अयोध्या: राम नगरी को सोलर सिटी बनाने का कार्य शुरू हो गया है. श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट द्वारा बाग विजेसर में तीर्थ क्षेत्र पुरम टेंट सिटी में श्री राम जन्मभूमि क्षेत्र के महासचिव चंपत राय और महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने वैदिक विद्वानों की उपस्थिति में पूजन अर्चन कर इसकी शुरुआत की गई.
ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी चल रही है. भक्तों के लिए टेंट सिटी बनाई जा रही है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सूर्य भगवान ही प्राकृतिक ऊर्जा प्रदान करते हैं. भगवान राम सूर्यवंश के थे, इसलिए अयोध्या प्राकृतिक सोलर ऊर्जा से आच्छादित हो यह बहुत अच्छी बात है. उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के दौरान आने वाले भक्त टेंट सिटी में रहेंगे तो सबसे पहले यहां टेंट सिटी स्थापित हो रही है. पूजन कार्यक्रम में संगठन मंत्री गजेन्द्र, अनिल मिश्रा, प्रोफेसर वीएन अरोड़ा, अपर नगर आयुक्त शशि शेखर, गोपाल जी सहित अन्य लोग मौजूद रहे.
महापौर गिरीशपति त्रिपाठी ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इच्छा है कि अयोध्या सोलर सिटी के रूप में विकसित हो. उसी को लेकर यह पहला कदम रखा गया है. जहां सोलर पैनल का पूजन करके उद्घाटन किया गया. धीरे-धीरे पूरी अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में परिवर्तित किया जाएगा. नगर निगम भी इसमें अपना सहयोग प्रदान कर रहा है. अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व अयोध्या धाम को सोलर स्ट्रीट लाइट से जगमगाने की योजना तैयार मूर्त रूप लेने जा रही है. अयोध्या के 131 मठ-मंदिरों और सभी वार्डों में 1500 सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई जाएंगी.
जानिए अयोध्या में कहां-कहां लगाई जाएंगी सोलर लाइटें
यूपी नेडा के परियोजना अधिकारी प्रवीण नाथ पांडेय ने बताया कि दिल्ली की कम्पनी केएलके को सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. अयोध्या धाम के रामसेवक पुरम, भरत आश्रम, राम धाम आश्रम, 11 मुखी हनुमान मंदिर, श्याम सदन, मौनी माझा आश्रम, जगन्नाथ मंदिर, राम कचहरी मंदिर, करुणा निधान भवन, कनक भवन, वेद मंदिर, सद्गुरू सदन, हनुमंत निवास, बधाई भवन, बड़ी कुटी प्रमोद वन, विअहुती भवन, रामायणी जी कुटिया, पागल दास जी मृदंग आश्रम, सीता निवास प्रमोदवन, हनुमानगढ़, कनक महल, जानकी घाट, परमहंस आश्रम, लोटनी भवानी मंदिर तुलसी नगर, बाटी बाबा आश्रम, श्री राम दूत आश्रम, राम वल्लभा कुंज जानकी घाट सहित 131 मठ-मंदिरों और वार्डों में सोलर स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी.
सीआरपीएफ के जवानों को मिला अपना आशियाना
वहीं, रामनगरी में रामलला की निगहबानी कर रहे सीआरपीएफ के जवानों को भी अपना आशियाना मिल गया है. सीआरपीएफ 63 बटालियन के नए कैंप का उद्घाटन आज दिल्ली से वर्चुअली सीआरपीएफ के डीजी डॉ सुजय लाल थाउसेन ने किया. सीआरपीएफ का नया कैंप थाना पूराकलंदर के चांदपुर में प्रयागराज हाईवे के बगल में बनाया गया है. सीआरपीएफ कैंप अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को भी कनेक्ट करता है.
25 एकड़ जमीन पर 100 करोड़ की लागत से बनाए गए हैं फैमिली क्वार्टर
सीआरपीएफ कैंप लगभग 25 एकड़ जमीन पर लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है. इसमें 350 जवानों की क्षमता के बैरेक बनाए गए हैं. इसके अतिरिक्त फैमिली क्वार्टर के टाइप 4 के 6 और टाइप 5 के 4 क्वार्टर भी बनाए गए हैं. सीआरपीएफ का अपना अस्पताल भी बनाया गया है. इससे पहले सीआरपीएफ कैंप नवीन मंडी में था. लेकिन, अब बहु खंडिए आवासीय ब्लॉक, अस्पताल सहित अन्य भवन भी बनकर तैयार हो गए हैं, जिसका आज विधिवत उद्घाटन कर दिया गया.
'अयोध्या में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या से बढ़ेगी चुनौती'
नए सीआरपीएफ कैंप के उद्घाटन होने के बाद आईजी सीआरपीएफ सतपाल रावत ने राम मंदिर की सुरक्षा को लेकर कहा कि सीआरपीएफ के लिए कोई भी चैलेंज नया नहीं है. जब से राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ है, इसमें कई तरह की तकनीकी इस्तेमाल की गई थी. राम मंदिर निर्माण पूरा होने के बाद और ज्यादा श्रद्धालु अयोध्या पहुंचेंगे. जब अयोध्या में भीड़ बढ़ेगी तो अयोध्या में लगी सभी सुरक्षा एजेंसियो के लिए भी चैलेंज बढ़ेंगे. यह सिर्फ हमारे लिए नहीं जितने भी सिक्योरिटी फोर्सज अयोध्या में लगी है, उन सभी के लिए चुनौतियां बढ़ेंगी. इस चैलेंज के लिए सीआरपीएफ ही नहीं, बाकी सभी सुरक्षा एजेंसियां भी तैयार हैं. उन्होंने कहा कि राम मंदिर बनने के बाद बहुत से सुरक्षा उपकरण नए आएंगे और सुरक्षा की दृष्टि से नए प्रबंध भी किए जाएंगे.
'तकनीकी के इस्तेमाल से नहीं होगी कभी फेल्योर की समस्या'
सुरक्षा एजेंसी के आपस में कम्युनिकेशन गैप के सवाल पर आईजी सीआरपीएफ ने कहा कि हमारे पास बहुत सी अल्टरनेटिव सुविधा भी उपलब्ध हैं. हम मोबाइल पर निर्भर नहीं हैं. हमारे पास अपने वायरलेस सेट हैं. हमारे पास अपनी एलोकेटेड फ्रीक्वेंसी है. इसके अलावा हमारे पास डेडीकेशन लाइंस भी हैं. सेवरलीज लाइन भी हैं, इससे हम ऑल ओवर इंडिया कनेक्ट हैं. ऐसा कभी नहीं होगा कि सारी चीज एक साथ ठप हो जाएं.
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