अयोध्या: सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अयोध्या मामले पर रिव्यू पिटिशन दाखिल न करने का फैसला लिया है. रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने सुन्नी वक्फ बोर्ड के इस फैसले की सराहना की है. आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने एक कदम आगे बढ़कर इस फैसले पर रिव्यू पिटिशन दायर नहीं करने की बात जो कही है, वह स्वागत योग्य है.
मंदिर बनाने में सरकार न करे देर
उन्होंने आगे कहा कि बाकी लोगों को भी इनसे सीख लेनी चाहिए, क्योंकि भगवान की जन्मभूमि अयोध्या है. निश्चित तौर पर यहां मंदिर बहुत पहले बन जाना चाहिए था, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दे दिया है तो सरकार को देर नहीं करनी चाहिए.
रिव्यू पिटिशन न दाखिल करने का लिया फैसला
बता दें कि श्रीराम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से जहां एक तरफ लोगों में खुशी का माहौल है, वहीं दूसरी ओर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मामले पर रिव्यू पिटिशन दाखिल करने की बात कहकर नई बहस छेड़ दी है. ऐसे में मंगलवार को लखनऊ में हुई सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है.
जमीन का क्या करना है अगली बैठक में तय करेंगे
सुन्नी वक्फ बोर्ड का कहना है कि हमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए. इसके साथ ही रिव्यू पिटिशन दाखिल न करने की बात कही है. इस बैठक में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने तय किया कि हमें जमीन कहां मिलेगी, कैसी होगी और उस जमीन का क्या करना है. इस विषय पर हम अगली बैठक में विचार करेंगे.
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