अमेठी : वीवीआईपी और गांधी-नेहरू परिवार का गढ़ कही जाने वाली अमेठी सीट पर स्मृति ईरानी ने जीत दर्ज की. इस सीट पर संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी जैसे दिग्गज सांसद रहे. अब अमेठी गांधी-नेहरू परिवार के गढ़ से नहीं जानी जाएगी. क्योंकि 23 मई को लोकसभा चुनाव के परिणाम का रिजल्ट जैसे-जैसे आता गया, वैसे-वैसे गांधी-नेहरू परिवार का गढ़ गांधी परिवार से खिसकता गया.
स्मृति ईरानी की ऐतिहासिक जीत
- देश दुनिया की निगाहें अमेठी के चुनावी परिणाम पर टिकी हुई थी.
- वजह भी बिल्कुल साफ थी कि अमेठी में कांग्रेस से राहुल गांधी, तो भाजपा से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बीच चुनावी जंग थी.
- लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को कुल 4,13,394 और स्मृति ईरानी को 4,68,514 वोट मिले.
- 31 राउंड में चली चुनावी परिणाम में राहुल गांधी को भाजपा की प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने 55120 वोट से हराकर अमेठी को अपने नाम कर लिया.
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हार के बाद भी सक्रिय थी स्मृति ईरानी
- 2014 के लोकसभा चुनाव में मिली पराजय के बाद भी स्मृति ईरानी अमेठी में विकास के कार्यों को लेकर सक्रिय थी.
- अमेठी की जनता ने स्मृति ईरानी को दीदी का दर्जा दे दिया था और स्मृति ईरानी ने अपने दीदी होने का फर्ज पिछले पांच सालों में निभाया.
- जिसका नतीजा यह निकला कि 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी की जनता ने स्मृति ईरानी को सांसद चुना.
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राहुल गांधी दो जगहों से लड़े थे चुनाव
- कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पहली बार अमेठी के अलावा केरल के वायनाड से चुनाव लड़े थे.
- हालांकि वायनाड से राहुल गांधी ने चुनाव जीत लिया, लेकिन गांधी परिवार का गढ़ कहे जाने वाले अमेठी से चुनाव हार गए.