अमरोहाः बावनखेड़ी गांव में 13 साल पहले हुए दिल दहलाने वाले हत्याकांड में खलनायक शबनम को फांसी पर लटकाने की तैयारी चल रही है. वहीं लोगों के बीच अब चर्चा बनी हुई है कि शबनम की फांसी के बाद आखिर शौकत अली की करोड़ों रुपये की संपत्ति का वारिस कौन होगा? उसका बेटा ताज मोहम्मद या फिर उसके चाचा सत्तार अली.
शबनम की दया याचिका खारिज
13 साल पहले हुए दिल दहलाने वाले हत्याकांड के बाद जनपद के ग्राम बावनखेड़ी का नाम चर्चा में आया था. इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी शबनम और सलीम को जिला अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी. इसके बाद उच्च न्यायालय से लेकर उच्चतम न्यायालय ने दोनों की सजा बरकरार रखी थी. इसके बाद दोनों ने राष्ट्रपति के यहां दया याचिका लगाई थी, जो राष्ट्रपति खारिज कर दी.
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बावनखेड़ी में है हवेली
अब सवाल यह उठता है कि अगर शबनम को फांसी हुई तो उसके पिता की करोड़ों की संपत्ति का वारिस कौन होगा. क्या यह संपत्ति शबनम के बेटे ताज मोहम्मद को मिलेगी या फिर शबनम के चाचा सत्तार अली ही इस पर काबिज रहेंगे. यह सवाल लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है, शबनम के मरहूम पिता मास्टर शौकत की अमरोहा हसनपुर मार्ग पर बावनखेड़ी गांव में करीब डेढ़ बीघा भूमि में हवेली बनी है.
वारिस के मामले में वकील ने क्या कहा?
एडवोकेट रविंद्र शुक्ला ने बताया कि उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा 144 में स्पष्ट रूप से वर्णित है, कि हत्यारोपी दोष सिद्ध होने पर जोत के उत्तराधिकारी से वंचित किया जाएगा. बावनखेड़ी हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त शबनम अपने पिता शौकत अली एवं परिवार के सभी सदस्यों की हत्या के बाद उनकी संपत्ति की वारिस नहीं हो सकतीं, इसलिए शबनम को फांसी हो जाने के उपरांत शबनम के पुत्र ताज को मृतक शौकत का उत्तराधिकारी नहीं माना जाएगा.