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Reality Check: स्कूलों में हो रहा कोविड गाइडलाइन का पालन, बच्चों की उपस्थिति उम्मीद से कम

उत्तर प्रदेश सरकार (up government) ने कक्षा 6 से 8वीं के तक छात्रों के लिए भी फिर से स्कूल खोल (Schools Reopen) दिए हैं. कोविड-19 गाइडलाइंस का पालन करते हुए स्कूल खोलने की मंजूरी दी गई है. आखिर, स्कूलों में सरकार की गाइडलाइन का कितना पालन किया जा रहा है इस पर ईटीवी भारत की टीम ने पड़ताल की. पढ़ें पूरी खबर...

औरैया में स्कूलों का रियालिटी चेक
औरैया में स्कूलों का रियालिटी चेक
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Published : Aug 27, 2021, 8:06 PM IST

औरैया: कोरोना वायरस की दूसरी लहर के (Corona viras) दस्तक देते ही स्कूलों को बंद करना पड़ा था. अब पुनः करीब 4 माह बाद योगी सरकार (CM Yogi Adityanath) के आदेश पर 23 अगस्त से कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों के लिए स्कूल खोल (schools reopen) दिए गए, जबकि कक्षा 1 से 5वीं तक के स्कूल 1 सितंबर 2021 से खोले जाएंगे. हालांकि, प्रदेश में कक्षा 9 से 12 तक स्कूल 16 अगस्त से पहले ही खुल चुके हैं. 50 फीसदी क्षमता के साथ छात्र स्कूल जाकर पढ़ाई कर कर रहे हैं. इसके लिए, COVID-19 दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य किया गया है. इन्हीं सब व्यवस्थाओं को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने औरैया जनपद के कई विद्यालयों का रियलिटी चेक किया.

शुक्रवार को ईटीवी भारत की टीम ने औरैया में 23 अगस्त को खुले कक्षा 6-8 तक के स्कूलों में कोरोना प्रोटोकॉल के पालन को लेकर रियल्टी चेक किया. टीम में जनपद के उच्च प्राथमिक विद्यालय बरकसी बेला और सदर विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय नारायणपुर की जमीनी हकीकत जानी. हालांकि, मानक के अनुसार ही इन स्कूलों में बच्चों को प्रवेश दिया जा रहा था. यहां, कोरोना गाइडलाइन के मद्देनजर मास्क और सेनेटाइजेशन की व्यवस्था की गई थी. इसके साथ ही विद्यालय में सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल भी रखा जा रहा है. छात्र-छात्राओं की थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइज किया जा रहा है.

विद्यालयों का रियलिटी चेक.

इसे भी पढ़ें-यूपी बीएड प्रवेश परीक्षा के नतीजे जारी, लखनऊ के आशू बने प्रदेश के टॉपर


कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के बीच बंद हुए स्कूल सोमवार से खोल दिए गए थे, जबकि निजी स्कूल पहले की तरह गुलजार नजर आए. अब सरकारी स्कूलों के खुलने से बच्चों के खिल उठे और स्कूल भी गुलजार नजर आए. हालांकि, मास्क लगाने के साथ ही उन्हें कक्षाओं में प्रवेश दिया जा रहा है. इस दौरान एक सीट पर एक ही छात्र को बैठाया गया. प्रतिदिन अधिकांश स्कूलों में कोविड संक्रमण की जानकारी और बचाव के तरीके भी शिक्षक बताते हैं. विद्यालयों में बच्चों की संख्या पहले की अपेक्षा 40 फीसदी ही रही. इससे समझ आ रहा है कि कहीं न कहीं अभी भी अभिभावकों में कोरोना का डर बना हुआ है.


यह भी पढ़ें-यूपी में दूध कारोबार की बदल रही फिजा, देश में 17 फीसदी से ज्यादा का योगदान

बच्चों ने बताया कि काफी दिनों बाद स्कूल खुले हैं, जिससे वह बहुत ही खुश हैं. स्कूल की प्रधानाध्यापिका साधना ने बताया कि काफी समय बाद स्कूल खुले हैं, जिससे बच्चे में खुशी का माहौल है. स्कूल में बच्चों के आने की संख्या भी दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है.

औरैया: कोरोना वायरस की दूसरी लहर के (Corona viras) दस्तक देते ही स्कूलों को बंद करना पड़ा था. अब पुनः करीब 4 माह बाद योगी सरकार (CM Yogi Adityanath) के आदेश पर 23 अगस्त से कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों के लिए स्कूल खोल (schools reopen) दिए गए, जबकि कक्षा 1 से 5वीं तक के स्कूल 1 सितंबर 2021 से खोले जाएंगे. हालांकि, प्रदेश में कक्षा 9 से 12 तक स्कूल 16 अगस्त से पहले ही खुल चुके हैं. 50 फीसदी क्षमता के साथ छात्र स्कूल जाकर पढ़ाई कर कर रहे हैं. इसके लिए, COVID-19 दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य किया गया है. इन्हीं सब व्यवस्थाओं को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने औरैया जनपद के कई विद्यालयों का रियलिटी चेक किया.

शुक्रवार को ईटीवी भारत की टीम ने औरैया में 23 अगस्त को खुले कक्षा 6-8 तक के स्कूलों में कोरोना प्रोटोकॉल के पालन को लेकर रियल्टी चेक किया. टीम में जनपद के उच्च प्राथमिक विद्यालय बरकसी बेला और सदर विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय नारायणपुर की जमीनी हकीकत जानी. हालांकि, मानक के अनुसार ही इन स्कूलों में बच्चों को प्रवेश दिया जा रहा था. यहां, कोरोना गाइडलाइन के मद्देनजर मास्क और सेनेटाइजेशन की व्यवस्था की गई थी. इसके साथ ही विद्यालय में सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल भी रखा जा रहा है. छात्र-छात्राओं की थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइज किया जा रहा है.

विद्यालयों का रियलिटी चेक.

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कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के बीच बंद हुए स्कूल सोमवार से खोल दिए गए थे, जबकि निजी स्कूल पहले की तरह गुलजार नजर आए. अब सरकारी स्कूलों के खुलने से बच्चों के खिल उठे और स्कूल भी गुलजार नजर आए. हालांकि, मास्क लगाने के साथ ही उन्हें कक्षाओं में प्रवेश दिया जा रहा है. इस दौरान एक सीट पर एक ही छात्र को बैठाया गया. प्रतिदिन अधिकांश स्कूलों में कोविड संक्रमण की जानकारी और बचाव के तरीके भी शिक्षक बताते हैं. विद्यालयों में बच्चों की संख्या पहले की अपेक्षा 40 फीसदी ही रही. इससे समझ आ रहा है कि कहीं न कहीं अभी भी अभिभावकों में कोरोना का डर बना हुआ है.


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बच्चों ने बताया कि काफी दिनों बाद स्कूल खुले हैं, जिससे वह बहुत ही खुश हैं. स्कूल की प्रधानाध्यापिका साधना ने बताया कि काफी समय बाद स्कूल खुले हैं, जिससे बच्चे में खुशी का माहौल है. स्कूल में बच्चों के आने की संख्या भी दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है.

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