अयोध्या: देश भर में नवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. 29 सितंबर से नवरात्रि शुरू हो रही है, जिसकी तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं. मां दुर्गा, मां काली और समस्त नव दुर्गाओं की नवरात्रि में नौ दिन तक लगातार पूजा होती है. इन दिनों में कन्याओं की पूजा कर लोग मां दुर्गा के नौ रूपों को देखते हैं.
पूरे देश में कोलकाता की मां काली और दुर्गा की पूजा इतनी मशहूर है कि सभी जगहों पर अब कोलकाता की दुर्गा स्वरूप की मूर्तियां दिखने लगी हैं. ऐसा ही एक नजारा अयोध्या में भी दिखने को मिल रहा है. अयोध्या में इन दिनों कोलकाता स्वरूप मां काली और दुर्गा की प्रतिमाओं की बिक्री बढ़ गई है.
ईटीवी भारत ने कारीगर से की बातचीत-
करीगर शिबू ने बताया कि हम लोगों की पसंद के हिसाब से मूर्तियां तैयार करते हैं. जो लोग जैसा फोटो लेकर आते हैं, जैसा बताते हैं हम उन्हें वैसा मूर्ति बना कर देते हैं. इन दिनों ज्यादातर फोटोज हमारे पास कोलकाता में बनाई जाने वाली मूर्तियों की आ रही है.
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उन्होंने बताया कि हम लोग लगभग 10 से 15 रंगों का इस्तेमाल करते हैं. इन रंगों का एक-दूसरे के ऊपर चढ़ जाने का इंतजार करना होता है. एक रंग के ऊपर दूसरे रंग के चढ़ने में लगभग 13 से 14 घंटे का समय लगता है. वहीं मां दुर्गा की आंखों में तीन प्रकार के रंगों का इस्तेमाल होता है, जिससे उन्हें देखते ही एक प्राकृतिक ऊर्जा संचारित होती है.
मूर्ति बनाने में करते हैं प्राकृतिक रंगों का उपयोग-
इस वक्त हम लोग लगभग 50 से ज्यादा छोटी बड़ी मूर्तियों की ऑर्डर्स ले चुके हैं. इन सभी मूर्तियों में हम प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करते हैं. इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता है. इसमें किसी प्रकार का हम लोग केमिकल इस्तेमाल नहीं करते हैं. मूर्ति बनाने में प्रयोग की जाने वाली पुआल और लकड़िया इतनी हल्की होती है और ऐसे पेड़ से काटी जाती है, जिसके जलने के बाद कार्बन बहुत कम मात्रा में निकलता है.
वहीं मूर्तियों को बनाने के लिए प्रयोग की जाने वाली मिट्टी को लेकर बताया कि यह मिट्टी हर जगह उपलब्ध नहीं होती. आस-पास के गांवों में जाते हैं. वहां की मिट्टी को देखते हैं, चेक करते हैं तब जाकर हमें वह मिट्टी मिल पाती है, जिससे मां की प्रतिमा को एक रूप दिया जा सके.