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अमेठी: खतौनी के पैटर्न पर अब बनेगा घरौनी, ड्रोन कैमरे से सर्वे शुरू

यूपी के अमेठी में खतौनी के पैटर्न पर धरौनी बनेगा. इसके तहत अब आबादी की जमीन का लेखा-जोखा होगा. इसके लिए ड्रोन कैमरे से सर्वे का कार्य गौरीगंज तहसील से शुरू हुआ.

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ड्रोन कैमरे से सर्वे का कार्य गौरीगंज तहसील से शुरू हुआ.
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Published : Jul 25, 2020, 6:16 PM IST

अमेठी: जिले में खतौनी के पैटर्न पर घरौनी स्कीम है. इसके तहत अब आबादी की जमीन का लेखा-जोखा होगा. इसके लिए ड्रोन कैमरे से सर्वे का कार्य गौरीगंज तहसील से शुरू हुआ. इसके लिए दिल्ली से बाकायदा एक टीम गौरीगंज पहुंची, जो ड्रोन कैमरे से एक-एक व्यक्ति के घर और जमीन का सर्वे करेगी. इससे अंदाजा लगाया जाएगा कि कौन कितने स्वामित्व का मालिक है.

शुक्रवार को दिल्ली से एक टीम गौरीगंज मुख्यालय पहुंची. टीम ने दो गांव मोहनपुर और पूरे अवसान में सर्वे किया. जिम्मेदार अधिकारी ने बताया कि खतौनी के ही पैटर्न पर भारत सरकार के निर्देश पर घरौनी बनाने का कार्यक्रम शुरू किया गया है. अभी तक श्रेणी-6 दो में आबादी की जमीन के स्वामित्व का अधिकार नहीं होता था, जिसके लिए गांव में तमाम विवाद होते हैं. अब उनके स्वामित्व का निर्धारण इस भू सर्वेक्षण टीम के द्वारा कराया जा रहा है. आबादी का सीमांकन संभव नहीं था, इसलिए ड्रोन कैमरे से ऊपर से सर्वे किया जाएगा कि प्रत्येक व्यक्ति के आवास की स्थिति कितनी है. वह कितने क्षेत्रफल में रह रहा है. बताया जा रहा है कि प्रारूप 5 है. उसमें प्रत्येक व्यक्ति का नाम, उसके पिता का नाम, मोबाइल नंबर, कितने क्षेत्रफल में वो बसा है. वहीं कोई सरकारी विद्यालय है, पोल है, पंचायत भवन है, इन सभी का चिन्हांकन टीम करेगी. इससे आबादी की भूमि पर स्वामित्व का अधिकार मिलेगा.

यह केंद्र सरकार की सौमित्र योजना के अन्तर्गत खतौनी के पैटर्न पर आई घरौनी स्कीम के तहत आबादी क्षेत्र का एक कंट्रोल मैप बनाया जाएगा. ड्रोन कैमरे के साथ भारत सरकर की टीम द्वारा एक डिजिटल कंट्रोल मैप तैयार किया जाएगा. इसके बाद आपत्तियां ली जाएंगी औऱ उनके निस्तारण की कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद आबादी के भूमि पर स्वामित्व हेतु अभिलेख जारी होंगे.

अमेठी: जिले में खतौनी के पैटर्न पर घरौनी स्कीम है. इसके तहत अब आबादी की जमीन का लेखा-जोखा होगा. इसके लिए ड्रोन कैमरे से सर्वे का कार्य गौरीगंज तहसील से शुरू हुआ. इसके लिए दिल्ली से बाकायदा एक टीम गौरीगंज पहुंची, जो ड्रोन कैमरे से एक-एक व्यक्ति के घर और जमीन का सर्वे करेगी. इससे अंदाजा लगाया जाएगा कि कौन कितने स्वामित्व का मालिक है.

शुक्रवार को दिल्ली से एक टीम गौरीगंज मुख्यालय पहुंची. टीम ने दो गांव मोहनपुर और पूरे अवसान में सर्वे किया. जिम्मेदार अधिकारी ने बताया कि खतौनी के ही पैटर्न पर भारत सरकार के निर्देश पर घरौनी बनाने का कार्यक्रम शुरू किया गया है. अभी तक श्रेणी-6 दो में आबादी की जमीन के स्वामित्व का अधिकार नहीं होता था, जिसके लिए गांव में तमाम विवाद होते हैं. अब उनके स्वामित्व का निर्धारण इस भू सर्वेक्षण टीम के द्वारा कराया जा रहा है. आबादी का सीमांकन संभव नहीं था, इसलिए ड्रोन कैमरे से ऊपर से सर्वे किया जाएगा कि प्रत्येक व्यक्ति के आवास की स्थिति कितनी है. वह कितने क्षेत्रफल में रह रहा है. बताया जा रहा है कि प्रारूप 5 है. उसमें प्रत्येक व्यक्ति का नाम, उसके पिता का नाम, मोबाइल नंबर, कितने क्षेत्रफल में वो बसा है. वहीं कोई सरकारी विद्यालय है, पोल है, पंचायत भवन है, इन सभी का चिन्हांकन टीम करेगी. इससे आबादी की भूमि पर स्वामित्व का अधिकार मिलेगा.

यह केंद्र सरकार की सौमित्र योजना के अन्तर्गत खतौनी के पैटर्न पर आई घरौनी स्कीम के तहत आबादी क्षेत्र का एक कंट्रोल मैप बनाया जाएगा. ड्रोन कैमरे के साथ भारत सरकर की टीम द्वारा एक डिजिटल कंट्रोल मैप तैयार किया जाएगा. इसके बाद आपत्तियां ली जाएंगी औऱ उनके निस्तारण की कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद आबादी के भूमि पर स्वामित्व हेतु अभिलेख जारी होंगे.

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