
बेहद गंभीरता से किया जा रहा है मंथन
बैठक में शामिल राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अहम सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि मंदिर निर्माण एक लंबी प्रक्रिया है. निर्माण से जुड़े तमाम योजनाओं पर चर्चा करने में समय लगता है. मंदिर हजारों वर्ष तक यूं ही अपने स्थान पर खड़ा रहे, इस प्रकार का मजबूत निर्माण होना है. इसलिए छोटी-छोटी बारिक चीजों पर भी ध्यान दिया जा रहा है. टाटा के इंजीनियरों को बुलाकर उनसे भी विचार-विमर्श किया गया है. तकनीकी विषयों पर जानकारी की गई है.
करोड़ों राम भक्तों की आस्था, विश्वास और श्रद्धा का मंदिर है ये
यह देश के करोड़ों राम भक्तों की आस्था का, उनके विश्वास का, उनकी श्रद्धा का मंदिर है. इसलिए बेहद छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान दिया जा रहा है. अभी बैठक का शुरुआती दौर है. शनिवार को भी निर्माण कार्य से जुड़ी अन्य इकाइयों के साथ बैठक होगी, जिस पर कुछ नए विषयों पर चर्चा होगी. इसके बाद आगे की कार्य नीति तय होगी. अभी आईआईटी चेन्नई के इंजीनियरों ने अपनी रिपोर्ट नहीं दी है, जब रिपोर्ट आ जाएगी तभी आगे की स्थिति स्पष्ट हो पाएगी.शुक्रवार को हुई बैठक में राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के साथ राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र और ट्रस्ट के अन्य सदस्य विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र सहित टाटा कंपनी के तकनीकी विशेषज्ञ शामिल रहे. बैठक में टाटा कंपनी के इंजीनियर के शामिल होने को लेकर कयास लगाया जा रहा है कि अब मंदिर निर्माण में टाटा कंपनी भी एक अहम भूमिका निभा सकती है. हालांकि ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा का कहना है कि कंपनी के इंजीनियर से सलाह ली गई है. टाटा कंपनी की भूमिका पर अभी ट्रस्ट ने कोई निर्णय नहीं लिया है.

अयोध्या: राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने शुक्रवार को राम जन्मभूमि परिसर में पहुंचकर निर्माण कार्य की समीक्षा की. इसके बाद उन्होंने टाटा कंपनी और ट्रस्ट के सदस्यों के साथ निर्माण के संबंध में तमाम जानकारियों पर चर्चा की. कयास लगाया जा रहा है कि टाटा कंपनी भी राम मंदिर निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.


शुक्रवार को राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने अयोध्या पहुंचकर राम जन्मभूमि परिसर में चल रहे राम मंदिर के निर्माण कार्य को देखा और प्रगति की समीक्षा की. इसके बाद उन्होंने शहर के सर्किट हाउस में ट्रस्ट के सदस्यों और टाटा कंपनी के इंजीनियर के साथ बैठक की. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नृपेंद्र मिश्र ने ट्रस्ट के सदस्यों के साथ टाटा कंपनी के इंजीनियरों से भी मंदिर निर्माण से जुड़ी तमाम तकनीकी विषयों पर बातचीत की. शुक्रवार को हुई बैठक में टाटा कंपनी के इंजीनियर के शामिल होने से अब कयास लगाए जा रहे हैं कि टाटा कंपनी भी राम मंदिर निर्माण में अपनी भूमिका अदा कर सकती है.

मीडिया से बातचीत करते राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र.
बेहद गंभीरता से किया जा रहा है मंथन
बैठक में शामिल राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अहम सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि मंदिर निर्माण एक लंबी प्रक्रिया है. निर्माण से जुड़े तमाम योजनाओं पर चर्चा करने में समय लगता है. मंदिर हजारों वर्ष तक यूं ही अपने स्थान पर खड़ा रहे, इस प्रकार का मजबूत निर्माण होना है. इसलिए छोटी-छोटी बारिक चीजों पर भी ध्यान दिया जा रहा है. टाटा के इंजीनियरों को बुलाकर उनसे भी विचार-विमर्श किया गया है. तकनीकी विषयों पर जानकारी की गई है.
करोड़ों राम भक्तों की आस्था, विश्वास और श्रद्धा का मंदिर है ये
यह देश के करोड़ों राम भक्तों की आस्था का, उनके विश्वास का, उनकी श्रद्धा का मंदिर है. इसलिए बेहद छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान दिया जा रहा है. अभी बैठक का शुरुआती दौर है. शनिवार को भी निर्माण कार्य से जुड़ी अन्य इकाइयों के साथ बैठक होगी, जिस पर कुछ नए विषयों पर चर्चा होगी. इसके बाद आगे की कार्य नीति तय होगी. अभी आईआईटी चेन्नई के इंजीनियरों ने अपनी रिपोर्ट नहीं दी है, जब रिपोर्ट आ जाएगी तभी आगे की स्थिति स्पष्ट हो पाएगी.शुक्रवार को हुई बैठक में राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के साथ राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र और ट्रस्ट के अन्य सदस्य विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र सहित टाटा कंपनी के तकनीकी विशेषज्ञ शामिल रहे. बैठक में टाटा कंपनी के इंजीनियर के शामिल होने को लेकर कयास लगाया जा रहा है कि अब मंदिर निर्माण में टाटा कंपनी भी एक अहम भूमिका निभा सकती है. हालांकि ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा का कहना है कि कंपनी के इंजीनियर से सलाह ली गई है. टाटा कंपनी की भूमिका पर अभी ट्रस्ट ने कोई निर्णय नहीं लिया है.
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