अमेठी: संजय गांधी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की बहाली को लेकर चल रहा सत्याग्रह आंदोलन तीसरे दिन बुधवार को स्थगित हो गया. रायबरेली सांसद सोनिया गांधी के प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा की उपस्थिति में मशाल जुलूस के साथ गौरीगंज सत्याग्रह आंदोलन समाप्त हुआ. किशोरी लाल शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि एक दिन बाद शुक्रवार से नए तरीके के साथ पुनः आंदोलन फिर शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि गांधी वादी तरीके से वह लड़ाई लड़ते रहेंगे. इसके साथ ही वह अस्पताल को लेकर न्याय मिलने तक अपनी लड़ाई भी जारी रखेंगे.
नए सत्याग्रह आंदोलन की होगी शुरुआत
गांधी परिवार के बेहद करीबी एवं सोनिया गांधी के प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा ने बुधवार को सत्य ग्रह आंदोलन समाप्त होने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि संजय गांधी अस्पताल के आंदोलन का यह दूसरा फेज था. उन्होंने आंदोलन स्थगित कर शुक्रवार से एक नया आंदोलन की शुरुआत करेंगे. जिससे यह नया आंदोलन गांव से लेकर चप्पे-चप्पे तक जाएगा. मीडिया द्वारा एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन का अपना एक तरीका होता है. पुतला दहन करना कोई अच्छी बात नहीं है. राजनीतिक लड़ाई राजनीति की तरह से लड़ी जाना चाहिए. यही संदेश वह कांग्रेस पार्टी के हर कार्यकर्ता को देते हैं.
अस्पताल में मिलता था अच्छा इलाज
किशोरी लाल शर्मा ने कहा कि कांग्रेस कर्यकर्ता हिंसा का सहारा नहीं लेंगे. उनके कार्यकर्ता गांधीवादी तरीके से लड़ाई लड़ेगें. कार्यकर्ता हिंसात्मक तरीके से नहीं बल्कि गांधीवादी तरीके से जनता तक अपनी बात पहुंचाने का काम कर रहे हैं. वहीं, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बयान के जवाब में उन्होंने कहा कि स्मृति ईरानी को बताने वाले लोग पढ़ाई-लिखाई में कमजोर लगते हैं. स्मृति ईरानी को सच्चाई से दूर रखा गया है. जिस अस्पताल को बंद किया गया है, वह अस्पताल हजारों परिवारों के इलाज का सहारा था. आयुष्मान कार्ड में अस्पताल नंबर वन था. आखिर मुंशीगंज अस्पताल लोग क्यों आ रहे हैं. सिर्फ इसलिए आ रहे हैं क्योंकि उन्हें यहां अच्छा इलाज मिलता है, उन्हें अच्छी दवाई के साथ अच्छी सुविधाएं भी मिलती हैं.
घाटे के बाद भी अस्पताल नहीं हुआ था बंद
उन्होंने कहा कि यह एक ट्रस्ट का अस्पताल है. जिसे वह अच्छी सुविधा देने का काम कर रहे हैं. उनका उद्देश्य यह नहीं है कि लोगों को परेशान करें. उन्होंने कहा कि इसे राजनीति से जोड़कर नहीं देखना चाहिए. राजनीति अपनी जगह है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री को जो भी बातें बोलनी चाहिए, उस पर अच्छे से विचार करना चाहिए और उनके मुंह से निकली हर बात सही होनी चाहिए. जब अस्पताल घाटे में था तब भी इस अस्पताल को बंद नहीं किया गया था. लेकिन आज इसको बंद किया जा रहा है.
छोटी राजनीति छोड़कर लोगों का भला किया जाए
भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा सरकार हमेशा कहती है कि वह रोजगार की ओर अग्रसर है. लेकिन वह सरकार से पूछना चाहते हैं कि जो कर्मचारी इस संस्था में जुड़े हुए हैं. क्या वे बेरोजगार नहीं हो जाएंगे ? आखिर इसका जिम्मेदार कौन होगा ? उन्होंने कहा कि जो भी छात्राएं यहां पर अपनी तैयारी कर रही हैं, उनका नुकसान हो रहा है, दुकानदारों का नुकसान हो रहा है. इसमें छोटी राजनीति छोड़कर लोगों का भला सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह सिर्फ दोषियों पर कार्रवाई चाहते हैं, उन्हें सजा मिलनी चाहिए. वह पीड़ित परिवार के साथ हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अस्पताल को शुरू किया जाना चाहिए.
स्मृति ईरानी रखें गरिमा का ध्यान
वहीं, सत्याग्रह आंदोलन को लीड कर रहे कांग्रेस नेता दीपक सिंह ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के सारे सांसद, विधायक, एमएलसी, और जन प्रतिनिधि स्पताल और फैक्ट्रियां खुलवाने के लिए जाने जाने जाते हैं. लेकिन सांसद स्मृति ईरानी राजनीति में पहली नेता होंगी जो कई फैक्ट्रियां और अस्पतालों को बंद करवाने के लिए जानी जाएंगी. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से सवाल किया कि "हिंदुस्तान का हर डॉक्टर अपने मरीज का जीवन बचाने के लिए काम करता है, फिल्मी डायलॉग “मौत का घाट” बोलकर देश के डॉक्टरों को हत्यारा कहना उनका अपमान है". उन्होंने कहा कि सांसद स्मृति ईरानी को लेकर कहा कि अपनी गरिमा का ध्यान रखें, आप भारत सरकार में मंत्री हैं.
सत्याग्रह स्थल पर पहुंचे सीएमओ
पूर्व एमएलसी दीपक सिंह ने कहा कि संजय गांधी अस्पताल के लिए इस सत्याग्रह में अमेठी, सुलतानपुर, प्रतापगढ़ और रायबरेली की जनता शामिल हो रही है. बता दें कि एसडीएम गौरीगंज, सीएमओ अमेठी और सीओ गौरीगंज सत्याग्रह स्थल पर पहुंचकर कांग्रेस नेताओं से वार्ता की. साथ ही कहा कि सभी मांगों को शासन स्तर तक भेज दिया गया है. इसके साथ ही शासन से वार्ता भी जारी है.