अयोध्या: मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर आगामी 5 जून को अयोध्या का अपना दौरा स्थगित कर दिया है. इसके साथ ही महीनेभर से चल रही जुबानी जंग भी खत्म होती नजर आ रही है. राज ठाकरे का दौरा रद्द होने को लेकर अयोध्या के संतों ने अपनी प्रतिक्रिया दी. कहा कि यह दौरा रद्द होना ही था क्योंकि राज ठाकरे ने उत्तर भारतीयों से माफी मांगना स्वीकार नहीं किया है. अभी भी उनका और उनके कार्यकर्ताओं का रवैया पहले जैसा ही है.
गौरतलब है कि कैसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने 5 जून को अयोध्या चलो का नारा दिया था. उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर उत्तर भारतीयों और अयोध्या के संतों से माफी मांगे बिना राज ठाकरे अयोध्या दर्शन करने आते हैं तो उनका विरोध किया जाएगा. उन्हें अयोध्या में घुसने नहीं दिया जाएगा. इसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया. विरोध के साथ सियासी गलियारों में चर्चा गरम हो गई.
राज ठाकरे का अयोध्या कार्यक्रम रद्द होने के बाद संकट मोचन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत संजय दास ने कहा कि अयोध्या का संत समाज, कैसरगंज के सांसद बृजभूषण सिंह और वह सभी उत्तर भारतीय राज ठाकरे का विरोध कर रहे थे. इनके साथ ही राज ठाकरे और उनके कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र में उत्तर भारतियों के साथ दुर्व्यवहार किया. उन्हें मारा-पीटा और वहां से भगा दिया. हम कतई स्वीकार नहीं करते कि राज ठाकरे अयोध्या में आकर दर्शन-पूजन करें.
संत समाज और उत्तर भारतीयों ने राज ठाकरे से कहा था कि वह अपनी गलती को स्वीकार करें और क्षमा मांगें. इसके बाद आकर रामलला का दर्शन करें. हालांकि उन्होंने ऐसा करना उचित नहीं समझा. इसके उलट अपना दौरा ही रद्द कर दिया. इससे स्पष्ट है कि अभी भी उनकी नीति और रीति पहले जैसी ही है.
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हनुमानगढ़ी के प्रमुख संत हेमंत दास ने कहा कि अच्छा हुआ उन्होंने अपना दौरा रद्द कर दिया. बिना माफी मांगे अगर वह उत्तर प्रदेश की धरती पर कदम रखते तो एयरपोर्ट पर ही उन्हें रोक लिया जाता. उन्हें अपनी गलती पर पछतावा होना चाहिए और उत्तर भारतीयों से माफी मांगनी चाहिए. संत समाज उन्हें माफ कर देता लेकिन जिस तरह से उन्होंने अपना दौरा रद्द किया. इससे स्पष्ट है कि उन्हें अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है. ऐसी स्थिति में संत समाज उन्हें कभी भी अयोध्या आने की अनुमति नहीं देगा.
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