अमरोहा: जिले की गजरौला सीमा में स्थित गंगा घाट पर लंबे समय से कर्मकांड करा रहे पुरोहित गंगा घाटों की समस्या को लेकर प्रशासन से कई बार गुहार लगा चुके हैं. लेकिन अभी तक पुरोहितों की कहीं भी सुनवाई नहीं हो पाई है. हजारों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की समस्या को लेकर कई बार प्रशासन से गुहार लगाई जा चुकी है. लेकिन अभी तक उसका भी कुछ निर्णय नहीं निकला. पुरोहितों का कहना है कि अगर प्रशासन ने हमारे घाट नहीं बनवाए तो हम आगे आंदोलन भी करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी.
अमरोहा में घाटों की स्थिति जिले में गंगा गाट पर अमावस्या और पूर्णिमा के मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करने के लिए आते हैं, जहां पर श्रद्धालुओं के लिए घाटों की समस्या का एक बहुत बड़ा विषय बना हुआ है. कई बार वहां के तीर्थ पुरोहित प्रशासन से इस बारे में गुहार लगा चुके हैं. गंगा पर घाटों के बने न होने के कारण कई बार हादसे भी हो चुके हैं, जिसमें पुरोहितों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है. प्रशासन की अनदेखी का शिकार बने हुए यह गंगा घाट अभी भी उसी तर्ज पर हैं, जहां पर श्रद्धालुओं के लिए कोई भी सुविधा नहीं है.
अमावस्या और पूर्णिमा पर जुटती है श्रद्धालुओं की भीड़ तीर्थ पुरोहित बलराम सिंह ने बताया कि हमने प्रशासन से कई बार घाटों को बनवाने के लिए गुहार लगाई है. लखनऊ मुख्यमंत्री के दफ्तर पर भी हमने गुहार लगाई, लेकिन अभी तक उसका कुछ नहीं हुआ. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हमने खुद अपने पास से यहां पर गोताखोर व नाव और बांस बल्ली लगा रखी है, जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े.