अयोध्या: राम मंदिर आंदोलन में रामानंदी परंपरा के मठ दिगंबर अखाड़ा की प्रमुख भूमिका रही है. अखाड़ा के महंत रहे स्वर्गीय रामचंद्र दास परमहंस ने श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के संघर्ष में अपना पूरा जीवन लगा दिया. अंत समय में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के संकल्प के साथ वे दो पूजित शिलाएं शासन को सौंपकर गए. अपेक्षा थी कि जब भी उनके रहने या न रहने पर अयोध्या विवाद समाप्त होगा तो इन शिलाओं के प्रयोग से मंदिर निर्माण का आरंभ होगा. अब स्वर्गीय रामचंद्र दास परमहंस की उत्तराधिकारी महंत सुरेश दास ने डबल लॉक में रखी दोनों शिलाओं को राम मंदिर भूमि पूजन में प्रयोग करने की मांग की है.
22 नवंबर 1949 की रात में अचानक अयोध्या में खबर फैली कि तत्कालीन वादी ढांचे के अंदर रामलला प्रकट हो गए हैं. यह खबर आग की तरह पूरे भारत में फैल गई. इस घटना के बाद राम मंदिर आंदोलन में तेजी आई और इसके नायक बने दिगंबर अखाड़ा के महंत परमहंस रामचंद्र दास. तब से लगातार राम मंदिर निर्माण की मांग जोर पकड़ती गई. अंत में 492 वर्षों के संघर्ष और 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आने के बाद श्री राम मंदिर आंदोलन का उद्देश्य पूरा हुआ.
दिगंबर अखाड़ा के महंत परमहंस रामचंद्र दास लगातार राम मंदिर आंदोलन में अपनी सक्रिय भूमिका निभाते रहे उन्होंने कारसेवकों के नेतृत्व का भी जिम्मा संभाला. अंत में वृद्धावस्था में जब वह स्वस्थ रहने लगे तो उन्होंने दो पूजित शिलाएं शासन को सौंपी और यह संकल्प किया कि राम मंदिर निर्माण की शुरुआत इन्हीं शिलाओं के प्रयोग से होगी. वहीं अब राम मंदिर की आधारशिला में पांच चांदी की शिलाएं रखे जाने की बात सामने आ रही है.
इन शिलाओं पर 5 नक्षत्रों के चिन्ह अंकित हैं. जबकि स्वर्गीय रामचंद्र दास परमहंस की पूजित दूसरी शिलाएं आज भी अयोध्या के कोषागार की डबल लॉक में रखी हुई हैं. ईटीवी भारत के साथ बातचीत के दौरान दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास ने कहा कि जब भूमि पूजन होने जा रहा है तो दिगंबर अखाड़ा स्वर्गीय महंत की पूजित शिलाओं के प्रयोग की मांग करता है.
दिगंबर अखाड़ा से सीएम योगी का लगाव
रामानंदी परंपरा की मठ दिगंबर अखाड़ा से सीएम योगी का लगाव रहा है. जब भी अयोध्या आते हैं तो इस मठ में जरूर आते हैं मठ के महंत सुरेश दास से मुलाकात करते हैं यहां का प्रसाद पाते हैं. महंत सुरेश दास ने बताया कि सीएम उनसे अयोध्या के आध्यात्मिक सांस्कृतिक और अन्य क्षेत्र में विकास को लेकर चर्चा करते हैं. सीएम हर वर्ष स्वर्गीय महंत परमहंस रामचंद्र दास की पुण्यतिथि पर भी दिगंबर अखाड़ा आते रहे हैं.
मंदिर निर्माण के साथ अयोध्या का अन्य क्षेत्र में भी हो विकास
दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास ने कहा कि अयोध्या प्राचीन काल से ही धर्म और आस्था का केंद्र रही है. अब अयोध्या में आध्यात्मिक विकास के साथ रोजगार, चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में विकास की आवश्यकता है. सुरेश दास ने कहा कि सनातन धर्म को सुरक्षित रखने के लिए स्वयं को स्वस्थ रखना आवश्यक है इसके लिए बेहतर चिकित्सा की आवश्यकता है. शिक्षा और यातायात पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.
पीएम भी आ चुके हैं दिगंबर अखाड़ा
महंत सुरेश दास ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजनीतिक पद पर नहीं थे तो बहुत पहले वे दिगंबर अखाड़ा आए थे. तब उन्होंने महंत परमहंस रामचंद्र दास जी महाराज से आशीर्वाद लिया और यहां का प्रसाद ग्रहण किया था.
कहा पीएम ला रहे राम मंदिर की सौगात
दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास ने कहा कि प्रधानमंत्री जब आयोध्या आ रहे हैं तो वे राम मंदिर की सौगात लेकर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि भगवान के स्थान पर राम मंदिर का निर्माण तो होगा ही. इसके साथ साथ राम नगरी के विकास के रास्ते भी खुलेंगे. आस्था और पर्यटन की दृष्टि से अयोध्या में विकास की अपार संभावनाएं हैं.