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गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाते समय जाम में फंसी एंबुलेंस, स्टाफ ने सूझबूझ से कराई डिलीवरी

अमरोहा में गर्भवती महिला को अस्पताल लेकर जा रही एक एंबुलेंस जाम में फंस गई. इस दौरान स्टाफ को एंबुलेंस में ही महिला की डिलीवरी करानी पड़ी.

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गजरौला कोतवाली क्षेत्र
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Published : Oct 5, 2022, 8:46 PM IST

अमरोहाः गजरौला कोतवाली क्षेत्र में बुधवार को प्रसूता को लेकर जा रही एंबुलेंस शहर में लगे जाम में फंस गई. सरकार का आदेश है कि एंबुलेंस को रास्ता दिया जाए. इसके बाद भी एंबुलेंस को रास्ता नहीं दिया गया, जिससे स्टाफ को एंबुलेंस के अंदर ही डिलीवरी करानी पड़ी. स्टाफ ने अपनी सूझबूझ से महिला की नॉर्मल डिलीवरी कराई. फिलहाल डिलीवरी के बाद जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.

बता दें, कि गजरौला कोतवाली क्षेत्र के कसेरवा की रहने वाली सहजनी को बुधवार को प्रसव पीड़ा होने लगी. इसके बाद परिजनों ने 102 नबंर पर फोन करके एंबुलेंस बुलाई. परिजन प्रसूता को अस्पताल ले जा रहे थे, तभी रास्ते में तिगरी रोड गांव शाहपुर में एंबुलेंस में प्रसूता की पीड़ा बढ़ने पर एंबुलेंस के स्टॉफ ने नॉर्मल डिलीवरी कराई. डिलीवरी के बाद जच्चा और बच्चा स्वस्थ हैं. एंबुलेंस में चालक प्रमोद कुमार, अमित कुमार और गांव की आशा शकीला थी.

रास्ते में बिगड़ी प्रसूता की हालत गांव शाहपुर के पास पहुंचने पर रास्ते में ही सहजनी की हालत बिगड़ने लगी. चालक एंबुलेंस को लेकर नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाने लगा, लेकिन शहर में जगह-जगह जाम लगे होने के चलते एंबुलेंस फंस गई. इसके बाद चालक प्रमोद कुमार ने आशा के सहयोग से एंबुलेंस में ही नार्मल डिलीवरी कराई.

चालक प्रमोद कुमार ने बताया कि सहजनी का केस बहुत ज्यादा क्रिटिकल था. गर्भ में बच्चा नाल में फंसे होने के चलते डिलीवरी नहीं हो पा रही थी, लेकिन कम संसाधनों में महिला की नार्मल डिलीवरी कराई गई है. सहजनी ने एक सुंदर से बेटी को जन्म दिया. इसके बाद एंबुलेंस कर्मियों ने जच्चा और बच्चा को सीएचसी में भर्ती कराया. जहां दोनों पूरी तरह से स्वस्थ हैं. उधर सीएचसी अधीक्षक डॉ. योगेंद्र सिंह ने एंबुलेंस पर तैनात पैरामेडिकल स्टाफ की प्रशंसा करते हुए उनका हौसला अफजाई किया.

पढ़ेंः नहीं मिली एंबुलेंस, हमीरपुर में मरीज को चारपाई से 1 किमी तक ले गये लोग

अमरोहाः गजरौला कोतवाली क्षेत्र में बुधवार को प्रसूता को लेकर जा रही एंबुलेंस शहर में लगे जाम में फंस गई. सरकार का आदेश है कि एंबुलेंस को रास्ता दिया जाए. इसके बाद भी एंबुलेंस को रास्ता नहीं दिया गया, जिससे स्टाफ को एंबुलेंस के अंदर ही डिलीवरी करानी पड़ी. स्टाफ ने अपनी सूझबूझ से महिला की नॉर्मल डिलीवरी कराई. फिलहाल डिलीवरी के बाद जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.

बता दें, कि गजरौला कोतवाली क्षेत्र के कसेरवा की रहने वाली सहजनी को बुधवार को प्रसव पीड़ा होने लगी. इसके बाद परिजनों ने 102 नबंर पर फोन करके एंबुलेंस बुलाई. परिजन प्रसूता को अस्पताल ले जा रहे थे, तभी रास्ते में तिगरी रोड गांव शाहपुर में एंबुलेंस में प्रसूता की पीड़ा बढ़ने पर एंबुलेंस के स्टॉफ ने नॉर्मल डिलीवरी कराई. डिलीवरी के बाद जच्चा और बच्चा स्वस्थ हैं. एंबुलेंस में चालक प्रमोद कुमार, अमित कुमार और गांव की आशा शकीला थी.

रास्ते में बिगड़ी प्रसूता की हालत गांव शाहपुर के पास पहुंचने पर रास्ते में ही सहजनी की हालत बिगड़ने लगी. चालक एंबुलेंस को लेकर नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाने लगा, लेकिन शहर में जगह-जगह जाम लगे होने के चलते एंबुलेंस फंस गई. इसके बाद चालक प्रमोद कुमार ने आशा के सहयोग से एंबुलेंस में ही नार्मल डिलीवरी कराई.

चालक प्रमोद कुमार ने बताया कि सहजनी का केस बहुत ज्यादा क्रिटिकल था. गर्भ में बच्चा नाल में फंसे होने के चलते डिलीवरी नहीं हो पा रही थी, लेकिन कम संसाधनों में महिला की नार्मल डिलीवरी कराई गई है. सहजनी ने एक सुंदर से बेटी को जन्म दिया. इसके बाद एंबुलेंस कर्मियों ने जच्चा और बच्चा को सीएचसी में भर्ती कराया. जहां दोनों पूरी तरह से स्वस्थ हैं. उधर सीएचसी अधीक्षक डॉ. योगेंद्र सिंह ने एंबुलेंस पर तैनात पैरामेडिकल स्टाफ की प्रशंसा करते हुए उनका हौसला अफजाई किया.

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