अयोध्या: रामनगरी अयोध्या के रामलला गर्भ गृह में बड़े ही धूमधाम से भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया. रात्रि करीब 12 बजे श्री राम जन्मभूमि परिसर स्थित अस्थाई मंदिर में घंटे घड़ियाल की मंगल ध्वनि के बीच भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ. इस मौके पर उन्हें विविध प्रकार के व्यंजनों का भोग भी लगाया गया. वहीं, रात्रि करीब 1 बजे के लगभग शयन आरती के बाद रामलला के दरबार के कपाट को बंद कर दिया गया.
श्री राम जन्मभूमि के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने रात्रि करीब 12 बजे भगवान श्री कृष्ण का जन्म कराया. घंटे घड़ियाल की मंगल ध्वनि के बीच भगवान श्री कृष्ण के जय जयकार के बीच भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ. जिसके बाद मुख्य पुजारी ने पंचामृत से भगवान का अभिषेक कराया. इसके बाद श्रृंगार करने के बाद उन्हें धनिया की पंजीरी सिंघाड़े के आटे का हलवा पेड़ा फल सहित अन्य मिष्ठान से भोग लगाया गया. इस दौरान परिसर में बधाई गीत बजते रहे और परिसर में मौजूद ट्रस्ट के सदस्य और सुरक्षा कर्मियों की मौजूद रहे.
भगवान श्री कृष्ण की नगरी मथुरा में गुरुवार की रात 12 बजे शंख, घड़ियाल, मृदंग आदि अन्य वाद्य यंत्रों की मंगल ध्वनि के बीच भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया. वहीं, भगवान राम लला के अस्थाई मंदिर में जय श्री राम के साथ गंजे नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल के श्वर प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी परंपरागत रूप से राम जन्मभूमि परिसर में रामलला के गर्भ ग्रह में जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया. इसके साथ ही अयोध्या के अन्य मंदिर जैसे कनक भवन, राम बल्लभ कुंज, जानकी महल, दशरथ जी का महल और हनुमानगढ़ी समेत अन्य सभी मंदिरों में भी जन्माष्टमी का पर्व हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया है.
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