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4 साल से बांस-बल्लियों के सहारे बिजली जलाने को मजबूर हैं अमेठी के लोग - विद्युत सप्लाई के लिए खड़े किए गए खम्भे टूटे

अमेठी के लोग 2016 से विद्युत लाइन के लिए बांस-बल्लियों को उपयोग करने के लिए मजबूर हैं. दरअसल, जगदीशपुर विकास के ग्राम सभा के नौदाड़ में तेज तूफान आने से विद्युत सप्लाई के लिए खड़े किए गए खम्भे टूट गए थे.

electric connections with the help of bamboo
बांस बल्लियों को उपयोग करने के लिए मजबूर लोग
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Published : Jul 15, 2020, 12:58 PM IST

अमेठी: जनपद के जगदीशपुर विकास के ग्राम सभा के नौदाड़ में 2016 में तेज आंधी और तूफान आने से गांव के अंदर विद्युत सप्लाई के लिए खड़े किए गए खम्भे टूट गए थे. इन खंभों के गिरने के बाद इसे विभागीय लापरवाही का नतीजा कहें या प्राकृतिक प्रकोप, 12 खंभे जमींदोज हो गए थे. इससे गांव की विद्युत सप्लाई बंद हो गई. इसके बाद चालू कराने के लिए ग्रामीणों ने विभाग का चक्कर लगाना शुरू कर दिया, लेकिन उनकी शिकायत पर किसी ने ध्यान नहीं दिया.

बांस-बल्लियों को उपयोग करने के लिए मजबूर लोग.

2016 से आज तक चार वर्ष बीतने के बाद भी विभाग की ओर से यहां पर अभी तक पोल नहीं लग सका है. ऐसे में बरसात और आंधी आने पर विद्युत तार टूटने और हादसे का खतरा बराबर बना रहता है. इस समस्या को लेकर ग्रामीण बराबर शिकायत भी दर्ज कराते रहे हैं, लेकिन विभाग के कान में जूं तक नहीं रेग रहा है. ऐसे में गांव के लोग हरे पेड़ और बांस-बल्लियों के सहारे गांव और घरों तक तारों का जाल फैलाकर कनेक्शन का उपयोग कर रहे है.

खास बात ये है कि इस क्षेत्र के विकास की जिम्मेदारी विधायक सूबे के राज्यमंत्री सुरेश पासी, अमेठी सांसद एवं केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी और प्रभारी मंत्री मोहिसिन रजा उठा रहे हैं. नौदाड़ के ग्रामीणों ने इन मंत्रियों के दौरे पर भी कई बार इनसे शिकायत कर समस्या से निजात दिलाने का आग्रह किया. इन्होंने संबंधित को तत्काल निर्देशित भी किया था. इसके बावजूद किसी ने ध्यान नहीं दिया और विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की. ऐसे में चार वर्ष से ग्रामीण बल्लियों के सहारे विद्युत सप्लाई का प्रयोग करने पर मजबूर हैं. जब इस संबंध में विभागीय अधिकारियों से कारण जानने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

अमेठी: जनपद के जगदीशपुर विकास के ग्राम सभा के नौदाड़ में 2016 में तेज आंधी और तूफान आने से गांव के अंदर विद्युत सप्लाई के लिए खड़े किए गए खम्भे टूट गए थे. इन खंभों के गिरने के बाद इसे विभागीय लापरवाही का नतीजा कहें या प्राकृतिक प्रकोप, 12 खंभे जमींदोज हो गए थे. इससे गांव की विद्युत सप्लाई बंद हो गई. इसके बाद चालू कराने के लिए ग्रामीणों ने विभाग का चक्कर लगाना शुरू कर दिया, लेकिन उनकी शिकायत पर किसी ने ध्यान नहीं दिया.

बांस-बल्लियों को उपयोग करने के लिए मजबूर लोग.

2016 से आज तक चार वर्ष बीतने के बाद भी विभाग की ओर से यहां पर अभी तक पोल नहीं लग सका है. ऐसे में बरसात और आंधी आने पर विद्युत तार टूटने और हादसे का खतरा बराबर बना रहता है. इस समस्या को लेकर ग्रामीण बराबर शिकायत भी दर्ज कराते रहे हैं, लेकिन विभाग के कान में जूं तक नहीं रेग रहा है. ऐसे में गांव के लोग हरे पेड़ और बांस-बल्लियों के सहारे गांव और घरों तक तारों का जाल फैलाकर कनेक्शन का उपयोग कर रहे है.

खास बात ये है कि इस क्षेत्र के विकास की जिम्मेदारी विधायक सूबे के राज्यमंत्री सुरेश पासी, अमेठी सांसद एवं केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी और प्रभारी मंत्री मोहिसिन रजा उठा रहे हैं. नौदाड़ के ग्रामीणों ने इन मंत्रियों के दौरे पर भी कई बार इनसे शिकायत कर समस्या से निजात दिलाने का आग्रह किया. इन्होंने संबंधित को तत्काल निर्देशित भी किया था. इसके बावजूद किसी ने ध्यान नहीं दिया और विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की. ऐसे में चार वर्ष से ग्रामीण बल्लियों के सहारे विद्युत सप्लाई का प्रयोग करने पर मजबूर हैं. जब इस संबंध में विभागीय अधिकारियों से कारण जानने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

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