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राहुल गांधी को 29 महीने बाद आई अमेठी की याद, भाजपा कार्यकर्ताओं ने लगाए 'राहुल गांधी वापस जाओ' के नारे

कांग्रेस की पदयात्रा नेशनल हाईवे के पास जैसे ही पहुंची, सामने से भाजपा कार्यकर्ताओं ने 'राहुल गांधी वापस जाओ, प्रियंका गांधी वापस जाओ' के नारे लगाते हुए विरोध करना शुरू कर दिए. विरोध-प्रदर्शन करने वाले भाजपा कार्यकर्ता हाथों में कट आउट लिए हुए थे.

राहुल गांधी के अमेठी पहुंचते ही शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन, लगे 'राहुल गांधी वापस जाओ' के नारे
राहुल गांधी के अमेठी पहुंचते ही शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन, लगे 'राहुल गांधी वापस जाओ' के नारे
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Published : Dec 18, 2021, 8:25 PM IST

Updated : Dec 18, 2021, 10:15 PM IST

अमेठी : लंबे अरसे बाद अमेठी पहुंचे राहुल गांधी का जहां कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया वहीं, उन्हें भाजपा कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन का भी सामना करना पड़ा. लखनऊ-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर पदयात्रा में राहुल गांधी के पहुंचते ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने 'राहुल गांधी वापस जाओ, प्रियंका गांधी वापस जाओ' का नारा लगाना शुरू कर दिया.

प्रदर्शन के दौरान भाजपा और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में तीखी नोकझोंक भी हुई. बाद में पुलिस ने दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं को समझा-बुझाकर मामले को शांत करा दिया. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी बहन प्रियंका गांधी के साथ शनिवार को अमेठी लगभग 29 महीने बाद पहुंचे.

राहुल गांधी के अमेठी पहुंचते ही शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन, लगे 'राहुल गांधी वापस जाओ' के नारे

लोकसभा चुनाव 2019 की हार के बाद पहली बार राहुल गांधी सत्तारूढ़ भाजपा की नीतियों के खिलाफ पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे थे. कांग्रेस की पदयात्रा नेशनल हाईवे के पास जैसे ही पहुंची, सामने से भाजपा कार्यकर्ताओं ने 'राहुल गांधी वापस जाओ, प्रियंका गांधी वापस जाओ' के नारे लगाते हुए विरोध करना शुरू कर दिए.

विरोध-प्रदर्शन करने वाले भाजपा कार्यकर्ता हाथों में कट आउट लिए हुए थे. इसे लेकर देखते ही देखते भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में तीखी नोकझोंक शुरू हो गई. मौके पर मौजूद पुलिस दोनों पार्टी के कार्यकर्ताओं को समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया.

यह भी पढ़ें : राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना, कहा-देश के पैसे से किया करीबी पूंजीपतियों का विकास

बताते चलें कि गांधी परिवार का अमेठी से पुराना रिश्ता रहा है. राहुल गांधी अमेठी से लगातार तीन बार सांसद रह चुके है. समय के साथ गांधी परिवार का दबदबा कम होता गया. 2014 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी ने अमेठी से चुनाव लड़ा.

फिलहाल उस चुनाव में स्मृति ईरानी को सफलता नहीं मिली. हारने के बावजूद भी स्मृति ईरानी ने हार नहीं मानी. अमेठी में लोगों के बीच बनी रहीं. 2019 के चुनाव में स्मृति ईरानी पुनः चुनावी मैदान में आ गईं. इस चुनाव में राहुल गांधी को पराजय का सामना करना पड़ा.

भारतीय जनता पार्टी ने स्मृति की जीत पर उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया. 2022 में यूपी विधानसभा का चुनाव है. इसे लेकर कांग्रेस अमेठी में अपना वजूद पुनः स्थापित करने का प्रयास कर रही है. राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा आज सरकार की नीतियों के खिलाफ पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे थे. कुछ ही दूर बाद हारी मऊ में उन्होंने एक जनसभा को भी संबोधित किया.

अमेठी : लंबे अरसे बाद अमेठी पहुंचे राहुल गांधी का जहां कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया वहीं, उन्हें भाजपा कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन का भी सामना करना पड़ा. लखनऊ-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर पदयात्रा में राहुल गांधी के पहुंचते ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने 'राहुल गांधी वापस जाओ, प्रियंका गांधी वापस जाओ' का नारा लगाना शुरू कर दिया.

प्रदर्शन के दौरान भाजपा और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में तीखी नोकझोंक भी हुई. बाद में पुलिस ने दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं को समझा-बुझाकर मामले को शांत करा दिया. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी बहन प्रियंका गांधी के साथ शनिवार को अमेठी लगभग 29 महीने बाद पहुंचे.

राहुल गांधी के अमेठी पहुंचते ही शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन, लगे 'राहुल गांधी वापस जाओ' के नारे

लोकसभा चुनाव 2019 की हार के बाद पहली बार राहुल गांधी सत्तारूढ़ भाजपा की नीतियों के खिलाफ पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे थे. कांग्रेस की पदयात्रा नेशनल हाईवे के पास जैसे ही पहुंची, सामने से भाजपा कार्यकर्ताओं ने 'राहुल गांधी वापस जाओ, प्रियंका गांधी वापस जाओ' के नारे लगाते हुए विरोध करना शुरू कर दिए.

विरोध-प्रदर्शन करने वाले भाजपा कार्यकर्ता हाथों में कट आउट लिए हुए थे. इसे लेकर देखते ही देखते भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में तीखी नोकझोंक शुरू हो गई. मौके पर मौजूद पुलिस दोनों पार्टी के कार्यकर्ताओं को समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया.

यह भी पढ़ें : राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना, कहा-देश के पैसे से किया करीबी पूंजीपतियों का विकास

बताते चलें कि गांधी परिवार का अमेठी से पुराना रिश्ता रहा है. राहुल गांधी अमेठी से लगातार तीन बार सांसद रह चुके है. समय के साथ गांधी परिवार का दबदबा कम होता गया. 2014 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी ने अमेठी से चुनाव लड़ा.

फिलहाल उस चुनाव में स्मृति ईरानी को सफलता नहीं मिली. हारने के बावजूद भी स्मृति ईरानी ने हार नहीं मानी. अमेठी में लोगों के बीच बनी रहीं. 2019 के चुनाव में स्मृति ईरानी पुनः चुनावी मैदान में आ गईं. इस चुनाव में राहुल गांधी को पराजय का सामना करना पड़ा.

भारतीय जनता पार्टी ने स्मृति की जीत पर उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया. 2022 में यूपी विधानसभा का चुनाव है. इसे लेकर कांग्रेस अमेठी में अपना वजूद पुनः स्थापित करने का प्रयास कर रही है. राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा आज सरकार की नीतियों के खिलाफ पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे थे. कुछ ही दूर बाद हारी मऊ में उन्होंने एक जनसभा को भी संबोधित किया.

Last Updated : Dec 18, 2021, 10:15 PM IST
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