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आयुष्मान योजना में फर्जी राशन कार्डों की होगी पहचान

उत्तर प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना लागू होने के बाद से ही कई प्रकार की समस्याएं सामने आ रही हैं. सांची संस्था और एफसीएस का अनुबंध होने के बाद अब आयुष्मान भारत में हो रही धोखाधड़ी और समस्याओं पर लगाम कसी जाएगी.

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आयुष्मान भारत और फूड सिविल सप्लाई का अनुबंध.
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Published : Jan 2, 2020, 9:38 PM IST

लखनऊ: आयुष्मान भारत को उत्तर प्रदेश में लागू हुए लगभग डेढ़ साल हो चुके हैं. अब तक करीब 11 लाख लोगों को इस योजना का लाभ मिल चुका है. साथ ही 80 लाख लोगों का आयुष्मान कार्ड बन चुका है. लेकिन बीते डेढ़ साल में ऐसे बहुत से मामले सामने आए हैं, जिनमें आयुष्मान भारत कार्ड बनवाने में राशन कार्ड की गड़बड़ियां सामने आई थीं.

आयुष्मान भारत और फूड सिविल सप्लाई का अनुबंध.

आयुष्मान भारत का कार्यभार देख रही सांची संस्था का एफसीएस (फूड सिविल सप्लाई) से अनुबंध किया गया है. इससे अब राशन कार्ड के माध्यम से आयुष्मान भारत में हो रही गड़बड़ियों पर लगाम लगाई जा सकेगी.

अपात्रों पर कसी जाएगी लगाम
आयुष्मान भारत का कार्यभार देख रही संस्था ने यह निर्णय लिया है कि वह अब फूड सिविल सप्लाई के माध्यम से राशन कार्ड धारकों के राशन कार्ड नंबर से ही उनकी पात्रता का पता लगा लेगी. इससे अपात्रों का राशन कार्ड के माध्यम से आयुष्मान भारत कार्ड बनवाने का काला धंधा पूरी तरीके से बंद हो जाएगा.

बीते कई दिनों में ऐसी कई घटनाएं उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों से भी सामने आ रही थी. अपात्रों ने फर्जी राशन कार्ड से आयुष्मान भारत योजना के कार्ड बनवा लिए थे. इन कारणों से बहुत से ऐसे वास्तविक मरीज थे, जिनको योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था.

सांची संस्था की निदेशक ने दी जानकारी

सांची की निदेशक संगीता सिंह ने बताया कि इस पूरे मामले पर सांची संस्था ने इन गड़बड़ियों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए फूड सिविल सप्लाई के माध्यम से एक फैसला लिया गया है. इसके मुताबिक उत्तर प्रदेश के सभी सीएससी, पीएससी, जिला अस्पतालों के आयुष्मान काउंटरों पर लाभार्थियों को सिर्फ अपना राशन कार्ड नंबर ही बताना होगा. उसके बाद वहां बैठा आयुष्मान मित्र यह पता लगा लेगा कि इस व्यक्ति का राशन कार्ड एफसीएस की सूची में है या नहीं. इस तरह से धोखाधड़ी करने वालों पर लगाम कसी जाएगी.

इसे भी पढ़ें:- अनुसूचित जाति के युवा बनेंगे व्यवसाय संवाददाता, बैंक एजेंट के रूप में करेंगे काम

लखनऊ: आयुष्मान भारत को उत्तर प्रदेश में लागू हुए लगभग डेढ़ साल हो चुके हैं. अब तक करीब 11 लाख लोगों को इस योजना का लाभ मिल चुका है. साथ ही 80 लाख लोगों का आयुष्मान कार्ड बन चुका है. लेकिन बीते डेढ़ साल में ऐसे बहुत से मामले सामने आए हैं, जिनमें आयुष्मान भारत कार्ड बनवाने में राशन कार्ड की गड़बड़ियां सामने आई थीं.

आयुष्मान भारत और फूड सिविल सप्लाई का अनुबंध.

आयुष्मान भारत का कार्यभार देख रही सांची संस्था का एफसीएस (फूड सिविल सप्लाई) से अनुबंध किया गया है. इससे अब राशन कार्ड के माध्यम से आयुष्मान भारत में हो रही गड़बड़ियों पर लगाम लगाई जा सकेगी.

अपात्रों पर कसी जाएगी लगाम
आयुष्मान भारत का कार्यभार देख रही संस्था ने यह निर्णय लिया है कि वह अब फूड सिविल सप्लाई के माध्यम से राशन कार्ड धारकों के राशन कार्ड नंबर से ही उनकी पात्रता का पता लगा लेगी. इससे अपात्रों का राशन कार्ड के माध्यम से आयुष्मान भारत कार्ड बनवाने का काला धंधा पूरी तरीके से बंद हो जाएगा.

बीते कई दिनों में ऐसी कई घटनाएं उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों से भी सामने आ रही थी. अपात्रों ने फर्जी राशन कार्ड से आयुष्मान भारत योजना के कार्ड बनवा लिए थे. इन कारणों से बहुत से ऐसे वास्तविक मरीज थे, जिनको योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था.

सांची संस्था की निदेशक ने दी जानकारी

सांची की निदेशक संगीता सिंह ने बताया कि इस पूरे मामले पर सांची संस्था ने इन गड़बड़ियों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए फूड सिविल सप्लाई के माध्यम से एक फैसला लिया गया है. इसके मुताबिक उत्तर प्रदेश के सभी सीएससी, पीएससी, जिला अस्पतालों के आयुष्मान काउंटरों पर लाभार्थियों को सिर्फ अपना राशन कार्ड नंबर ही बताना होगा. उसके बाद वहां बैठा आयुष्मान मित्र यह पता लगा लेगा कि इस व्यक्ति का राशन कार्ड एफसीएस की सूची में है या नहीं. इस तरह से धोखाधड़ी करने वालों पर लगाम कसी जाएगी.

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उत्तर प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के तहत बीते दिनों कई सालों से इस योजना के लागू हो जाने के बाद से ही राशन कार्ड के माध्यम से तमाम गड़बड़ियां व गोरखधंधे सामने आ रहे थे। इन्हीं सब मामलों पर अब लगाम लगाने के लिए आयुष्मान भारत का कार्यभार देख रही सांचीज संस्था के द्वारा एफसीएस (फूड सिविल सप्लाई) सें अनुबंध किया गया है। जिससे कि अब राशन कार्ड के माध्यम से आयुष्मान भारत में हो रही गड़बड़ियों पर लगाम लगाई जा सकेगी।





Body:लगभग डेढ़ साल हो चुके आयुष्मान भारत को उत्तर प्रदेश में लागू हुए।इससे अब तक करीब 11 लाख मरीजों को इस योजना का लाभ मिल चुका है। तो वहीं 80 लाख लोगों का आयुष्मान कार्ड बन चुका है। लेकिन बीते डेढ़ साल में ऐसे बहुत बहुत से मामले सामने आए हैं जिनमें राशन कार्ड आदि की गड़बड़ियां आयुष्मान भारत कार्ड बनवाने में सामने आई थी।इन्हीं गड़बड़ियों को ध्यान में रखते हुए। आयुष्मान भारत का कार्यभार देख रही संस्था के द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि वह अब फूड सिविल सप्लाई के माध्यम से राशन कार्ड धारकों सिर्फ़ उनका राशन कार्ड नंबर से ही उनकी पात्रता का पता चल जाएगा। जिससे कि कुपात्रों द्वारा राशन कार्ड के माध्यम से आयुष्मान भारत कार्ड बनवाने का गौरखधंधा पूरी तरीके से नष्ट हो जाएगा। बीते कई दिनों में ऐसी कई घटनाएं उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में भी सामने आ रही थी। जहां पर को कुपात्रों द्वारा नकली राशन कार्ड आदी बनवाकर के आयुष्मान भारत योजना में शामिल होने के कई मामले सामने आ रहे थे। ऐसे में बहुत से ऐसे भी मरीज थे जिनको वास्तविकता में इस योजना का लाभ इन्हीं को कुपात्र लोगों की वजह से नहीं मिल पा रहा था।अब इस पूरे मामले पर साचीज संस्था द्वारा इस गड़बड़ियों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए फूड सिविल सप्लाई के माध्यम से यह निर्णय लिया गया है कि उत्तर प्रदेश के सभी सीएससी पीएससी जिला अस्पतालों पर बने आयुष्मान काउंटरों पर लाभार्थियों को सिर्फ अपना राशन कार्ड नंबर ही बताना होगा। जिसके बाद वहां बैठा आयुष्मान मित्र यह पता चलेगा कि इस व्यक्ति का राशन कार्ड एफसीएस की सूची मे उपलब्ध है या नहीं। जिससे की राशन कार्ड के माध्यम से पहले इस गोरखधंधे पर लगाम लगाई जा सकेगी।इससे संबंधित जानकारी हमसे साझा की साचीज की निदेशक संगीता सिंह ने

बाइट- संगीता सिंह, निदेशक, सांचीज





Conclusion:हालांकि अधिकारियों द्वारा फूड सिविल सप्लाई से अनुबंध के बाद पूरे प्रदेश में पहले इस गोरखधंधे पर लगाम लगाने की बात कही जा रही है।लेकिन अब देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले दिनों में इससे नेटवर्क पर लगाम लग पाएगी य हालात जस के तस बने रहेंगे।


एन्ड पीटीसी
शुभम पाण्डेय
7054605976


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