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शहीद हुए किसानों के परिजनों को मुआवजा दे भाजपा सरकार : सांसद दानिश अली

अमरोहा में बसपा सांसद दानिश अली (MP Danish Ali) ने मांग की कि जो किसान धरने में शहीद हुए, उनके परिजनों को मुआवजा दिया जाए. कहा कि यह सरकार किसान, मजदूर एवं नौजवान विरोधी सरकार (anti youth government) है.

सांसद दानिश अली
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Published : Nov 23, 2021, 5:47 PM IST

अमरोहा: बसपा के लोकसभा सांसद दानिश अली (MP Danish Ali) ने कहा कि भाजपा सरकार के तीन कृषि कानूनों (agricultural law) के खिलाफ किसानों का आंदोलन एक वर्ष तक चला. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे 700 किसानों की जान चली गई. अब सरकार ने अपना फैसला बदला है और तीनों कानूनों को वापस ले लिया है.

कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले 2 सालों में ऐसे कई लोकतांत्रिक काम किए हैं जो किसानों, नौजवानों एवं मजदूरों के लिए हानिकारक है. बसपा पार्टी सांसद में इसका विरोध किया और इसी का नतीजा है कि सरकार ने उन तीन कानूनों को वापस ले लिया है.

सांसद दानिश अली ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ही रात में टीवी पर आकर नोटबंदी का ऐलान कर दिया था जिससे देश के मजदूरें एवं किसानें की आर्थिक स्थिति खराब होने की कगार पर पहुंच गयी. उसके बाद तीनों काले कानून किसानों बिना किसी पूर्व सूचना के वापस ले लिया.

सांसद दानिश अली

किसान नेता राकेश टिकैत ने जो बात कही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ओबीसी दोनों चाचा, भतीजे हैं तो यह बात शत प्रतिशत सही है. इसमें कोई शक नहीं है. ओबीसी भी भाजपा पार्टी का ही एक बनाया हुआ मोहरा है. उसे ये कभी भी और किसी भी तरह इस्तेमाल कर लेते हैं.

इसे भी पढ़ेः अमरोहा के सांसद दानिश अली ने कृषि कानून के खिलाफ किया अनोखा विरोध


आने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव में इनका नामो निशान मिटने वाला है. इन्होंने देश के किसान और मजदूर एवं नौजवानों के साथ जो धोखाधड़ी और मजाक किया है. आरोप लगाया कि यह सरकार किसान, मजदूर एवं नौजवान विरोधी है.

सांसद दानिश अली ने कहा कि अगले हफ्ते पार्लियामेंट में बैठक है. इसमें भाजपा सरकार ने सीएए के जो काले कानून बनाए हैं, उनको वापस लेने और किसानों पर जो लगे झूठे मुकदमे को वापस लेने की मांग की. मांग की कि जो किसान धरने पर शहीद हुए हैं, उन किसानों के परिवार को मुआवजा दिया जाए.

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अमरोहा: बसपा के लोकसभा सांसद दानिश अली (MP Danish Ali) ने कहा कि भाजपा सरकार के तीन कृषि कानूनों (agricultural law) के खिलाफ किसानों का आंदोलन एक वर्ष तक चला. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे 700 किसानों की जान चली गई. अब सरकार ने अपना फैसला बदला है और तीनों कानूनों को वापस ले लिया है.

कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले 2 सालों में ऐसे कई लोकतांत्रिक काम किए हैं जो किसानों, नौजवानों एवं मजदूरों के लिए हानिकारक है. बसपा पार्टी सांसद में इसका विरोध किया और इसी का नतीजा है कि सरकार ने उन तीन कानूनों को वापस ले लिया है.

सांसद दानिश अली ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ही रात में टीवी पर आकर नोटबंदी का ऐलान कर दिया था जिससे देश के मजदूरें एवं किसानें की आर्थिक स्थिति खराब होने की कगार पर पहुंच गयी. उसके बाद तीनों काले कानून किसानों बिना किसी पूर्व सूचना के वापस ले लिया.

सांसद दानिश अली

किसान नेता राकेश टिकैत ने जो बात कही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ओबीसी दोनों चाचा, भतीजे हैं तो यह बात शत प्रतिशत सही है. इसमें कोई शक नहीं है. ओबीसी भी भाजपा पार्टी का ही एक बनाया हुआ मोहरा है. उसे ये कभी भी और किसी भी तरह इस्तेमाल कर लेते हैं.

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आने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव में इनका नामो निशान मिटने वाला है. इन्होंने देश के किसान और मजदूर एवं नौजवानों के साथ जो धोखाधड़ी और मजाक किया है. आरोप लगाया कि यह सरकार किसान, मजदूर एवं नौजवान विरोधी है.

सांसद दानिश अली ने कहा कि अगले हफ्ते पार्लियामेंट में बैठक है. इसमें भाजपा सरकार ने सीएए के जो काले कानून बनाए हैं, उनको वापस लेने और किसानों पर जो लगे झूठे मुकदमे को वापस लेने की मांग की. मांग की कि जो किसान धरने पर शहीद हुए हैं, उन किसानों के परिवार को मुआवजा दिया जाए.

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