अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के बैंक खाते से फर्जी चेक के जरिए पैसे निकाले जाने के मामले में कई बड़े तथ्य सामने आए हैं. गुरुवार को ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मीडिया के सामने आकर पूरी घटना की जानकारी दी. चंपत राय ने बताया कि स्टेट बैंक की लखनऊ शाखा की सक्रियता से ट्रस्ट के खाते से निकाले गए 6 लाख रुपये में से 2 लाख सुरक्षित बच गए हैं. जबकि 9 लाख 86 हजार रुपये का चेक क्लियर होने से रोक दिया गया है. उन्हें विश्वास है कि जल्द ही पूरी रकम वापस ट्रस्ट के खाते में आ जाएगी. फिलहाल बैंक और पुलिस संयुक्त रूप से इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि चेक क्लोनिंग के जरिए पूरी जालसाजी को अंजाम दिया गया है. जालसाज ने सबसे पहले 1 सितंबर को जाली चेक के जरिए लखनऊ की पीएनबी शाखा से 2 लाख 50 हजार रुपये के चेक का भुगतान करा लिया. उसके बाद 3 सितंबर को 3 लाख 50 हजार का चेक क्लियर हुआ. यह दोनों ही चेक लखनऊ की पंजाब नेशनल बैंक की शाखाओं से क्लियर कराए गए थे. चंपत राय ने बताया कि 8 मार्च को लगाया गया 9 लाख 86 हजार रुपये का भुगतान का चेक जब लगातार एक ही आदमी द्वारा भेजा गया तो स्टेट बैंक के क्लीयरिंग हाउस को शंका हुई और उन्होंने फोन द्वारा मुझे जानकारी दी. जिसके बाद मैंने ऐसे किसी भी चेक को जारी करने से मना कर दिया और अपने खाते की जांच के बाद चेक क्लियर करने की बात कही.
ट्रस्ट द्वारा अपने खाते की जांच के समय यह पाया गया कि इन तीनों चेकों को किसी को जारी नहीं किया गया था और यह चेक, चेक बुक में मौजूद थे. इस पूरे प्रकरण की जानकारी लखनऊ से फोन करने वाले स्टेट बैंक के अधिकारी को दी गई, जिसके बाद 9 लाख 86 हजार रुपये के चेक का भुगतान रोक दिया गया. बैंक द्वारा मुझे जानकारी दी गई है कि आरोपी जालसाज ने जिस खाते में 6 लाख की रकम ट्रांसफर कराई थी, उस खाते से सिर्फ 4 लाख निकाले गए हैं. हमें विश्वास है कि हमारी पूरी रकम जल्द ही हमें वापस मिल जाएगी.
-चम्पत राय, महासचिव, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्टमहासचिव चंपत राय द्वारा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते से फर्जी चेक के जरिए 6 लाख रुपये निकाले जाने की लिखित शिकायत दर्ज कराई गई है. प्राथमिकी के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. अज्ञात जालसाज के खिलाफ आईपीसी की धारा 471, 468, 467, 420 और 419 के तहत मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है. घटना की जांच की जा रही है.
-राजेश कुमार राय, सीओ, अयोध्या
इस सनसनीखेज मामले के सामने आने के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं. सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिरकार जो चेक बुक ट्रस्ट के कार्यालय में मौजूद थी उसकी क्लोनिंग कैसे हो गई. वहीं दूसरा बड़ा सवाल यह भी है कि आखिरकार कैसे नकली हस्ताक्षर बना दिए गए. तीसरा बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार इतने बड़े भुगतान के समय संबंधित बैंक की शाखा ने खाताधारक से फोन द्वारा पुष्टि क्यों नहीं कराई. इन सभी सवालों को लेकर स्टेट बैंक की स्थानीय शाखा के अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया. फिलहाल इन सभी बिंदुओं पर पुलिस अब गंभीरता से जांच कर रही है.