अयोध्या: सूर्यग्रहण समाप्त होने के बाद गुरुवार को राम नगरी में जनसैलाब उमड़ा. इस कड़ाके की ठंड में बड़ी संख्या में लोग घर से निकले और सरयू के तट पर डुबकी लगाई.
क्या है धार्मिक मान्यता
धर्म मान्यताओं के अनुसार दो अशुभ ग्रहों राहु और केतु के चलते सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण लगता है. ग्रहण के दौरान किरणों से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है, तो वहीं वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार रोगाणु का प्रभाव इन किरणों के कारण बढ़ता है. शास्त्रों में ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए स्नान आवश्यक बताया गया है.
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मंत्र जाप करने से दूर होती है नकारात्मक ऊर्जा
3 घंटा 36 मिनट तक ग्रहणकाल के बाद राम नगरी में सरयू नदी में बड़ी संख्या में लोगों ने स्नान किया. मान्यता है कि ग्रहणकाल के दौरान मंत्र का जाप करने से ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से बचा जा सकता है. इसके बाद स्नान करना बेहद आवश्यक है. इसी मान्यता के चलते ग्रहण समाप्त के बाद सरयू नदी के किनारे बने घाटों पर लोगों और संतों ने स्नान किया.
तीन बार होता है स्नान
ग्रहण को लेकर 3 स्नान बताए गए हैं. पहला स्नान ग्रहण लगने से पहले और दूसरा स्नान ग्रहण के मध्य और तीसरा मोक्ष का स्नान होता है. स्नान के साथ दान का भी विशेष महत्व होता है. इस दौरान शास्त्रों में यथाशक्ति दान करने की बात कही गई है.
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किसी भी ग्रहण के बाद सरयू के जल से स्नान करना बेहद लाभकारी है. मां सरयू के निर्मल जल में स्नान करने से ग्रहण के दौरान निकलने वाली किरणों की नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त किया जा सकता है. यह स्नान मोक्ष देने वाला है.
-रामदास, महंत, नाका हनुमानगढ़ी