अयोध्याः राम नगरी के बैसिंग गोशाला में गोवंशों की दर्दनाक मौत के मामले में ईटीवी भारत की खबर का असर देखने को मिला है. इस प्रकरण से जुड़ी रिपोर्ट ईटीवी भारत में प्रसारित होने के बाद नगर निगम के पार्षदों का एक प्रतिनिधिमंडल महापौर ऋषिकेश उपाध्याय से मिला और उनसे इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. पार्षदों ने गोशाला में और बेहतर व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने की भी मांग की है.
बताते चलें कि अयोध्या की बैसिंग गोशाला में नगर निगम द्वारा पूरे नगर क्षेत्र से पकड़ कर गोवंशों को रखा जाता है. इस गोशाला में तकरीबन 15,00 गोवंश रहते हैं, लेकिन उचित देखरेख के अभाव में इस गोशाला में लगातार गोवंशों की मौत का सिलसिला जारी है. हालात तो तब बिगड़ गए जब सप्ताह भर पूर्व लगातार 24 घंटे की बारिश का यह नतीजा हुआ कि पूरी गोशाला कीचड़ के एक तालाब में तब्दील हो गई और गोवंश लगातार 24 घंटे से ज्यादा वक्त तक उसी कीचड़ में खड़े रहे.
इसके चलते कई गोवंश भूख प्यास से मर गए. जिन्हें मिट्टी में दफनाए जाने की कार्रवाई की खबर ईटीवी भारत को मिल गई थी. जिसके बाद जब ईटीवी भारत की टीम मौके पर पहुंची तो हड़कंप मच गया. आनन-फानन में महापौर ऋषिकेश उपाध्याय और नगर आयुक्त विशाल सिंह ने खुद गोशाला में पहुंचकर ट्रैक्टर ट्रॉली पर बैठकर पूरे गोशाला का निरीक्षण किया था और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया था. इसी मामले को लेकर नगर निगम के पार्षदों के एक दल ने महापौर ऋषिकेश उपाध्याय से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा है.
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे पार्षद आलोक मिश्र ने कहा कि ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि गोशाला की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को दंडित करने और गोशाला में गोवंश के रहने और उनके भोजन का समुचित प्रबंध किया जाए. पार्षद विनय जायसवाल ने कहा कि धार्मिक नगरी अयोध्या में लोग पुण्य अर्जन करने आते हैं, लेकिन कुछ तथाकथित लापरवाह अधिकारियों के कारण गोशाला में गौ माता की देखभाल नहीं हो पा रही थी, जिसके कारण इतनी बड़ी घटना हुई है. दोषियों को कतई छोड़ा नहीं जा सकता. आपको बता दें कि इस गोशाला में पहले भी गोवंशों के मरने की घटनाएं हुई हैं और उस पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी ने गंभीरता दिखाते हुए 5 अधिकारी, कर्मचारियों को निलंबित भी किया था.