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अयोध्या: 1 साल बाद कब्र से निकाला गया कंकाल, फिर से होगी जांच

यूपी के अयोध्या में एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है. न्यायालय के आदेश पर एक साल बाद कब्र से एक युवक का कंकाल निकलवाया गया है. साथ ही हत्या और साक्ष्य छुपाने की धाराओं में आरोपियों पर मुकदमा भी दर्ज किया गया है.

पुलिस टीम.
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Published : Nov 3, 2020, 3:55 AM IST

अयोध्या: जिले में एक बेहद सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें 1 साल पहले संदिग्ध परिस्थितियों में एक सड़क हादसे में मारे गए युवक के शव को कब्र से निकलवाया गया है. यह पूरी कार्रवाई न्यायालय के आदेश पर हुई है, जिसके बाद अधिकारियों की मौजूदगी में कंकाल में तब्दील हो चुके शव को बाहर निकलवाकर फिर से पूरे मामले की जांच की जा रही है. वहीं इस पूरे प्रकरण में हत्या और साक्ष्य छिपाने की धाराओं में आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है.

जानें पूरा मामला
अयोध्या के ग्रामीण थाना क्षेत्र हैदरगंज इलाके में एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसमें 1 वर्ष पूर्व संदिग्ध परिस्थितियों में मारे गए युवक के शव को न्यायालय के आदेश पर कब्र से खुदवाकर फिर से पूरे मामले की जांच की जा रही है. इतना ही नहीं न्यायालय ने मृतक के परिजनों की अपील पर हत्या और साक्ष्य छुपाने का मामला भी दर्द किया है. सोमवार को नायब तहसीलदार गरिमा वर्मा की मौजूदगी में शव की बरामदगी के लिए कब्र की खुदाई की गई.

संदिग्ध परिस्थितियों में मौत
इस घटनाक्रम में 7 अक्टूबर वर्ष 2019 को हरिकेश पुत्र नाम निरंजन उम्र 30 वर्ष अपने साथी सुभाष निवासी थाना अहिरौली जनपद अंबेडकरनगर के साथ मोटरसाइकिल चलाते हुए हैदरगंज से अपने गांव थरिया कला वापस आ रहा था, लेकिन उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में सड़क हादसे में मौत हो गई. मृतक की मोटरसाइकिल सड़क पर बनी पुलिया से टकराती हुई गिरी पड़ी हुई थी और शराब की शीशियां भी इधर-उधर बिखरी थी, जबकि मृतक का हेलमेट दूसरे दिन दूर गड्ढे में पड़ा मिला था.

इस घटना में जहां हरिकेश की घटनास्थल पर मौत होना बताया गया. वहीं उसके साथ मौजूद सुभाष वर्मा भी घायल हुआ, जिसका जिला चिकित्सालय में इलाज कराया गया और वह ठीक भी हो गया. मामले की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने गांव वालों की मौजूदगी में शिनाख्त के बाद शव परिजनों को सौंप दिया था. उसको दफन कराने की प्रक्रिया की गई थी.

थाने का चक्कर लगाता रहा पिता
इस घटना के 2 महीने बाद मृतक के पिता ने पुलिस के सामने शिकायत की थी कि उसके बेटे की हत्या कर दी गई है. लेकिन पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद निरंजन ने न्यायालय की शरण लेकर इंसाफ मांगा. जिसके बाद हैदरगंज थाने में हत्या और साक्ष्य मिटाने के आरोप में शालिग्राम, सुभाष , पुत्तन और राजित राम के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. वहीं न्यायालय के निर्देशानुसार मृतक के शव को कब्र से निकलवाकर फिर से पूरे मामले की जांच की जा रही है.

अयोध्या: जिले में एक बेहद सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें 1 साल पहले संदिग्ध परिस्थितियों में एक सड़क हादसे में मारे गए युवक के शव को कब्र से निकलवाया गया है. यह पूरी कार्रवाई न्यायालय के आदेश पर हुई है, जिसके बाद अधिकारियों की मौजूदगी में कंकाल में तब्दील हो चुके शव को बाहर निकलवाकर फिर से पूरे मामले की जांच की जा रही है. वहीं इस पूरे प्रकरण में हत्या और साक्ष्य छिपाने की धाराओं में आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है.

जानें पूरा मामला
अयोध्या के ग्रामीण थाना क्षेत्र हैदरगंज इलाके में एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसमें 1 वर्ष पूर्व संदिग्ध परिस्थितियों में मारे गए युवक के शव को न्यायालय के आदेश पर कब्र से खुदवाकर फिर से पूरे मामले की जांच की जा रही है. इतना ही नहीं न्यायालय ने मृतक के परिजनों की अपील पर हत्या और साक्ष्य छुपाने का मामला भी दर्द किया है. सोमवार को नायब तहसीलदार गरिमा वर्मा की मौजूदगी में शव की बरामदगी के लिए कब्र की खुदाई की गई.

संदिग्ध परिस्थितियों में मौत
इस घटनाक्रम में 7 अक्टूबर वर्ष 2019 को हरिकेश पुत्र नाम निरंजन उम्र 30 वर्ष अपने साथी सुभाष निवासी थाना अहिरौली जनपद अंबेडकरनगर के साथ मोटरसाइकिल चलाते हुए हैदरगंज से अपने गांव थरिया कला वापस आ रहा था, लेकिन उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में सड़क हादसे में मौत हो गई. मृतक की मोटरसाइकिल सड़क पर बनी पुलिया से टकराती हुई गिरी पड़ी हुई थी और शराब की शीशियां भी इधर-उधर बिखरी थी, जबकि मृतक का हेलमेट दूसरे दिन दूर गड्ढे में पड़ा मिला था.

इस घटना में जहां हरिकेश की घटनास्थल पर मौत होना बताया गया. वहीं उसके साथ मौजूद सुभाष वर्मा भी घायल हुआ, जिसका जिला चिकित्सालय में इलाज कराया गया और वह ठीक भी हो गया. मामले की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने गांव वालों की मौजूदगी में शिनाख्त के बाद शव परिजनों को सौंप दिया था. उसको दफन कराने की प्रक्रिया की गई थी.

थाने का चक्कर लगाता रहा पिता
इस घटना के 2 महीने बाद मृतक के पिता ने पुलिस के सामने शिकायत की थी कि उसके बेटे की हत्या कर दी गई है. लेकिन पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद निरंजन ने न्यायालय की शरण लेकर इंसाफ मांगा. जिसके बाद हैदरगंज थाने में हत्या और साक्ष्य मिटाने के आरोप में शालिग्राम, सुभाष , पुत्तन और राजित राम के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. वहीं न्यायालय के निर्देशानुसार मृतक के शव को कब्र से निकलवाकर फिर से पूरे मामले की जांच की जा रही है.

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