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9 नवम्बर के निर्णय ने हम सबके ह्दयों से अपराध बोध का पत्थर हटा दिया: साध्वी ऋतंभरा

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में शनिवार को विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद के केस में रामलला का पक्ष रखने वाले अधिवक्ताओं का सम्मान किया. वहीं कार्यक्रम में पहुंची साध्वी ऋतंभरा ने मंच से लोगों को संबोधित किया.

साध्वी ऋतंभरा
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Published : Nov 24, 2019, 3:25 AM IST

अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि मामले में लोअर कोर्ट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से जिन वकीलों ने श्रीरामलला विराजमान के लिए पैरवी की थी और अन्य हिंदू पक्षों का भी पक्ष रखा था, शनिवार को विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) ने उन अधिवक्ताओं का सम्मानित किया. इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए साध्वी ऋतंभरा भी शनिवार को अयोध्या पहुंचीं.

मंच से संबोधित करतीं साध्वी ऋतंभरा.

मंच पर भावुक हुईं साध्वी ऋतंभरा
कार्यक्रम के दौरान साध्वी ऋतंभरा भावुक होकर कहा कि आज जो हुआ है, उसमें किसी का पुरुषार्थ नहीं है, बल्कि सब राम की माया है. सब की नियति राम पहले ही तय कर चुके थे. 9 नवंबर को जो फैसला आया, उसने सबको आनंदमय कर दिया.

वहीं कारसेवकों की शहादत को याद करते हुए उन्होंने कहा कि जिस दिन फैसला आया, उस दिन सही मायने में मन से एक बोझ उतर गया और उन सभी को श्रद्धांजलि अर्पित हुई. विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में चंपत राय, दिनेश चंद्र, त्रिलोकी नाथ पाण्डेय, सांसद लल्लू सिंह, मेयर ऋषिकेश उपाध्याय, श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नेता गोपाल दास समेत तमाम गणमान्य मौजूद रहे.

इसे भी पढ़ें - अयोध्या केस : रामलला का पक्ष रखने वाले अधिवक्ताओं को VHP ने किया सम्मानित

उतर गया बोझ
साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि 9 नवंबर को जो निर्णय इस बार आया, उसने हम सब के ह्दयों से अपराध बोध का पत्थर हटा दिया. ऐसा लगता था कि हम गली-गली, गांव-गांव घूम-घूम कर तरुणों को बुलाते रहे, वह आए. पूरे भारत से आए, मगर खाली हाथ नहीं आए. अपने बैग में अपना कफन लेकर के आए थे. उन तरुणों ने कहा कि हम रामलला तुम्हें किसी डाल से तोड़कर पुष्प चढ़ाने नहीं आए, बल्कि हम तो तुम्हारे चरणों में अपना जीवन पुष्प अर्पित करने आए हैं.

अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि मामले में लोअर कोर्ट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से जिन वकीलों ने श्रीरामलला विराजमान के लिए पैरवी की थी और अन्य हिंदू पक्षों का भी पक्ष रखा था, शनिवार को विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) ने उन अधिवक्ताओं का सम्मानित किया. इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए साध्वी ऋतंभरा भी शनिवार को अयोध्या पहुंचीं.

मंच से संबोधित करतीं साध्वी ऋतंभरा.

मंच पर भावुक हुईं साध्वी ऋतंभरा
कार्यक्रम के दौरान साध्वी ऋतंभरा भावुक होकर कहा कि आज जो हुआ है, उसमें किसी का पुरुषार्थ नहीं है, बल्कि सब राम की माया है. सब की नियति राम पहले ही तय कर चुके थे. 9 नवंबर को जो फैसला आया, उसने सबको आनंदमय कर दिया.

वहीं कारसेवकों की शहादत को याद करते हुए उन्होंने कहा कि जिस दिन फैसला आया, उस दिन सही मायने में मन से एक बोझ उतर गया और उन सभी को श्रद्धांजलि अर्पित हुई. विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में चंपत राय, दिनेश चंद्र, त्रिलोकी नाथ पाण्डेय, सांसद लल्लू सिंह, मेयर ऋषिकेश उपाध्याय, श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नेता गोपाल दास समेत तमाम गणमान्य मौजूद रहे.

इसे भी पढ़ें - अयोध्या केस : रामलला का पक्ष रखने वाले अधिवक्ताओं को VHP ने किया सम्मानित

उतर गया बोझ
साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि 9 नवंबर को जो निर्णय इस बार आया, उसने हम सब के ह्दयों से अपराध बोध का पत्थर हटा दिया. ऐसा लगता था कि हम गली-गली, गांव-गांव घूम-घूम कर तरुणों को बुलाते रहे, वह आए. पूरे भारत से आए, मगर खाली हाथ नहीं आए. अपने बैग में अपना कफन लेकर के आए थे. उन तरुणों ने कहा कि हम रामलला तुम्हें किसी डाल से तोड़कर पुष्प चढ़ाने नहीं आए, बल्कि हम तो तुम्हारे चरणों में अपना जीवन पुष्प अर्पित करने आए हैं.

Intro:अयोध्या. श्री राम जन्मभूमि मामले में लोअर कोर्ट हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से जिन वकीलों ने श्री राम लला विराजमान के लिए पैरवी की थी और जिन वकीलों ने अन्य हिंदू पक्षों का भी पक्ष रखा था ऐसे सभी वकीलों को आज अयोध्या के कार्य सेवक पूर्व में विश्व हिंदू ने सम्मान किया इस सम्मान समारोह के आयोजन में मुख्य तौर पर केशव पारा शरण योगेश्वर योगेश्वर मौजूद रहे इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए साध्वी ऋतंभरा भी आज अयोध्या पहुंची थी कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भावुक होकर के अपने मन की बात कहनी शुरू की जिसमें उन्होंने कहा आज जो हुआ है उसमें किसी का पुरुषार्थ नहीं है बल्कि सब राम में हो गया है क्योंकि सब की नियति तिथि सब राम पहले ही तय कर चुके थे सब की भूमिका उन्होंने पहले ही तय कर दी थी और 9 नवंबर को जो फैसला आया उसने सबको आनंदमय कर दिया राम में कर दिया वही कारसेवकों को शहादत और शहीद को याद करते हुए उन्होंने कहा की जिस दिन फैसला आया उस दिन सही मायने में एक बोझ उतर गया मनसे और उन सभी को श्रद्धांजलि अर्पित हुई जिन्होंने बलिदान दिया था त्याग किया था जो अपने घरों से गलियों से सिर्फ रामलला के लिए निकल कर यहां आए थे वह फूल चढ़ाने के लिए नहीं बल्कि अपने प्राणों को न्योछावर करने आए थे। विश्व हिंदू द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में चंपत राय दिनेश चंद्र त्रिलोकी नाथ पांडे सांसद लल्लू सिंह मेयर ऋषिकेश उपाध्याय श्री राम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष नेता गोपाल दास समेत तमाम गणमान्य मौजूद रहे




Body:साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि 1990 का बलिदान हो या 70 बार किए गए बलिदान हों, लेकिन 9 नवंबर को जो निर्णय इस बार आया उसने हम सब के ऊपर से अपराध बोध का पत्थर हटाकर बोझ कम कर दिया क्योंकि ऐसा लगता था हम गली-गली गांव-गांव घूम घूम कर तरुण ओं को बुलाते रहे वह आए पूरे भारत से आए मगर खाली हाथ नहीं आए अपने बैग में अपना कफन लेकर के आए थे और कहा रामलला तुम्हें आप किसी डाल से तोड़कर पुष्प चढ़ाने नहीं आए हम तो तुम्हारे चरणों में अपना जीवन पुष्प अर्पित करने हैं।
साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि, उनका बलिदान व्यर्थ कैसे जाता, अब फैसला हुआ है।


Conclusion:दिनेश मिश्रा अयोध्या
8707765484

वीडियो व्रैप से भेजा है।
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