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हिंदू राष्ट्र की मांग पर अयोध्या के धर्माचार्यों के बीच मतभेद

तपस्वी की छावनी के संत स्वामी परमहंस दास की देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग अयोध्या के संतों के बीच विवाद का विषय बन गया है. कई संत परमहंस दास का समर्थन कर रहे हैं, तो कई संत उनका विरोध कर रहे हैं. रामलला मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास का कहना है कि मौजूदा परिस्थितियां इस मांग के अनुकूल नहीं है.

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Published : Jun 17, 2020, 12:49 PM IST

ayodhya news
आचार्य सतेंद्र दास, मुख्य पुजारी, रामलला.

अयोध्या: तपस्वी की छावनी के स्वामी परमहंस दास कि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग की है. वहीं परमहंस दास की इस मांग को लेकर अयोध्या के संत एकमत नहीं हैं. रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा है कि मौजूदा परिस्थितियों इस मांग के अनुकूल नहीं है. वहीं रामादल ट्रस्ट के अध्यक्ष कल्कि राम ने कहा है कि यह देश के प्रधानमंत्री का विषय है किसी साधु महात्मा का विषय नहीं है.

महंत परमहंस दास के बयान पर संतों में मतभेद
'अभी हिंदू राष्ट्र जैसी बातें करने का समय नहीं'रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि अभी हिंदू राष्ट्र जैसी बातों को करने का समय नहीं है. भारत पहले से ही आर्यावर्त और हिंदुस्तान जैसे नामों से जाना जाता रहा है. मौजूदा समय में भारत के पड़ोसी देशों की सीमाओं पर स्थिति सामान्य नहीं है. समय आने पर हिंदू राष्ट्र के विषय पर भी सरकार सोचेगी. 'यह स्वामी परमहंस दास का व्यक्तिगत विचार'वहीं रामादल ट्रस्ट के अध्यक्ष कल्किराम का कहना है कि यह विषय स्वामी परमहंस दास का व्यक्तिगत हो सकता है. लेकिन अभी वर्तमान में देश पड़ोसी देशों की चुनौतियों का सामना कर रहा है. पूरे देश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साथ देने की जरूरत है. हिंदू राष्ट्र की बात प्रधानमंत्री का विषय है. यह साधु संतों का विषय नहीं है.परमहंस दास ने की भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांगआपको बता दें कि अयोध्या में तपस्वी की छावनी के पीठाधीश्वर रहे परमहंस दास ने भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग की है. इसके लिए छावनी में उन्होंने एक अनुष्ठान भी किया. इस पर अयोध्या के कई संतों का कहना है कि वर्तमान में यह मांग समय उचित नहीं है. अभी हम कोरोना से लड़ रहे हैं. वहीं देश की सीमा पर चुनौतीपूर्ण हालात हैं. इससे भी निपटना हमारी प्राथमिकता है.

अयोध्या: तपस्वी की छावनी के स्वामी परमहंस दास कि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग की है. वहीं परमहंस दास की इस मांग को लेकर अयोध्या के संत एकमत नहीं हैं. रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा है कि मौजूदा परिस्थितियों इस मांग के अनुकूल नहीं है. वहीं रामादल ट्रस्ट के अध्यक्ष कल्कि राम ने कहा है कि यह देश के प्रधानमंत्री का विषय है किसी साधु महात्मा का विषय नहीं है.

महंत परमहंस दास के बयान पर संतों में मतभेद
'अभी हिंदू राष्ट्र जैसी बातें करने का समय नहीं'रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि अभी हिंदू राष्ट्र जैसी बातों को करने का समय नहीं है. भारत पहले से ही आर्यावर्त और हिंदुस्तान जैसे नामों से जाना जाता रहा है. मौजूदा समय में भारत के पड़ोसी देशों की सीमाओं पर स्थिति सामान्य नहीं है. समय आने पर हिंदू राष्ट्र के विषय पर भी सरकार सोचेगी. 'यह स्वामी परमहंस दास का व्यक्तिगत विचार'वहीं रामादल ट्रस्ट के अध्यक्ष कल्किराम का कहना है कि यह विषय स्वामी परमहंस दास का व्यक्तिगत हो सकता है. लेकिन अभी वर्तमान में देश पड़ोसी देशों की चुनौतियों का सामना कर रहा है. पूरे देश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साथ देने की जरूरत है. हिंदू राष्ट्र की बात प्रधानमंत्री का विषय है. यह साधु संतों का विषय नहीं है.परमहंस दास ने की भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांगआपको बता दें कि अयोध्या में तपस्वी की छावनी के पीठाधीश्वर रहे परमहंस दास ने भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग की है. इसके लिए छावनी में उन्होंने एक अनुष्ठान भी किया. इस पर अयोध्या के कई संतों का कहना है कि वर्तमान में यह मांग समय उचित नहीं है. अभी हम कोरोना से लड़ रहे हैं. वहीं देश की सीमा पर चुनौतीपूर्ण हालात हैं. इससे भी निपटना हमारी प्राथमिकता है.
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