औरैया: प्रदेश में बढ़ रहे फंगल इंफेक्शन (Fungal infection) के चलते बीते दिनों शासन ने सभी जनपदों के अस्पतालों के ओपीडी खोले जाने के आदेश दिए थे. साथ ही ओपीडी में आंख व ईएनटी डॉक्टरों की तैनाती के भी साफ-साफ निर्देश दिए गए थे. मंगलवार को ईटीवी भारत की टीम ने जनपद के सरकारी अस्पतालों में जाकर वहां पर संचालित ओपीडी सेवाओं की जांच-पड़ताल की.
बता दें कि प्रदेश में बढ़ रहे फंगल इंफेक्शन (ब्लैक फंगस, व्हाइट फंगस व येलो फंगस) के बढ़ते मरीजों के आंकड़ों को देखकर कुछ दिन पहले सरकार द्वारा एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि प्रदेश के सभी जनपदों के अस्पतालों के ओपीडी खोले जाएंगे और उनमें आंख और कान, नाक व गला रोग विशेषज्ञ की तैनाती की जाएगी.
मंगलवार को ईटीवी भारत की टीम ने औरैया जनपद के सरकारी अस्पतालों में जाकर वहां पर संचालित ओपीडी का जायजा लिया, जिसमें जिले में आंख, कान, नाक व गला रोग विशेषज्ञों की कमी के चलते जनपद के अस्पतालों की ओपीडी बंद नजर आईं.
कहीं ताला तो कहीं नजर आया ओपीडी बंद का पोस्टर
ईटीवी भारत की टीम सबसे पहले जनपद के 100 शैय्या अस्पताल में पहुंची, जहां अस्पताल के गेट पर चस्पा एक पोस्टर में मोटे-मोटे अक्षरों लिखा था कि 'ओपीडी बंद'. इसके बाद ईटीवी भारत की टीम शहर में स्थित जिला अस्पताल (50 शैय्या) पहुंची, जहां ओपीडी के गेट पर ताला नजर आया.
क्या बोले जिम्मेदार
इस बाबत जब ईटीवी भारत की टीम ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अर्चना श्रीवास्तव से बात कि तो उन्होंने बताया कि शासन ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें सभी जनपदों के अस्पतालों में प्रतिदिन दो घंटे तक ओपीडी खोले जाने का आदेश दिया गया था और ओपीडी में आंख, नाक, कान और गले के डॉक्टरों की तैनाती के भी आदेश दिए गए थे, लेकिन जनपद में नेत्र रोग विशेषज्ञ नहीं हैं. जनपद में सिर्फ एक नाक, कान और गला रोग विशेषज्ञ हैं, जिनकी तैनाती जिला अस्पताल (50 शैय्या) में कई गई है. वह प्रतिदिन दो घंटे तक ओपीडी को संचालित कर रहे हैं.