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आचार्य सत्येंद्र दास बोले, सुन्नी वक्फ बोर्ड का फैसला स्वागतयोग्य - सुन्नी वक्फ बोर्ड का फैसला

सुन्नी वक्फ बोर्ड के अयोध्या भूमि विवाद मामले में रिव्यू पिटिशन न दाखिल करने के फैसले का आचार्य सत्येंद्र दास ने स्वागत किया है. उनका कहना है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड का फैसला काबिले तारीफ है.

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आचार्य सत्येंद्र दास
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Published : Nov 26, 2019, 10:30 PM IST

Updated : Nov 27, 2019, 7:53 AM IST

अयोध्या: सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अयोध्या मामले पर रिव्यू पिटिशन दाखिल न करने का फैसला लिया है. रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने सुन्नी वक्फ बोर्ड के इस फैसले की सराहना की है. आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने एक कदम आगे बढ़कर इस फैसले पर रिव्यू पिटिशन दायर नहीं करने की बात जो कही है, वह स्वागत योग्य है.

मंदिर बनाने में सरकार न करे देर
उन्होंने आगे कहा कि बाकी लोगों को भी इनसे सीख लेनी चाहिए, क्योंकि भगवान की जन्मभूमि अयोध्या है. निश्चित तौर पर यहां मंदिर बहुत पहले बन जाना चाहिए था, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दे दिया है तो सरकार को देर नहीं करनी चाहिए.

आचार्य सत्येंद्र दास ने सुन्नी वक्फ बोर्ड के फैसला का किया सम्मान.

रिव्यू पिटिशन न दाखिल करने का लिया फैसला
बता दें कि श्रीराम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से जहां एक तरफ लोगों में खुशी का माहौल है, वहीं दूसरी ओर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मामले पर रिव्यू पिटिशन दाखिल करने की बात कहकर नई बहस छेड़ दी है. ऐसे में मंगलवार को लखनऊ में हुई सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है.

जमीन का क्या करना है अगली बैठक में तय करेंगे
सुन्नी वक्फ बोर्ड का कहना है कि हमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए. इसके साथ ही रिव्यू पिटिशन दाखिल न करने की बात कही है. इस बैठक में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने तय किया कि हमें जमीन कहां मिलेगी, कैसी होगी और उस जमीन का क्या करना है. इस विषय पर हम अगली बैठक में विचार करेंगे.

इसे भी पढ़ें- अयोध्या मामले पर रिव्यू पिटीशन देशहित में नहीं: हाजी मुकीम कुरैशी

अयोध्या: सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अयोध्या मामले पर रिव्यू पिटिशन दाखिल न करने का फैसला लिया है. रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने सुन्नी वक्फ बोर्ड के इस फैसले की सराहना की है. आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने एक कदम आगे बढ़कर इस फैसले पर रिव्यू पिटिशन दायर नहीं करने की बात जो कही है, वह स्वागत योग्य है.

मंदिर बनाने में सरकार न करे देर
उन्होंने आगे कहा कि बाकी लोगों को भी इनसे सीख लेनी चाहिए, क्योंकि भगवान की जन्मभूमि अयोध्या है. निश्चित तौर पर यहां मंदिर बहुत पहले बन जाना चाहिए था, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दे दिया है तो सरकार को देर नहीं करनी चाहिए.

आचार्य सत्येंद्र दास ने सुन्नी वक्फ बोर्ड के फैसला का किया सम्मान.

रिव्यू पिटिशन न दाखिल करने का लिया फैसला
बता दें कि श्रीराम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से जहां एक तरफ लोगों में खुशी का माहौल है, वहीं दूसरी ओर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मामले पर रिव्यू पिटिशन दाखिल करने की बात कहकर नई बहस छेड़ दी है. ऐसे में मंगलवार को लखनऊ में हुई सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है.

जमीन का क्या करना है अगली बैठक में तय करेंगे
सुन्नी वक्फ बोर्ड का कहना है कि हमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए. इसके साथ ही रिव्यू पिटिशन दाखिल न करने की बात कही है. इस बैठक में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने तय किया कि हमें जमीन कहां मिलेगी, कैसी होगी और उस जमीन का क्या करना है. इस विषय पर हम अगली बैठक में विचार करेंगे.

इसे भी पढ़ें- अयोध्या मामले पर रिव्यू पिटीशन देशहित में नहीं: हाजी मुकीम कुरैशी

Intro:
अयोध्या. श्रीरामजन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले के बाद से ही लोगों में एक शांति का अनुभव किया। इस फैसले को लेकर एक तरफ जहां लोगों में खुशी का माहौल है, वहीं दूसरी ओर आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस मामले में रिविव पेटिशन की बात कहकर एक नई बहस छेड़ दी है, लेकिन आज लखनऊ में सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने एक बैठक में बड़ा महत्वपूर्ण फैसला लिया है। जिसमें उन्होंने साफ घोषणा करते हुए कहा कि, सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड इस मामले में रिविव पेटिशन दायर करने नहीं जाएगा, हमें ज़मीन कहाँ मिलेगी कैसी होगी, और उस जमीन का क्या करना है, इसपर विचार अभी नहीं किया गया है। अगली बैठक में हम इसपर विचार करेंगे।
इस मामले में अयोध्या से रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भी रिविव में नहीं जानें के सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के फैसले का स्वागत किया है। आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि जो लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करने की बात पहले कहते थे आज हो बदलते नजर आ रहा है सुन्नी वक्फ बोर्ड ने एक कदम आगे बढ़कर इस फैसले पर रिव्यू पिटिशन दायर नहीं करने की बात जो कही है वह काबिले तारीफ है बाकी लोगों को भी इनसे सीख लेनी चाहिए क्योंकि भगवान की जन्मभूमि जन्मस्थली अयोध्या है निश्चित तौर पर यहां मंदिर बहुत पहले बन जाना चाहिए था लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दे दिया है तो सरकार को देर नहीं करनी चाहिएBody:आपको बताते चलें सुन्नी वक्फ बोर्ड के इस फैसले का अयोध्या के सभी संतो ने स्वागत किया है वही बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे एक बार अंसारी ने भी सुन्नी वक्फ बोर्ड के फैसले का स्वागत किया है। Conclusion:दिनेश मिश्रा अयोध्या
Last Updated : Nov 27, 2019, 7:53 AM IST
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