औरैया: जनपद में 16 मई को नेशनल हाईवे-19 पर हुये भीषण सड़क हादसे में 27 मजदूरों की मौत के मामले में एक नया मोड़ आया है. हादसे में घायल डीसीएम के चालक ने पुलिस को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है. सैफई में भर्ती डीसीएम के ड्राइवर और ट्राला सवार घायल ने ही इस घटना की हकीकत से पर्दा उठाया है. ड्राइवर ने बताया कि रास्ते में डीसीएम और ट्राला में पुलिस ने ही प्रवासी मजदूरों को बिठाया था.
औरैया में 27 मजदूरों की मौत के मामले में जितना औरैया प्रशासन है, उतना ही राजस्थान पुलिस जिम्मेदार है. उससे कहीं ज्यादा जिम्मेदार है राजस्थान प्रशासन. ये खुलासा किया है हादसे में घायल डीसीएम चालक प्रताप और ट्राला मे बैठे हुये मजदूरों ने. घायलों के मुताबिक यमुना एक्सप्रेस-वे पर डीसीएम में 6 सवारियां बैठी थीं. भरतपुर से पहले राजस्थान पुलिस ने चूने की बोरियों से लदे हुये ट्राला में 49 लोगों को जबरन बिठाया था.
औरैया प्रशासन सड़क हादसे में घायल एक प्रवासी मजदूर को इलाज करवाकर उसे घर भेजने की तैयारी कर रहा था. इस दौरान मजदूर ने मीडिया को आप बीती सुनाई. मजदूर ने बताया कि उसे और कई अन्य लोगों को राजस्थान पुलिस ने डीसीएम में बिठाया गया था. इसके बाद ट्रक हादसे का शिकार हो गया.