अयोध्या: केरल में गर्भवती हथिनी की हत्या को लेकर राम नगरी के संतों में आक्रोश है. संत समाज का कहना है कि हाथी को हिंदू धर्म में भगवान गणेश का दर्जा दिया गया है. ऐसे में केरल में गर्भवती हथिनी की हत्या जघन्य अपराध है. दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि केरल सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए.
केरल सरकार के खिलाफ किया गया हवन
अयोध्या के राम की पैड़ी स्थित रामादल ट्रस्ट में केरल सरकार के खिलाफ हवन किया गया. यज्ञशाला पर अपनी वेदना को सफेद कागज पर उकेरा गया. रामादल ट्रस्ट के अध्यक्ष पंडित कल्किराम ने केरल सरकार से इस्तीफे की मांग की है. पंडित कल्किराम का कहना है कि हिंदू धर्म में भगवान गणेश की आराधना की जाती है और हाथी की पूजा की जाती है. ऐसे में हथिनी की हत्या एक जघन्य अपराध है. दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.
दोषियों के खिलाफ हो कड़ी कार्रवाई
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भी केरल सरकार से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि ऐसी घटना दोबारा न घटे, इसके लिए कठोर कदम उठाने चाहिए. उन्होंने घटना को लेकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. साथ ही केरल सरकार को इसके लिए जवाबदेह बताया है.
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हथिनी की हत्या अमानवीय
वहीं जगतगुरु राम दिनेशचार्य ने केरल में हथिनी की हत्या को अमानवीय कृत्य बताया है. उन्होंने मामले में दोषियों को सजा दिलाने के लिए केंद्र सरकार से पहल करने की मांग की है. जगतगुरु राम दिनेशाचार्य ने कहा है कि हथिनी की निर्मम हत्या को लेकर निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. किसी भी दशा में मामले में दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए.