अयोध्या: पूर्व सांसद और बीजेपी MLC डॉ. हरिओम पांडे के स्कूल ग्रामर्शी अकैडमी इंटर कॉलेज गद्दोपुर गोसाईगंज के प्रबंधन की भारी लापरवाही सामने आई है. जहां 25 सीटर बस में 45 बच्चे बिठाए गए और वह भी बस के पीछे की खिड़की का शीशा टूटा हुआ था और खुले हुए खिड़की पर बच्चे बैठकर सफर कर रहे थे. हद तो तब हो गई जब यही बस आखिरकार दुर्घटनाग्रस्त हो गई. जिसमें बस में सवार 12 से ज्यादा बच्चों को मामूली चोट आई है. जिन्हें लाइफ लाइन हॉस्पिटल में प्राथमिक उपचार दिया गया.
हादसे पर प्रशासन सख्त, मांगा स्पष्टीकरण
बीजेपी के पूर्व सांसद और वर्तमान एमएलसी हरिओम पांडे के विद्यालय की स्कूल बस के साथ हुई घटना को लेकर अयोध्या के परिवहन विभाग ने सख्त रवैया अपनाया है. इस मामले में परिवहन विभाग की ओर से ग्रामर्शी एकेडमी के प्रबंधक को एक नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है. जिसमें यह जवाब मांगा गया है कि आखिर किन परिस्थितियों में यह दुर्घटना हुई है और अगर 2 महीने पहले बस का फिटनेस कराया गया था तो बस के पीछे के शीशे टूटे हुए कैसे थे और बच्चों के साथ इतनी बड़ी लापरवाही क्यों बरती गई. परिवहन विभाग द्वारा जारी नोटिस में बस चलाने वाले ड्राइवर की जानकारी भी मांगी गई है, जिससे बस ड्राइवर के ऊपर तेज गति से लापरवाही पूर्वक वाहन चलाने को लेकर विधिक कार्रवाई की जा सके.
शुक्रवार की सुबह ग्रामर्शी अकैडमी इंटरनेशनल स्कूल के बच्चे गोसाईगंज से फैजाबाद शहर में एनसीसी की ट्रेनिंग करने आए थे और वापसी में कोतवाली नगर के देवकाली बाईपास पर स्कूल बस का ब्रेक फेल हो गया और बस पीछे से आ रहे ट्रक से जा टकराई. गनीमत रही की हादसा बड़ा नहीं हुआ.
सवाल यह उठता है कि जब बस की फिटनेस नहीं थी बस के पीछे खिड़की का शीशा टूटा हुआ था और बस 25 सीटर थी तो 45 बच्चे क्यों बिठाए गए. इसका जवाब स्कूल प्रबंधन को देना होगा. बच्चों की जिंदगी से स्कूल प्रबंधन ने खिलवाड़ क्यों किया.
सबसे बड़ा सवाल यह है कि सत्ताधारी पार्टी के मौजूदा MLC और पूर्व सांसद डॉ हरिओम पांडे का यह स्कूल है. सत्ताधारी ही अगर तरह की लापरवाही करेंगे तो लोगों को क्या होगा. यही नहीं इसकी जवाबदेही आरटीओ विभाग की भी है कि जब स्कूल बस की फिटनेस नहीं थी बस की हालत खराब थी तो सड़क पर कैसे चल रही है.
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