अयोध्या : काफी हंगामे और शोर-शराबे के बीच गुरुवार को अयोध्या नगर निगम की बोर्ड बैठक संपन्न हुई. बैठक में नगर के विकास से संबंधित योजनाओं के लिए 276 करोड़ रुपए का बजट पास हुआ. बोर्ड बैठक के दौरान टेंडर मामले को लेकर, विपक्षी नेताओं ने जमकर हंगामा काटा और सदन में जमीन पर बैठकर पहले धरना दिया, उसके बाद सदन का वॉकआउट कर दिया. विरोध जताने वाले समाजवादी पार्टी के पार्षदों का आरोप है कि टेंडर की प्रक्रिया में नगर आयुक्त द्वारा भ्रष्टाचार किया जा रहा है. इसलिए यह प्रक्रिया ऑनलाइन के जगह मैनुअल तरीके से की जाए.
सपा पार्षद हाजी असद ने कहा कि नगर आयुक्त विशाल सिंह तानाशाही रवैया अपनाते हैं. पोर्टल के माध्यम से भ्रष्टाचार कर रहे हैं. उनकी मांग है कि टेंडर मैनुअल किए जाए. सदन में हंगामा करने वाले समाजवादी पार्टी के अन्य पार्षदों ने आरोप लगाया कि उनके क्षेत्र में विकास से जुड़ी कई योजनाएं जिनमें- सड़क निर्माण, नाली, खड़ंजा निर्माण, योजनाओं को लेकर वह लगातार महापौर और नगर आयुक्त से निवेदन कर रहे हैं, लेकिन काम नहीं हो रहा है. पार्षदों ने आरोप लगाया कि 4 साल का कार्यकाल पूरा हो गया है. अब जनता क्षेत्र में हुए विकास पर सवाल कर रही है. हम जनता के सामने कैसे जाएं. वहीं सदन में सत्ता दल के पार्षदों ने विकास योजनाओं से जुड़ी चर्चा में भाग लिया. साथ ही सदन में मौजूद सदस्यों की सहमति से अयोध्या नगर निगम का 276 करोड़ों रुपए का बजट पास हुआ.
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नगर आयुक्त विशाल सिंह का कहना था कि हंगामे के बीच 276 करोड़ रुपए का बजट पास किया गया है. इस 276 करोड़ रुपए से अयोध्या नगर निगम क्षेत्र का विकास किया जाएगा. अयोध्या एक धार्मिक पौराणिक क्षेत्र है. मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार अयोध्या के विकास के लिए नगर निगम काम कर रहा है. नगर निगम क्षेत्र की सड़कें, नाली, लाइटिंग, साफ-सफाई व अन्य काम के लिए धनराशि का प्रयोग किया जाएगा.