अयोध्या: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन नगरी अयोध्या में 22 जनवरी को प्रस्तावित भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर व्यापक स्तर पर तैयारी की गई है. अयोध्या को धार्मिक पर्यटन नगरी के रूप में पूरे विश्व में विख्यात करने के लिए केंद्र प्रदेश सरकार ने बड़ी योजनाएं लागू की है. 22 जनवरी के कार्यक्रम के बाद भी अयोध्या में आने वाली बड़ी भीड़ के रहने, खाने और उनकी मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार ने बेहद हाईटेक व्यवस्था की है. इसी कड़ी में अयोध्या को स्वच्छ बनाए रखने के लिए बायो टॉयलेट्स की व्यवस्था भी की गई है.
सफाई की व्यवस्था प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती: अयोध्या के नगर आयुक्त एवं अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने कहा कि अयोध्या में बड़े पैमाने पर विकास हो रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में हम धार्मिक पर्यटन और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए सरयू घाटों के किनारे बायो टॉयलेट्स स्थापित कर रहे हैं. अयोध्या नगर निगम की इस पहल का उद्देश्य मकर संक्रांति स्नान और पर्यटन के लिए प्रमुख घाटों पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा में सुधार करना है. उन्होंने कहा कि ये बायो टॉयलेट सिर्फ सुविधाओं से कहीं अधिक हैं.ये अयोध्या को धार्मिक पर्यटन और पर्यावरणीय स्थिरता के लिए एक मॉडल शहर बनाने की एक बड़ी योजना का हिस्सा हैं. सुविधाओं में 24/7 टोल-फ्री हेल्पलाइन, मुफ्त सार्वजनिक पहुंच, स्वच्छता और संचालन का रखरखाव शामिल है.
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एनजीटी के निर्देशों पर बनाए गए बायो टॉयलेट: विशाल सिंह ने बताया कि महिलाओं और पुरुष दोनों के लिए बहुभाषी साइनेज और शौचालय की सुविधा सुनिश्चित की गई है. इसके अलावा पर्यावरणीय दिशानिर्देशों का पालन करते हुए, ये बायो टॉयलेट्स ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016, एनजीटी दिशानिर्देशों और स्वच्छ भारत मिशन एसबीएम 2.0 निर्देशों के अनुरूप बनाए गए हैं. श्रद्धालुओं से अपील की गयी है कि अयोध्या को स्वच्छता, स्थिरता और आध्यात्मिक महत्व का प्रतीक बनाने की दिशा में इस यात्रा में हमारे साथ शामिल हों.