औरैया: जिले में राजस्थान के कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. यमुना नदी के इस विकराल रूप के चलते अजीतमल कोतवाली अयाना थाना क्षेत्र के लगभग 12 गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है. एक घर से दूसरे घर जाने के लिए ग्रामीण नांव का सहारा ले रहे हैं. ग्रामीणों ने जानवरो को नांव के सहारे गांव के बाहर निकाला. यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर से कुछ लोग गांव छोड़ने को मजबूर हो गये हैं. जिला प्रशासन ने सुरक्षा के लिए कई चौकियों का गठन किया है.
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खतरे के निशान से ऊपर यमुना नदी लोग गांव छोड़ने को मजबूर
- राजस्थान के कोटा बैराज से छोड़े गए पानी से जनपद में यमुना ने विकराल रूप धारण कर लिया है.
- यमुना नदी के इस विकराल रूप के चलते नदी के किनारे बसे लगभग 12 गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है.
- कई गांवों में घरों के अंदर पानी भर जाने से ग्रामीण भय के माहौल में रहने को मजबूर है.
- गांव में आने जाने के मार्ग में बाइक,साइकिल इत्यादि नहीं बल्कि नावें चल रही हैं.
- गांव में एक घर से दूसरे घर जाने के लिए ग्रामीण नांव का सहारा ले रहे हैं
- गांव की सड़क ही नहीम गांव में बने सरकारी स्कूल पानी में समा चुके हैं.
- अधिकारी ऐसी स्थिति में गांव जाकर नांव के सहारे लगातार नजर बनाए हुए हैं.
ग्रामीणों का कहना है
जिला प्रशासन ने अभी तक कोई मदद नहीं की है. गांव में किस तरह के कोई भी इंतजाम नही किये हैं. वर्ष 1996 के बाद पहली बार इतना पानी गांव में पहुंचा है. जिला प्रशासन भले दावे करे सुरक्षा के इंतजाम है, लेकिन जिला प्रशासन की कहीं भी व्यवस्था नजर नहीं आई है.
जनपद में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से अभी तक लगभग 12 गांव मुसीबत में हैं. लेकिन किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है. जगह-जगह चौकियां बनाकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं.
-अभिषेक सिंह मीणा, डीएम