औरैया: जिले में पीडब्ल्यूडी और सिंचाई विभाग की जमीन पर वर्षों पुराने रिहायसी वाशिंदों के मकान जिला प्रशासन ने तोड़ दिए. दरअसल यह मकान सिंचाई विभाग की ज़मीन पर बने थे और मकानों को सिंचाई विभाग द्वारा अवैध निर्माण घोषित कर किया गया था. इसी को लेकर सियासत शुरू हो गई है. सपा के पूर्व विधायक प्रदीप यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर हमारी सरकार होती तो लोगों को घर से बेघर नहीं होना पड़ता.
- अवैध निर्माणों पर सिंचाई विभाग ने चलाया बुल्डोजर.
- करीब 318 मकानों को चिह्नित किया गया था.
- विभाग ने कई बार जमीन को खाली करने के आदेश भी दिए थे.
पूर्व सपा के विधायक प्रदीप यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यदि वह सरकार में होते और उनकी सरकार होती तो आज लोगों को बेघर नहीं होना पड़ता. इससे पहले भी कोर्ट के आदेश हुए लेकिन सरकार ने किसी को बेघर नहीं होने दिया.
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वहीं समाजसेवी कन्हैया लाल गुप्ता ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने जिलाधिकारी से बात की और वह कोर्ट में एक रिट दाखिल कर चुके हैं, जिसका निर्णय अभी तक नहीं आया है, फिर मकानों को तोड़ने का मतलब क्या है. 318 मकानों में तकरीबन 5 हजार लोग बेघर होने की कगार पर हैं.