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बदहाली की कगार पर ए ग्रेड दर्जा प्राप्त फफूंद रेलवे स्टेशन

कानपुर-इटावा के मध्य फफूंद रेलवे स्टेशन सर्वाधिक आय देने वाला स्टेशन है, लेकिन इसकी दुर्दशा किसी छोटे से स्टेशन जैसी ही है. ए ग्रेड का दर्जा सिर्फ कागजातों में ही दिख रहा है.

सरकार की स्वच्छ भारत की मंशा पर चोट लगाने का काम कर रही है फफूंद रेलवे स्टेशन
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Published : Feb 11, 2019, 1:29 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:16 PM IST

औरैया : एक ओर केंद्र सरकार भारत को डिजिटल इंडिया बनाने की कवायत में जुटी दिखाई देती है, लेकिन फफूंद रेलवे स्टेशन अभी भी पुराने ढर्रे पर चलता नजर आ रहा है. फफूंद रेलवे स्टेशन को ए ग्रेड का दर्जा तो प्राप्त हो गया है लेकिन यात्री सुविधाओं और ट्रेन ठहराव संबंधी समस्या बरकार है.

सरकार की स्वच्छ भारत की मंशा पर चोट लगाने का काम कर रही है फफूंद रेलवे स्टेशन
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सरकार स्वछता के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है. लेकिन फफूंद रेलवे परिसर में गंदगी सरकार की मंशा पर चोट लगाने का काम कर रही है. सरकारी उपेक्षाओं का शिकार होता फफूंद रेलवे स्टेशन अपनी बदहाली पर आँसू बहाता दिखाई दे रहा है. सुरक्षा के नाम पर बैरिकेटिंग की भी सुविधा नहीं है. स्टेशन परिसर में जानवर घूमते दिखाई देते हैं और शौचालयों में ताला लटकता रहता है.


इतना ही नहीं स्टेशन भर में खाने पीने के लिए कोई भी कैंटीन नहीं है और न ही यात्रियों के लिए प्रतीक्षालय है. गैल एनटीपीसी में कार्यरत अधिकारी कर्मचारी आये दिन आना जाना बरकरार रखते हैं पर ट्रेनों के अभाव में वह खुद के वाहन से ही चलते हैं.

औरैया : एक ओर केंद्र सरकार भारत को डिजिटल इंडिया बनाने की कवायत में जुटी दिखाई देती है, लेकिन फफूंद रेलवे स्टेशन अभी भी पुराने ढर्रे पर चलता नजर आ रहा है. फफूंद रेलवे स्टेशन को ए ग्रेड का दर्जा तो प्राप्त हो गया है लेकिन यात्री सुविधाओं और ट्रेन ठहराव संबंधी समस्या बरकार है.

सरकार की स्वच्छ भारत की मंशा पर चोट लगाने का काम कर रही है फफूंद रेलवे स्टेशन
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सरकार स्वछता के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है. लेकिन फफूंद रेलवे परिसर में गंदगी सरकार की मंशा पर चोट लगाने का काम कर रही है. सरकारी उपेक्षाओं का शिकार होता फफूंद रेलवे स्टेशन अपनी बदहाली पर आँसू बहाता दिखाई दे रहा है. सुरक्षा के नाम पर बैरिकेटिंग की भी सुविधा नहीं है. स्टेशन परिसर में जानवर घूमते दिखाई देते हैं और शौचालयों में ताला लटकता रहता है.


इतना ही नहीं स्टेशन भर में खाने पीने के लिए कोई भी कैंटीन नहीं है और न ही यात्रियों के लिए प्रतीक्षालय है. गैल एनटीपीसी में कार्यरत अधिकारी कर्मचारी आये दिन आना जाना बरकरार रखते हैं पर ट्रेनों के अभाव में वह खुद के वाहन से ही चलते हैं.

Intro:एंकर--जहाँ एक ओर केंद्र सरकार भारत को डिजिटल इंडिया बनाने की कवायत में जुटी दिखाई दे रही है वहीं दूसरी ओर रेल मंत्रालय अभी भी पुराने ढर्रे पर चलता दिखाई दे रहा है फफूंद रेलवे स्टेशन को ए ग्रेड का दर्जा तो प्राप्त हो गया है लेकिन यात्री सुविधाओं व ट्रेन ठहराव संबंधी समस्या बरकार है।सरकार स्वछता के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर जागरूक करने का काम कर रही है तो दूसरी ओर रेलवे परिसर में गंदगी सरकार की मंशा पर चोट लगाने का काम कर रही है।


Body:वीओ--सरकारी उपेक्षाओं का शिकार होता फफूंद रेलवे स्टेशन अपनी बदहाली पर आँशु बहाता दिखाई दे रहा है सुरक्षा के नाम पर बैरिकेटिंग जैसी कोई सुविधा नहीं जानवर स्टेशन परिसर में घूमते दिखाई दे रहे हैं और शौचालय में ताला लटकता देखने को मिल रहा है।ऐसे ही अनरजिस्टर्ड बैंडर धड़ल्ले से काम करते दिखाई दे रहे हैं जो कि जहर खुरानी का काम भी कर सकते हैं।इतना ही नहीं स्टेशन भर में खाने पीने के लिए कोई भी कैंटीन नहीं है और न ही यात्रियों के लिए प्रतीक्षालय है।बात यदि ट्रेनों के ठहराव की की जाए तो ग्रेड के हिसाब से सुपर फास्ट व एक्सप्रेस ट्रेनें भी दो तीन ही संचालित हैं जो कि ए ग्रेड दर्ज़ा मिलने से पहले भी रहीं हैं।


Conclusion:फफूंद रेलवे स्टेशन की बदहाली तब समझ में आती है जब यहां की आय का अनुमान लगाया जाए जी हां गैल एनटीपीसी जैसी इकाइयां होने के वावजूद भी ट्रेनों का ठहराव न के बराबर है। गैल एनटीपीसी में कार्यरत अधिकारी कर्मचारी आय दिन आना जाना बरकरार रखते हैं पर ट्रेनों के अभाव मे वह खुद के वाहन पर चलते हैं ।आपको बता दें कि कानपुर इटावा के मध्य फफूंद रेलवे स्टेशन सर्वाधिक आय देने वाला स्टेशन है लेकिन इसकी दुर्दशा किसी छोटे से स्टेशन जैसी ही है।जबकि ए ग्रेड का दर्जा सिर्फ कागजातों में ही दिख रहा है। वहीं जब हमने इस पूरे मामले पर रेल अधिकारियों से बात करनी चाही तो उन्होंने नौकरी का हवाला देकर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।

पीटूसी-विशाल त्रिपाठी

बाइट--असित पांडे स्थानीय

बाइट--प्रिंस यात्री डेली कानपुर टू फफूंद अप डाउन करने वाले

बाइट--बीनू यादव ठेकेदार एनटीपीसी
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:16 PM IST
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