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बीजेपी के युवा नेता ने पत्नी का करवाया नामांकन, लगाया दलित और पिछड़े वर्ग की उपेक्षा का आरोप

बीजेपी में पुराने नेताओं को टिकट न मिलने से बगावत हो गई है. कई नेताओं ने टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया है. वहीं अमेठी में बीजेपी नेता महेश सोनी ने अमेठी नगर पंचायत से अपनी पत्नी को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतार दिया है. -

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Published : Apr 25, 2023, 9:01 AM IST

बीजेपी के युवा नेता ने पत्नी का करवाया नामांकन

अमेठी: यूपी निकाय चुनाव में बीजेपी के बागी पार्टी के लिए मुसीबत बन सकते हैं. अभी तक बीजेपी की जय जय कार करने वाले बीजेपी नेता ने टिकट न मिलने पर बागी रुख अपना लिया. बगावत का आलम यह रहा कि बागी हुए महेश सोनी ने अमेठी नगर पंचायत से अपनी पत्नी को निर्दलयी उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतार दिया. बीजेपी नेता ने महिला सीट होने पर अपनी पत्नी के लिए टिकट का आवेदन किया था. बीजेपी के बागी नेता अपनी पत्नी का नामांकन करवाकर बीजेपी के लिए मुसीबत बन सकते हैं.

यूपी में निकाय चुनाव को लेकर रस्साकशी तेज हो गई है. दूसरे चरण के मतदान के लिए सोमवार को नामांकन की प्रक्रिया पूर्ण हो गई. निकाय चुनाव में प्रत्याशियों की लिस्ट जारी होते ही बीजेपी में बगावत के शुर मुखर होने लगे. जिले में अमेठी नगर पंचायत सीट हॉट सीट के रूप में चर्चित है. बीजेपी ने यहां अध्यक्ष पद के लिए अंजू कसौधन को कैंडिडेट बनाया है. कैंडिडेट की घोषणा होते ही बीजेपी में बगावत के शुरू तेज हो गए. युवा मोर्चा के जिला महामंत्री महेश सोनी ने अपनी पत्नी लक्ष्मी सोनी को टिकट देने के लिए आवेदन किया था. पार्टी आलाकमान ने लक्ष्मी सोनी को टिकट नहीं दिया, जिससे नाराज महेश सोनी ने अपनी पत्नी लक्ष्मी सोनी का नामांकन निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में करा दिया. नामांकन के बाद से राजनीतिक गलियारे में हलचल तेज हो गई है.

बता दें कि महेश सोनी युवा मोर्चा के महामंत्री के पद पर थे. कुछ दिनों पूर्व बीजेपी ने उन्हें विस्तारक की जिम्मेदारी दी थी. टिकट की दौड़ में शामिल महेश सोनी कई महीने से चुनाव की तैयारी में थे. अंतिम समय में जब पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया तो वह बागी के रूप में मैदान में आ गए. नामांकन के बाद बीजेपी नेता ने बिना नाम लिए जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश अग्रहरि पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि अमेठी में दलित और पिछड़े वर्ग के नेताओं को उभरने नहीं दिया जाता है.

उन्होंने कहा कि विगत दस वर्षों से पार्टी में खून पसीना बहाया. अंत में पार्टी ने उन्हें किनारे लगा दिया. उन्होंने कहा कि वे अमेठी के विकास के लिए चुनाव लड़ रहे हैं. एक सवाल के जवाब में महेश सोनी ने कहा कि वे बागी नहीं हैं और न बगावत की है. बीजेपी के सामान्य कार्यकर्ता की तरह हमेशा रहेंगे. एक वर्ग विशेष ही अमेठी में कब्जा किए हुए है. उन्होंने ओवरब्रिज निर्माण के दौरान ढहाए गए घरों का जिक्र करते हुए कहा कि एक बड़े नेता हैं, जिन्होंने वादा किया था कि जिनका घर टूट रहा है, उन्हें घर का इंतजाम करवाया जाएगा. जो अभी पूरा नहीं हुआ. बड़े नेता का संकेत उनका राजेश अग्रहरि के ऊपर था. इसके पूर्व राजेश अग्रहरि की पत्नी चंद्रमा देवी तीन बार से लगातार नगर पंचायत अध्यक्ष थीं.

यह भी पढ़ें: निकाय चुनाव को लेकर मंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर बोले-यूपी में जनता बनाएगी ट्रिपल इंजन की सरकार

बीजेपी के युवा नेता ने पत्नी का करवाया नामांकन

अमेठी: यूपी निकाय चुनाव में बीजेपी के बागी पार्टी के लिए मुसीबत बन सकते हैं. अभी तक बीजेपी की जय जय कार करने वाले बीजेपी नेता ने टिकट न मिलने पर बागी रुख अपना लिया. बगावत का आलम यह रहा कि बागी हुए महेश सोनी ने अमेठी नगर पंचायत से अपनी पत्नी को निर्दलयी उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतार दिया. बीजेपी नेता ने महिला सीट होने पर अपनी पत्नी के लिए टिकट का आवेदन किया था. बीजेपी के बागी नेता अपनी पत्नी का नामांकन करवाकर बीजेपी के लिए मुसीबत बन सकते हैं.

यूपी में निकाय चुनाव को लेकर रस्साकशी तेज हो गई है. दूसरे चरण के मतदान के लिए सोमवार को नामांकन की प्रक्रिया पूर्ण हो गई. निकाय चुनाव में प्रत्याशियों की लिस्ट जारी होते ही बीजेपी में बगावत के शुर मुखर होने लगे. जिले में अमेठी नगर पंचायत सीट हॉट सीट के रूप में चर्चित है. बीजेपी ने यहां अध्यक्ष पद के लिए अंजू कसौधन को कैंडिडेट बनाया है. कैंडिडेट की घोषणा होते ही बीजेपी में बगावत के शुरू तेज हो गए. युवा मोर्चा के जिला महामंत्री महेश सोनी ने अपनी पत्नी लक्ष्मी सोनी को टिकट देने के लिए आवेदन किया था. पार्टी आलाकमान ने लक्ष्मी सोनी को टिकट नहीं दिया, जिससे नाराज महेश सोनी ने अपनी पत्नी लक्ष्मी सोनी का नामांकन निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में करा दिया. नामांकन के बाद से राजनीतिक गलियारे में हलचल तेज हो गई है.

बता दें कि महेश सोनी युवा मोर्चा के महामंत्री के पद पर थे. कुछ दिनों पूर्व बीजेपी ने उन्हें विस्तारक की जिम्मेदारी दी थी. टिकट की दौड़ में शामिल महेश सोनी कई महीने से चुनाव की तैयारी में थे. अंतिम समय में जब पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया तो वह बागी के रूप में मैदान में आ गए. नामांकन के बाद बीजेपी नेता ने बिना नाम लिए जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश अग्रहरि पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि अमेठी में दलित और पिछड़े वर्ग के नेताओं को उभरने नहीं दिया जाता है.

उन्होंने कहा कि विगत दस वर्षों से पार्टी में खून पसीना बहाया. अंत में पार्टी ने उन्हें किनारे लगा दिया. उन्होंने कहा कि वे अमेठी के विकास के लिए चुनाव लड़ रहे हैं. एक सवाल के जवाब में महेश सोनी ने कहा कि वे बागी नहीं हैं और न बगावत की है. बीजेपी के सामान्य कार्यकर्ता की तरह हमेशा रहेंगे. एक वर्ग विशेष ही अमेठी में कब्जा किए हुए है. उन्होंने ओवरब्रिज निर्माण के दौरान ढहाए गए घरों का जिक्र करते हुए कहा कि एक बड़े नेता हैं, जिन्होंने वादा किया था कि जिनका घर टूट रहा है, उन्हें घर का इंतजाम करवाया जाएगा. जो अभी पूरा नहीं हुआ. बड़े नेता का संकेत उनका राजेश अग्रहरि के ऊपर था. इसके पूर्व राजेश अग्रहरि की पत्नी चंद्रमा देवी तीन बार से लगातार नगर पंचायत अध्यक्ष थीं.

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