अयोध्या: अयोध्या में एक मंदिर पर कब्जेदारी के लिए दो पक्षों में बमबाजी हो गई. इसकी सूचना पर जिले में हड़कंप मच गया. मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस के मुताबिक प्रथम दृष्टया मंदिर पर कब्जे को लेकर विवाद सामने आया है. जिसमें आतिशबाजी वाले बम का प्रयोग कर दहशत फैलाने की कोशिश की गई है. मंदिर के महंत ने एक संत के ऊपर मंदिर पर कब्जा करने का आरोप लगाया है.
कोतवाली पुलिस के मुताबिक गुरुवार सुबह चार बजे नरसिंह मंदिर में तेज धमाका हुआ. मंदिर में मौजूद संत रामशंकर ने दहशत फैलाने के लिए पटाखा फोड़ा था. महंत रामशरण दास ने घुमक्कड़ और नशेबाज संत रामशंकर के खिलाफ थाने में तहरीर दी है. पुलिस ने घटना के समय मंदिर में मौजूद 6 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है.
नरसिंह मंदिर के महंत रामशरण दास ने पुलिस को दी तहरी में बताया कि सुबह चार बजे मंदिर की छत पर दो धमाके हुए थे. धमाके की आवाज सुनकर मंदिर में रह रहे विद्यार्थी और बाकी सभी लोग जाग गए और पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने मंदिर में छानबीन की और घटना के समय मौजूद लोगोंं से पूछताछ की. मंदिर के महंत ने बताया कि मंदिर में एक घुमक्कड़ और नशेबाज साधु रामशंकर रहता है. वह यहीं का पुराना शिष्य है. उसी ने दहशत फैलाने की नीयत से पटाखे जैसी आवाज का कोई विस्फोटक मंदिर में फोड़ा. संत रामशंकर पहले भी चोरों के साथ मिलकर मंदिर की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और चोरी करने का जैसा संगीन अपराध किया है.
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डीएसपी अयोध्या राजेश तिवारी ने बताया कि भोर में पुलिस को सूचना दी गई कि नरसिंह मंदिर में बम धमाके जैसी आवाज आई है. मौके पर पहुंची पुलिस ने मौके पर मौजूद लोगों से पूछताछ की. जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे उस पर कार्रवाही की जाएगी. मंदिर के बुजुर्ग महंत ने मंदिर में निवास करने वाले रामशंकरदास नाम के एक संत पर आरोप लगाया है. आरोपी से पूछताछ की जा रही है.
संतों ने घेरी आयोध्या कोतवाली: मंदिर के महंत की शिकायत के बाद पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए मंदिर में रहने वाले संत के समर्थन में अयोध्या के संतों का एक बड़ा गुट खड़ा हो गया है. उन्होंने कोतवाली अयोध्या का घेराव कर पुलिस पर एक पक्षी कार्रवाई करने का गंभीर आरोप लगाया है. कोतवाली का घेराव करने वाले संत नरसिंह मंदिर के संत रामशंकर की गिरफ्तारी से नाराज हैं. संतों का दावा है कि मंदिर पर भू माफियाओं की नजर हैं. कूट रचित घटना के अंतर्गत पुजारी को फंसाने का प्रयास किया जा रहा है. संतों का यह भी आरोप है कि योगी सरकार में अयोध्या कोतवाली की पुलिस बदमाशों को बढ़ावा दे रही है.
अपराधी करना चाहते हैं मंदिर की संपत्ति पर कब्जा
कोतवाली का घेराव करने पहुंचे राम वल्लभा कुंज के अधिकारी महंत राजकुमार दास ने कहा कि 20 दिन पहले ही पुलिस को इस बारे में सूचना दी गई थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. उन्होंने कहा कि इस पूरी घटना में अयोध्या के एक ऐसे संत का हाथ है, जो लगातार अपराधियों के संगत में है. पहले भी उन्होंने आपराधिक वारदातों को करवाया है. मणिराम दास छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास महाराज के ऊपर भी हुए हमले में वह संत और उनके सहयोगी शामिल थे.
इस पूरी घटना में भी मंदिर की संपत्ति को कब्जा करने के लिए कुछ अपराधिक प्रवृत्ति के लोग हिंसात्मक घटना को अंजाम दे रहे हैं. उन्होंने न सिर्फ मंदिर के पुजारी को फंसाने का प्रयास किया है. बल्कि मंदिर के महंत की वृद्धावस्था का फायदा उठाकर उनसे गलत दस्तावेजों पर दस्तखत करा कर मंदिर की संपत्ति को हड़पने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. अगर मंदिर के महंत ऐसे लोगों को बढ़ावा दे रहे हैं,तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए.
मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत व श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास, किलाधीश मैथिली रमण शरण, मंगल भवन पीठाधीश्वर रविदास कृपालु ,जानकी घाट मंदिर के महंत जनमेजय शरण, महंत शशिकांत दास, महंत मिथिलेश नंदनी शरण समेत सैकड़ों की तादाद में कोतवाली का महंतो ने घेराव किया.
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