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पहली बार श्री रामलला को मिला ब्लोअर, ओढ़ाई गई रजाई

अयोध्या में बढ़ती ठंड के चलते श्रीराम जन्मभूमि पर विराजमान रामलला को रजाई ओढ़ाई गई है. बढ़ती ठंड से बचाने के लिए बाल स्वरूप रामलला के लिए ब्लोअर भी पहली बार लगाया गया है. इससे पहले टेंट में होने के कारण सुरक्षा कारणों से किसी भी प्रकार के यंत्र और अंगीठी के प्रयोग पर रोक थी.

पहली बार श्री रामलला को मिला ब्लोअर
पहली बार श्री रामलला को मिला ब्लोअर
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Published : Dec 12, 2020, 5:08 PM IST

अयोध्या: बढ़ती ठंड के चलते श्रीराम जन्मभूमि पर विराजमान रामलला ने रजाई ओढ़ ली है. मौसम के बदलते मिजाज और तेजी से बढ़ती ठंड से बचाने के लिए बाल स्वरूप रामलला के लिए ब्लोअर लगाया गया है. इससे बाल स्वरूप के भगवान श्री रामलला पर ठण्ड का कोई असर नहीं पड़ेगा.

इस बार श्री रामजन्मभूमि में विराजमान बाल स्वरूप के भगवान श्री रामलला पर ठण्ड कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि रामलला अब टेंट से निकलकर अस्थाई मंदिर में विराजमान हो चुके है. जहां उन्हें ठंड से बचाए जाने की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है. टेंट में होने के कारण सुरक्षा कारणों से किसी भी प्रकार के यंत्र के प्रयोग पर रोक थी.

28 वर्षों से टेंट में विराजमान थे रामलला
राम जन्मभूमि परिसर में विराजमान भगवान श्री रामलला 28 वर्षों से टेंट में विराजमान थे. इस दौरान रामलला को सिर्फ गर्म वस्त्र ही मिल रहे थे. टेंट में सुरक्षा कारणों से किसी भी प्रकार के यंत्र व अंगीठी के प्रयोग पर रोक थी, लेकिन 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 25 मार्च को भगवान श्री रामलला टेंट से निकलकर आधुनिक सुविधाओं से संपन्न अस्थाई मंदिर में विराजमान है.

अब ठंड से बचाने के लिए लगाया गया ब्लोअर
साथ ही ठंड को देखते हुए रामलला के लिए 3 जोड़ी रजाई गद्दा व गर्म कपड़े बनाए गए हैं. श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि 27 वर्षों तक भगवान श्री रामलला विवाद होने के कारण टेंट में विराजमान थे, जहां उन्हें सिर्फ एक रजाई दो प्रकार के वस्त्र ही मिल पा रहे थे.

श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि टेंट में होने के कारण किसी भी प्रकार का यंत्र व अंगूठी का प्रयोग नहीं किया जा सकता था, लेकिन अब भगवान श्री रामलला पहली बार आधुनिक सुख सुविधा से युक्त मंदिर में विराजमान है. ठंड को लेकर गर्म हवा देने वाले ब्लोअर मशीन, गद्दा, रजाई व वस्त्र के साथ सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं.

अयोध्या: बढ़ती ठंड के चलते श्रीराम जन्मभूमि पर विराजमान रामलला ने रजाई ओढ़ ली है. मौसम के बदलते मिजाज और तेजी से बढ़ती ठंड से बचाने के लिए बाल स्वरूप रामलला के लिए ब्लोअर लगाया गया है. इससे बाल स्वरूप के भगवान श्री रामलला पर ठण्ड का कोई असर नहीं पड़ेगा.

इस बार श्री रामजन्मभूमि में विराजमान बाल स्वरूप के भगवान श्री रामलला पर ठण्ड कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि रामलला अब टेंट से निकलकर अस्थाई मंदिर में विराजमान हो चुके है. जहां उन्हें ठंड से बचाए जाने की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है. टेंट में होने के कारण सुरक्षा कारणों से किसी भी प्रकार के यंत्र के प्रयोग पर रोक थी.

28 वर्षों से टेंट में विराजमान थे रामलला
राम जन्मभूमि परिसर में विराजमान भगवान श्री रामलला 28 वर्षों से टेंट में विराजमान थे. इस दौरान रामलला को सिर्फ गर्म वस्त्र ही मिल रहे थे. टेंट में सुरक्षा कारणों से किसी भी प्रकार के यंत्र व अंगीठी के प्रयोग पर रोक थी, लेकिन 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 25 मार्च को भगवान श्री रामलला टेंट से निकलकर आधुनिक सुविधाओं से संपन्न अस्थाई मंदिर में विराजमान है.

अब ठंड से बचाने के लिए लगाया गया ब्लोअर
साथ ही ठंड को देखते हुए रामलला के लिए 3 जोड़ी रजाई गद्दा व गर्म कपड़े बनाए गए हैं. श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि 27 वर्षों तक भगवान श्री रामलला विवाद होने के कारण टेंट में विराजमान थे, जहां उन्हें सिर्फ एक रजाई दो प्रकार के वस्त्र ही मिल पा रहे थे.

श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि टेंट में होने के कारण किसी भी प्रकार का यंत्र व अंगूठी का प्रयोग नहीं किया जा सकता था, लेकिन अब भगवान श्री रामलला पहली बार आधुनिक सुख सुविधा से युक्त मंदिर में विराजमान है. ठंड को लेकर गर्म हवा देने वाले ब्लोअर मशीन, गद्दा, रजाई व वस्त्र के साथ सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं.

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