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नववर्ष के जश्न में अयोध्यावासियों ने उड़ाया कोविड प्रोटोकॉल का मजाक

यूपी के अयोध्या में जश्न के माहौल में शहर के लोग कोरोना संक्रमण के खतरे को पूरी तरह से भूल गए. ईटीवी भारत ने शहर के प्रसिद्ध गुलाब बाड़ी परिसर में पहुंचकर एक रियलिटी चेक किया और यह जानने की कोशिश की कि आखिरकार कोरोना संक्रमण के खतरे को लेकर शहर के लोग कितने संजीदा हैं.

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Published : Jan 2, 2021, 2:22 AM IST

अयोध्यावासियों ने उड़ाया कोविड प्रोटोकॉल का मजाक
अयोध्यावासियों ने उड़ाया कोविड प्रोटोकॉल का मजाक

अयोध्याः साल 2021 का आगाज अयोध्या वासियों ने बेहद जोश और खरोश के साथ किया. सुबह से ही प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी, राम जन्मभूमि, कनक भवन मंदिर परिसर में दर्शन करने के लिए लोगों की भीड़ जमा रही. वहीं शहर के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों और पार्कों में भी लोग अपने परिवार के साथ नए साल का जश्न मनाते हुए नजर आए. लेकिन जश्न के माहौल में शहर के लोग कोरोना संक्रमण के खतरे को पूरी तरह से भूल गए. ईटीवी भारत ने शहर के प्रसिद्ध गुलाब बाड़ी परिसर में रियलिटी चेक किया और यह जानने की कोशिश की कि आखिरकार कोरोना संक्रमण के खतरे को लेकर शहर के लोग कितने संजीदा हैं.

नववर्ष पर सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ाई धज्जियां.

बच्चों और बुजुर्गों की सेहत का नहीं रखा ख्याल
अयोध्या शहर के प्रमुख दर्शनीय स्थल गुलाब बाड़ी परिसर में दोपहर बाद से लोगों की बेतहाशा भीड़ हो गई. आलम यह था कि गुलाब बाड़ी जाने वाले रास्ते पर जाम की स्थिति थी. लोग पैदल भी नहीं चल पा रहे थे. नए साल का जश्न मनाने पहुंचे शहर के लोगों की भीड़ में महिलाएं बच्चे, बूढ़े और जवान सभी थे लेकिन अगर नहीं था तो किसी के चेहरे पर मास्क. कोविड-19 के खतरे को शहर के लोगों ने पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया.

आलम यह था कि लोग बेहद बेफिक्री से भीड़ के बीच खड़े होकर तस्वीरें खिंचवा रहे थे. एक दूसरे का हाथ पकड़ कर नए साल का गर्मजोशी से स्वागत कर रहे थे. बच्चे पार्क में खेलकूद कर रहे थे. वही बच्चों के साथ बड़े भी बेहद लापरवाह बने हुए थे.

जिला प्रशाशन की अपील का नही पड़ा कोई असर
जिला प्रशासन ने पहले ही लोगों से अपील की थी कि शहर के लोग अपने घरों में ही नए साल का जश्न मनाएं. भीड़भाड़ वाले स्थानों पर ना जाएं. जो लोग जा रहे हैं वह कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करें. लेकिन ऐसा कुछ भी शहर के पार्कों और दर्शनीय स्थलों पर नहीं देखने को मिला और लोग बेखौफ होकर भीड़भाड़ वाले स्थानों पर घूमते नजर आए.

मास्क के सवाल पर लोगों ने किए दिलचस्प बहाने
ईटीवी भारत ने नए साल का जश्न मना रहे लोगों के बीच जाकर यह जानने की कोशिश की कि आखिरकार उन्होंने मास्क क्यों नहीं लगाया. ईटीवी भारत के सवालों के जवाब में अयोध्यावासियों ने जो बातें कहीं वह न सिर्फ बेहद दिलचस्प थीं बल्कि तनाव बढ़ाने वाली भी थी.

चिंतित है केंद्र और प्रदेश सरकार
आपको बता दें कि साल 2020 पूरी तरह से कोरोना संक्रमण के खतरे की भेंट चढ़ गया. लोगों को यह उम्मीद थी कि साल 2021 में काफी कुछ बदलेगा और जिंदगी पहले की तरह रफ्तार से चल पड़ेगी और लोगों को कोरोना के खतरे से निजात मिलेगी. लेकिन कोविड-19 वैक्सीन के मार्केट में आने से पहले ही ब्रिटेन से कोरोना का नया स्ट्रेन मेहमान बन कर भारत पहुंच गया. इस नए स्ट्रेन के संक्रमण की खतरनाक क्षमता को लेकर केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार चिंतित है. इस खतरे को आम जनता जानबूझकर नजरअंदाज कर रही है जो चिंता का विषय है. फिलहाल इस खतरे को लेकर सभी को जागरूक होने की जरूरत है. जब तक कोविड वैक्सीन लगाने का काम पूरा नहीं हो जाता तब तक कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना सभी की जान बचाने का सबसे सशक्त माध्यम है.

अयोध्याः साल 2021 का आगाज अयोध्या वासियों ने बेहद जोश और खरोश के साथ किया. सुबह से ही प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी, राम जन्मभूमि, कनक भवन मंदिर परिसर में दर्शन करने के लिए लोगों की भीड़ जमा रही. वहीं शहर के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों और पार्कों में भी लोग अपने परिवार के साथ नए साल का जश्न मनाते हुए नजर आए. लेकिन जश्न के माहौल में शहर के लोग कोरोना संक्रमण के खतरे को पूरी तरह से भूल गए. ईटीवी भारत ने शहर के प्रसिद्ध गुलाब बाड़ी परिसर में रियलिटी चेक किया और यह जानने की कोशिश की कि आखिरकार कोरोना संक्रमण के खतरे को लेकर शहर के लोग कितने संजीदा हैं.

नववर्ष पर सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ाई धज्जियां.

बच्चों और बुजुर्गों की सेहत का नहीं रखा ख्याल
अयोध्या शहर के प्रमुख दर्शनीय स्थल गुलाब बाड़ी परिसर में दोपहर बाद से लोगों की बेतहाशा भीड़ हो गई. आलम यह था कि गुलाब बाड़ी जाने वाले रास्ते पर जाम की स्थिति थी. लोग पैदल भी नहीं चल पा रहे थे. नए साल का जश्न मनाने पहुंचे शहर के लोगों की भीड़ में महिलाएं बच्चे, बूढ़े और जवान सभी थे लेकिन अगर नहीं था तो किसी के चेहरे पर मास्क. कोविड-19 के खतरे को शहर के लोगों ने पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया.

आलम यह था कि लोग बेहद बेफिक्री से भीड़ के बीच खड़े होकर तस्वीरें खिंचवा रहे थे. एक दूसरे का हाथ पकड़ कर नए साल का गर्मजोशी से स्वागत कर रहे थे. बच्चे पार्क में खेलकूद कर रहे थे. वही बच्चों के साथ बड़े भी बेहद लापरवाह बने हुए थे.

जिला प्रशाशन की अपील का नही पड़ा कोई असर
जिला प्रशासन ने पहले ही लोगों से अपील की थी कि शहर के लोग अपने घरों में ही नए साल का जश्न मनाएं. भीड़भाड़ वाले स्थानों पर ना जाएं. जो लोग जा रहे हैं वह कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करें. लेकिन ऐसा कुछ भी शहर के पार्कों और दर्शनीय स्थलों पर नहीं देखने को मिला और लोग बेखौफ होकर भीड़भाड़ वाले स्थानों पर घूमते नजर आए.

मास्क के सवाल पर लोगों ने किए दिलचस्प बहाने
ईटीवी भारत ने नए साल का जश्न मना रहे लोगों के बीच जाकर यह जानने की कोशिश की कि आखिरकार उन्होंने मास्क क्यों नहीं लगाया. ईटीवी भारत के सवालों के जवाब में अयोध्यावासियों ने जो बातें कहीं वह न सिर्फ बेहद दिलचस्प थीं बल्कि तनाव बढ़ाने वाली भी थी.

चिंतित है केंद्र और प्रदेश सरकार
आपको बता दें कि साल 2020 पूरी तरह से कोरोना संक्रमण के खतरे की भेंट चढ़ गया. लोगों को यह उम्मीद थी कि साल 2021 में काफी कुछ बदलेगा और जिंदगी पहले की तरह रफ्तार से चल पड़ेगी और लोगों को कोरोना के खतरे से निजात मिलेगी. लेकिन कोविड-19 वैक्सीन के मार्केट में आने से पहले ही ब्रिटेन से कोरोना का नया स्ट्रेन मेहमान बन कर भारत पहुंच गया. इस नए स्ट्रेन के संक्रमण की खतरनाक क्षमता को लेकर केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार चिंतित है. इस खतरे को आम जनता जानबूझकर नजरअंदाज कर रही है जो चिंता का विषय है. फिलहाल इस खतरे को लेकर सभी को जागरूक होने की जरूरत है. जब तक कोविड वैक्सीन लगाने का काम पूरा नहीं हो जाता तब तक कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना सभी की जान बचाने का सबसे सशक्त माध्यम है.

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