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भगवान राम की नगरी में रामलीला के अस्तित्व पर संकट

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Published : Dec 6, 2020, 4:37 PM IST

कोरोना संकट के कारण रामलीला मंचन की परंपरा बाधित होने के चलते मंडल के संचालक किसी तरह अपना अस्तित्व तो बचा रहे हैं, लेकिन रामलीला के कलाकार समस्याओं से जूझकर अपने घरों की ओर रुख करने लगे हैं.

अयोध्या में रामलीला
अयोध्या में रामलीला

अयोध्या: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में रामलीला के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. कोरोना काल के चलते करीब नौ माह से आर्थिक संकट झेल रही राम नगरी की 24 से ज्यादा रामलीला मंडली अपने अस्तित्व से जूझ रही हैं. कलाकारों को समय से वेतन नहीं मिल पा रहा है और वो अपने घर लौट रहे हैं. संचालक भी अपने अस्तित्व को लेकर बहुत चिंतित हैं.

जानकारी देते रामलीला मंडली संचालक.

कलाकार जा रहे घर
कोरोना संकट के चलते रामलीला मंचन की परंपरा बाधित होने के चलते मंडल के संचालक किसी तरह अपना अस्तित्व तो बचा रहे हैं, लेकिन रामलीला के कलाकार समस्याओं से जूझकर अपने घरों की ओर रुख करने लगे हैं. ऐसे में सरकारी सहयोग न मिलने पर रामलीला मंडली के संचालकों ने सरकार के प्रति नाराजगी जताई है. अयोध्या में स्वर्गद्वार, वासुदेवघाट प्रमोदवन आदि स्थानों पर सैकड़ों वर्षों से रामलीला के मंचन के लिए संस्थाएं कार्य कर रही हैं.

वासुदेव घाट स्थित आदर्श रामलीला मंडली महंत जयराम दास के काल में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सहित केंद्र सरकार द्वारा पुरस्कृत की गई. इस मंडली ने विदेशों में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. इसके जरिए न केवल अयोध्या और राम के आदर्शों का प्रचार-प्रसार हुआ, बल्कि अयोध्या की रामलीला के बेहतरीन मंचन से स्थानीय कलाकारों की प्रतिभा उभरकर सामने आई. इस मंडली के संचालक व पत्थर मंदिर के महंत मनीष दास कहते हैं कि किसी तरह मंडली का अस्तित्व बरकरार रखा गया है. उनकी मंडली में करीब 50 कलाकार हैं, जिनमें कई अपने घर चले गए हैं.

भुखमरी का संकट
परिस्थितियों के चलते भुखमरी का संकट सामने दिखने लगा है. महंत मनीष दास ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से रामलीला संचालकों का सहयोग करने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम के प्रति गहरा लगाव रखने वाली मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जरूर इस पर गंभीरतापूर्वक विचार करेंगे.

स्वर्गद्वार स्थित रामलीला मंडली के संचालक रविंद्र महाराज ने अपने मंडली से जुड़े भगवान के मुकुट दिखाते हुए कहा कि रामलीला का संचालन न होने से यह सब बर्बाद हो रहे हैं. अगर कुछ माह और संचालन न हुआ तो भगवान के कपड़े, मुकुट सब बर्बाद हो जाएंगे.

अयोध्या: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में रामलीला के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. कोरोना काल के चलते करीब नौ माह से आर्थिक संकट झेल रही राम नगरी की 24 से ज्यादा रामलीला मंडली अपने अस्तित्व से जूझ रही हैं. कलाकारों को समय से वेतन नहीं मिल पा रहा है और वो अपने घर लौट रहे हैं. संचालक भी अपने अस्तित्व को लेकर बहुत चिंतित हैं.

जानकारी देते रामलीला मंडली संचालक.

कलाकार जा रहे घर
कोरोना संकट के चलते रामलीला मंचन की परंपरा बाधित होने के चलते मंडल के संचालक किसी तरह अपना अस्तित्व तो बचा रहे हैं, लेकिन रामलीला के कलाकार समस्याओं से जूझकर अपने घरों की ओर रुख करने लगे हैं. ऐसे में सरकारी सहयोग न मिलने पर रामलीला मंडली के संचालकों ने सरकार के प्रति नाराजगी जताई है. अयोध्या में स्वर्गद्वार, वासुदेवघाट प्रमोदवन आदि स्थानों पर सैकड़ों वर्षों से रामलीला के मंचन के लिए संस्थाएं कार्य कर रही हैं.

वासुदेव घाट स्थित आदर्श रामलीला मंडली महंत जयराम दास के काल में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सहित केंद्र सरकार द्वारा पुरस्कृत की गई. इस मंडली ने विदेशों में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. इसके जरिए न केवल अयोध्या और राम के आदर्शों का प्रचार-प्रसार हुआ, बल्कि अयोध्या की रामलीला के बेहतरीन मंचन से स्थानीय कलाकारों की प्रतिभा उभरकर सामने आई. इस मंडली के संचालक व पत्थर मंदिर के महंत मनीष दास कहते हैं कि किसी तरह मंडली का अस्तित्व बरकरार रखा गया है. उनकी मंडली में करीब 50 कलाकार हैं, जिनमें कई अपने घर चले गए हैं.

भुखमरी का संकट
परिस्थितियों के चलते भुखमरी का संकट सामने दिखने लगा है. महंत मनीष दास ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से रामलीला संचालकों का सहयोग करने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम के प्रति गहरा लगाव रखने वाली मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जरूर इस पर गंभीरतापूर्वक विचार करेंगे.

स्वर्गद्वार स्थित रामलीला मंडली के संचालक रविंद्र महाराज ने अपने मंडली से जुड़े भगवान के मुकुट दिखाते हुए कहा कि रामलीला का संचालन न होने से यह सब बर्बाद हो रहे हैं. अगर कुछ माह और संचालन न हुआ तो भगवान के कपड़े, मुकुट सब बर्बाद हो जाएंगे.

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