अयोध्या: विश्व हिंदू परिषद के सरंक्षक ने गर्भगृह में विराजमान रामलला पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि विग्रह तो परिसर में ही रहेगा, लेकिन उसकी उचित व्यवस्था होगी. निर्मोही अखाड़े की परंपरा में पूजा-अर्चना चलती रही. हम आज भी कहना चाहते हैं कि इसमें कोई दूसरा मत नहीं है. विश्व हिंदू परिषद की भूमिका मंदिर निर्माण तक बनी रहेगी.
सरंक्षक दिनेश चंद्र ने कहा कि ऐसी स्थिति में इस पर सोचने का विषय ही नहीं है. वास्तुकार, यहां के प्रबुद्ध जन और पूज्य संत से परामर्श करके स्थान का चयन कर लिया जाएगा. यहां पर अस्थाई रूप से एक स्थान का निर्माण करके अर्चन-पूजन होता रहेगा. उन्होंने कहा कि इतना बड़ा परिसर है तो मैं समझता हूं कि समय लगेगा. व्यवस्थित ढंग से काम हो, जितना समय की आवश्यकता हो उतना समय लगाकर काम हो. यह हमारी अपेक्षा होगी.
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उन्होंने कहा कि यदि कोई वैदिक सनातन धर्म, संस्कृति और परंपराओं आदि के बारे में जानना चाहता है तो वह यहां आकर अपनी जिज्ञासा शांत कर सके. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी महाराज से मैं निवेदन करूंगा कि अयोध्या का विकास हो. यहां पर आकर कोई भी किसी गली-मोहल्ले में घूमे तो उसको श्री अयोध्या जी का पुरातन काला स्मरण आए और उसे अपने मन की तृप्ति मिल सके. सभी बात को ध्यान में रखकर विकास का चिंतन करें.