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राम जन्मभूमि ट्रस्ट में बन गए हैं कई मालिक, प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का बयान

आचार्य सत्येंद्र दास ने रामलला के दरबार में पुजारियों के प्रसाद वितरण पर लगी रोक पर नाराजगी व्यक्त की है. आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि श्रद्धालु भगवान के सामने प्रसाद मांगते हैं तो उन्हें मना किया जाता है कि यहां प्रसाद नहीं मिल रहा. इससे श्रद्धालु दुखी होकर जाते हैं.

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प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास
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Published : Nov 9, 2022, 1:47 PM IST

अयोध्या: भगवान रामलला के गर्भग्रह में प्रसाद वितरण व्यवस्था में बदलाव हुआ है. बदलाव के मद्देनजर रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने नाराजगी व्यक्त की है. नई व्यवस्था के अंतर्गत विराजमान भगवान रामलला के सामने पुजारी अब श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित नहीं कर रहे हैं. रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास की मानें तो पिछले 2 दिनों से प्रसाद वितरण विराजमान रामलला से 200 मीटर आगे किया जा रहा है. प्रसाद वितरण व्यवस्था में लगे हुए लोग पुजारियों के हाथ से श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित करने पर प्रतिबंध लगा चुके हैं. इसको लेकर रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने एतराज जताते हुए नाराजगी व्यक्त की है.

रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने राम जन्मभूमि ट्रस्ट की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान उठाते हुए कहा है कि कौन मालिक है यह नहीं पता. लेकिन, ट्रस्ट में कई मालिक हो गए हैं. साथ ही विश्व हिंदू परिषद के राम जन्मभूमि केयरटेकर गोपाल जी पर भी बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि जो चाहते हैं वही करते हैं. सारी व्यवस्थाओं को बाधित कर रखा है. श्रद्धालुओं में निराशा है. श्रद्धालु दर्शन के बाद भगवान के सामने प्रसाद नहीं ले पा रहे हैं. इसका उन्हें खेद है.

बताते चलें कि भगवान रामलला के परिसर में दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से प्रसाद का एक पैकेट दिया जाता है. भगवान के सामने बैठे हुए पुजारी दर्शन उपरांत रामलला के श्रद्धालुओं को प्रसाद का एक पैकेट देते हैं जो प्रसाद श्रद्धालु अपने घर पर ले जाते हैं. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन के बाद भगवान रामलला जब से अस्थायी मंदिर में विराजमान हुए हैं तब से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए भोग लगा हुआ इलायची दाना प्रसाद का पैकेट श्रद्धालुओं को ट्रस्ट की तरफ से बांटा जा रहा है. लेकिन, इस व्यवस्था में अब बदलाव के बाद पुजारी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं. भगवान राम लला के भक्तों को रामलला की सेवा में लगे हुए पुजारी प्रसाद वितरित नहीं कर रहे हैं. इसको देखते हुए श्रद्धालु भी अचंभित हैं. भगवान राम लला के दर्शन उपरांत लगभग 200 मीटर आगे जाने पर श्रद्धालुओं को कार्यकर्ताओं से प्रसाद वितरित किया जा रहा है. इस पर रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास सवाल उठाते नजर आ रहे हैं.

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रामलला के प्रधान पुजारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि लगातार इस तरीके का दबाव बनाया जाता है कि पुजारी प्रसाद वितरण नहीं करें. इसके कारण अव्यवस्था हो जाती है. यही नहीं पता लगता कि ट्रस्ट में जिम्मेदार कौन है. कार्यकर्ताओं का नाम लेते हुए आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि ट्रस्ट में मुख्य जिम्मेदार कौन है. गोपाल जी मालिक हैं. डॉ. अनिल मिश्रा मालिक हैं, या फिर चंपत राय मालिक है. यह समझ में ही नहीं आता.

आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि श्रद्धालु भगवान के सामने प्रसाद मांगते हैं तो उन्हें मना किया जाता है कि यहां प्रसाद नहीं मिल रहा. श्रद्धालु दुखी होकर जाते हैं. आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि दर्शन के उपरांत तत्काल अन्य मंदिरों में श्रद्धालुओं को प्रसाद मिलता है. लेकिन, रामलला के दरबार में ऐसा नहीं है. राम मंदिर ट्रस्ट के कार्यकर्ता गोपाल जी पर नाराज होते हुए सत्येंद्र दास ने कहा कि गोपाल के दिए गए निर्देशों को हर कोई मानता है. गोपाल जी ने पुजारियों के प्रसाद वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

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अयोध्या: भगवान रामलला के गर्भग्रह में प्रसाद वितरण व्यवस्था में बदलाव हुआ है. बदलाव के मद्देनजर रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने नाराजगी व्यक्त की है. नई व्यवस्था के अंतर्गत विराजमान भगवान रामलला के सामने पुजारी अब श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित नहीं कर रहे हैं. रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास की मानें तो पिछले 2 दिनों से प्रसाद वितरण विराजमान रामलला से 200 मीटर आगे किया जा रहा है. प्रसाद वितरण व्यवस्था में लगे हुए लोग पुजारियों के हाथ से श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित करने पर प्रतिबंध लगा चुके हैं. इसको लेकर रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने एतराज जताते हुए नाराजगी व्यक्त की है.

रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने राम जन्मभूमि ट्रस्ट की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान उठाते हुए कहा है कि कौन मालिक है यह नहीं पता. लेकिन, ट्रस्ट में कई मालिक हो गए हैं. साथ ही विश्व हिंदू परिषद के राम जन्मभूमि केयरटेकर गोपाल जी पर भी बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि जो चाहते हैं वही करते हैं. सारी व्यवस्थाओं को बाधित कर रखा है. श्रद्धालुओं में निराशा है. श्रद्धालु दर्शन के बाद भगवान के सामने प्रसाद नहीं ले पा रहे हैं. इसका उन्हें खेद है.

बताते चलें कि भगवान रामलला के परिसर में दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से प्रसाद का एक पैकेट दिया जाता है. भगवान के सामने बैठे हुए पुजारी दर्शन उपरांत रामलला के श्रद्धालुओं को प्रसाद का एक पैकेट देते हैं जो प्रसाद श्रद्धालु अपने घर पर ले जाते हैं. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन के बाद भगवान रामलला जब से अस्थायी मंदिर में विराजमान हुए हैं तब से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए भोग लगा हुआ इलायची दाना प्रसाद का पैकेट श्रद्धालुओं को ट्रस्ट की तरफ से बांटा जा रहा है. लेकिन, इस व्यवस्था में अब बदलाव के बाद पुजारी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं. भगवान राम लला के भक्तों को रामलला की सेवा में लगे हुए पुजारी प्रसाद वितरित नहीं कर रहे हैं. इसको देखते हुए श्रद्धालु भी अचंभित हैं. भगवान राम लला के दर्शन उपरांत लगभग 200 मीटर आगे जाने पर श्रद्धालुओं को कार्यकर्ताओं से प्रसाद वितरित किया जा रहा है. इस पर रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास सवाल उठाते नजर आ रहे हैं.

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रामलला के प्रधान पुजारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि लगातार इस तरीके का दबाव बनाया जाता है कि पुजारी प्रसाद वितरण नहीं करें. इसके कारण अव्यवस्था हो जाती है. यही नहीं पता लगता कि ट्रस्ट में जिम्मेदार कौन है. कार्यकर्ताओं का नाम लेते हुए आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि ट्रस्ट में मुख्य जिम्मेदार कौन है. गोपाल जी मालिक हैं. डॉ. अनिल मिश्रा मालिक हैं, या फिर चंपत राय मालिक है. यह समझ में ही नहीं आता.

आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि श्रद्धालु भगवान के सामने प्रसाद मांगते हैं तो उन्हें मना किया जाता है कि यहां प्रसाद नहीं मिल रहा. श्रद्धालु दुखी होकर जाते हैं. आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि दर्शन के उपरांत तत्काल अन्य मंदिरों में श्रद्धालुओं को प्रसाद मिलता है. लेकिन, रामलला के दरबार में ऐसा नहीं है. राम मंदिर ट्रस्ट के कार्यकर्ता गोपाल जी पर नाराज होते हुए सत्येंद्र दास ने कहा कि गोपाल के दिए गए निर्देशों को हर कोई मानता है. गोपाल जी ने पुजारियों के प्रसाद वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

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