अयोध्या: धार्मिक स्थलों को श्रद्धालुओं के लिए खोलने के निर्णय से अयोध्या के संतों और मुस्लिम धर्मगुरुओं में खुशी है. उन्होंने शासन के इस निर्णय का स्वागत किया है. रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि मंदिरों को खोले जाने से वहां की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा. वहीं इमाम हाजी मोहम्मद सलीम का कहना है कि मस्जिदों में पूरी तरह सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए लोगों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी.
सरकार का निर्णय स्वागत योग्य
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के चलते 2 महीने से अधिक समय तक राम नगरी के सभी धार्मिक स्थल श्रद्धालुओं के लिए बंद रहे. कोरोना का संक्रमण लंबे समय तक चलने वाला है. ऐसे में सरकार बचाव के साथ धार्मिक स्थलों को खोलने की व्यवस्था दे रही है. शासन का यह निर्णय स्वागत योग्य है. उनका कहना है कि कोरोना संक्रमण का खतरा बूढ़ों और बच्चों को ज्यादा है. उन्हें धार्मिक स्थलों पर दर्शन करने से बचना चाहिए. अपने बचाव में ही बचाव है.
मंदिरों की सुधरेगी अर्थव्यवस्था
हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास का कहना है कि लंबे समय से मठ, मंदिरों के बंद होने से उनकी अर्थव्यवस्था चरमराने लगी थी. इस समस्या से संतों ने शासन और प्रशासन को अवगत कराया था. सरकार का धार्मिक स्थलों को खोले जाने का निर्णय मठ मंदिरों के हित में है. वैश्विक महामारी से बचाव के उपाय के साथ श्रद्धालुओं को दर्शन कराने की व्यवस्था की जाएगी. महंत राजू दास ने कहा कि मंदिर में कोविड-19 से बचाव की पूरी तैयारी की गई है.
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मस्जिदों में सोशल डिस्टेंसिंग का होगा पालन
वहीं केवड़ा मस्जिद के इमाम हाजी मोहम्मद सलीम ने कहा है कि शासन की ओर से निर्धारित संख्या में लोगों को मस्जिद में प्रवेश दिया जाएगा. शासन और प्रदेश प्रशासन के निर्देशों का पूरी तरह से पालन कराया जाएगा. मस्जिद में डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य रूप से किया जाएगा.