अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि मामले में लोअर कोर्ट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से जिन वकीलों ने श्रीरामलला विराजमान के लिए पैरवी की थी और अन्य हिंदू पक्षों का भी पक्ष रखा था, शनिवार को विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) ने उन अधिवक्ताओं का सम्मानित किया. इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए साध्वी ऋतंभरा भी शनिवार को अयोध्या पहुंचीं.
मंच पर भावुक हुईं साध्वी ऋतंभरा
कार्यक्रम के दौरान साध्वी ऋतंभरा भावुक होकर कहा कि आज जो हुआ है, उसमें किसी का पुरुषार्थ नहीं है, बल्कि सब राम की माया है. सब की नियति राम पहले ही तय कर चुके थे. 9 नवंबर को जो फैसला आया, उसने सबको आनंदमय कर दिया.
वहीं कारसेवकों की शहादत को याद करते हुए उन्होंने कहा कि जिस दिन फैसला आया, उस दिन सही मायने में मन से एक बोझ उतर गया और उन सभी को श्रद्धांजलि अर्पित हुई. विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में चंपत राय, दिनेश चंद्र, त्रिलोकी नाथ पाण्डेय, सांसद लल्लू सिंह, मेयर ऋषिकेश उपाध्याय, श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नेता गोपाल दास समेत तमाम गणमान्य मौजूद रहे.
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उतर गया बोझ
साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि 9 नवंबर को जो निर्णय इस बार आया, उसने हम सब के ह्दयों से अपराध बोध का पत्थर हटा दिया. ऐसा लगता था कि हम गली-गली, गांव-गांव घूम-घूम कर तरुणों को बुलाते रहे, वह आए. पूरे भारत से आए, मगर खाली हाथ नहीं आए. अपने बैग में अपना कफन लेकर के आए थे. उन तरुणों ने कहा कि हम रामलला तुम्हें किसी डाल से तोड़कर पुष्प चढ़ाने नहीं आए, बल्कि हम तो तुम्हारे चरणों में अपना जीवन पुष्प अर्पित करने आए हैं.