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इस शहर में हुई यूपी की सबसे बड़ी जमीन रजिस्ट्री, टूटे रिकार्ड

जनपद में आदित्य बिड़ला ग्रुप की कंपनी ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने अपने ही ग्रुप की कंपनी आदित्य बिरला नुवो लिमिटेड से 833.04 एकड़ भूमि का लीज परिवर्तन कराया है. इसके लिए कंपनी ने 1,41,59,51,408 रुपये बतौर स्टांप शुल्क और 20,22,78,940 रुपये बतौर रजिस्ट्री फीस जमा किया है.

यूपी की सबसे बड़ी जमीन रजिस्ट्री
यूपी की सबसे बड़ी जमीन रजिस्ट्री
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Published : Nov 18, 2020, 4:14 PM IST

अमेठी: दीवाली के मौके पर प्रशासन के प्रयास से अमेठी जिला पूरे प्रदेश में स्टाम्प कलेक्शन के मामले में अव्वल बना है. इस दौरान अमेठी में उत्तर प्रदेश की सबसे महंगी रजिस्ट्री हुई है. अमेठी की मुसाफिरखाना तहसील में बीते शुक्रवार को हुई एक रजिस्ट्री ने प्रदेश में रजिस्ट्री में मिलने वाले स्टांप और रजिस्ट्री शुल्क के सभी पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. इस रजिस्ट्री को कराने वाली कंपनी ने 1.41 अरब से ज्यादा का स्टांप और 20.22 करोड़ से ज्यादा का रजिस्ट्री शुल्क ई-पेमेंट के जरिए प्रदेश सरकार के खजाने में जमा कराया है.

यूपी की सबसे बड़ी जमीन रजिस्ट्री.

रजिस्ट्री के लिए प्रशासन को सॉफ्टवेयर में करना पड़ा बदलाव
आदित्य बिड़ला ग्रुप की कंपनी ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने अपने ही ग्रुप की कंपनी आदित्य बिरला नुवो लिमिटेड से शुक्रवार को 833.04 एकड़ यानी 1,332.86 बीघा भूमि का लीज परिवर्तन कराया. लीज परिवर्तन यूपीएसआईडीए ने किया. लीज परिवर्तन के लिए ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने एक अरब 41 करोड़ 59 लाख 51 हजार 408 रुपये (1,41,59,51,408 रुपये) बतौर स्टांप शुल्क और 20 करोड़ 22 लाख 78 हजार 940 रुपये (20,22,78,940 रुपये) रजिस्ट्री फीस के रूप में दिया है. कंपनी ने ई-स्टांपिंग और रजिस्ट्री शुल्क की पूरी राशि रजिस्ट्री विभाग को ई-पेमेंट के जरिए दी है. यह रजिस्ट्री ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड के ज्वाइंट प्रेसीडेंट सुरेश चंद्र डाड द्वारा कंपनी की तरफ से कराई गई. रजिस्ट्री होने के बाद उप निबंधक भानुप्रताप सिंह ने इसके दस्तावेज सुरेश चंद्र को सौंप दिए. इस रजिस्ट्री के लिए प्रशासन को अपने सॉफ्टवेयर में बदलाव करना पड़ा.

यह रजिस्ट्री स्टांप शुल्क की दृष्टि से प्रदेश की अब तक की सबसे बड़ी रजिस्ट्री है. अब तक रजिस्ट्री विभाग के सॉफ्टवेयर में शुल्क चुकाने की व्यवस्था 10 अंक तक थी. शुल्क 11 अंक में पहुंचने के कारण विभाग को साफ्टवेयर में बदलाव करना पड़ा.
-वंदिता श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी

ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड के नाम हुई अरबों की जमीन
ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने लीज परिवर्तन के लिए इस साल के प्रारंभ में अपर जिला मजिस्ट्रेट वंदिता श्रीवास्तव की कोर्ट में अधियाचन कर स्टांप निर्धारण कराने का अनुरोध किया था. अपर जिला मजिस्ट्रेट ने 13 जुलाई को लीज परिवर्तन के लिए एक अरब 84 करोड़ 39 लाख 14 हजार 710 रुपये का स्टांप और इसके सापेक्ष रजिस्ट्री शुल्क चुकाने का अधिनिर्णय सुनाया था. इस निर्णय के क्रम में कंपनी अब तक चार रजिस्ट्री में एक अरब 76 करोड़ 48 लाख 15 हजार 460 रुपये का स्टांप शुल्क व 27 करोड़ 15 लाख 77 हजार 420 रुपये का रजिस्ट्री शुल्क चुका चुकी है.

कंपनी पहले करा चुकी है तीन रजिस्ट्री
अमेठी की एडीएम वंदिता श्रीवास्तव ने बताया कि कंपनी पहले भी लीज परिवर्तन की तीन रजिस्ट्री करा चुकी है. कंपनी ने पहली रजिस्ट्री के लिए 26 लाख 21 हजार 800 रुपये का स्टांप और पांच लाख 58 हजार 570 रुपये का रजिस्ट्री शुल्क, दूसरी रजिस्ट्री के लिए 34 करोड़ 36 लाख 52 हजार 700 रुपये का स्टांप और 6 करोड़ 81 लाख 95 हजार 440 रुपये का रजिस्ट्री शुल्क तथा तीसरी रजिस्ट्री के लिए 25 लाख 88 हजार 900 रुपये का स्टांप और पांच लाख 44 हजार 470 रुपये का रजिस्ट्री शुल्क चुकाया था.

इस वित्तीय वर्ष में 2.15 अरब की आय

मुसाफिरखाना के उप निबंधक कार्यालय को एक अप्रैल से 13 नवंबर 2020 तक अलग-अलग प्रकार की रजिस्ट्री में लगने वाले स्टांप और रजिस्ट्री शुल्क से 2 अरब 14 करोड़ 79 लाख 84 हजार 550 रुपये की आय हुई है. इस आय में से 2 अरब तीन करोड़ 63 लाख 92 हजार 880 रुपये सिर्फ इस कंपनी की चार रजिस्ट्री से प्राप्त हुए हैं. अन्य से प्राप्त आय मात्र 11 करोड़ 15 लाख 91 हजार 670 रुपये हैं.

80 के दशक में विकसित हुआ था इंडस्ट्रियल एरिया

अमेठी जिले के कमरौली जगदीशपुर में यूपीएसआईडीसी अब UPSIDA ने 80 के दशक में इंडस्ट्रियल एरिया विकसित किया था. चूंकि उस समय अमेठी से सांसद रहे राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री थे, ऐसे में यहां तमाम बड़ी कंपनियों ने लीज पर भूमि ली और कंपनियों की स्थापना की. इसी दौरान बिड़ला ग्रुप ने 1984 में बड़ी भूमि पर इंडोगल्फ के नाम से शक्तिमान उर्वरक की कंपनी डाली. अब इसी कंपनी की लीज पर ली गई संपूर्ण भूमि अपने ही ग्रुप की दूसरी कंपनी के नाम कर दी गई है. कंपनी के ज्वाइंट प्रेसीडेंट ने बताया कि कंपनी पूर्ववत कार्य करती रहेगी.

अमेठी: दीवाली के मौके पर प्रशासन के प्रयास से अमेठी जिला पूरे प्रदेश में स्टाम्प कलेक्शन के मामले में अव्वल बना है. इस दौरान अमेठी में उत्तर प्रदेश की सबसे महंगी रजिस्ट्री हुई है. अमेठी की मुसाफिरखाना तहसील में बीते शुक्रवार को हुई एक रजिस्ट्री ने प्रदेश में रजिस्ट्री में मिलने वाले स्टांप और रजिस्ट्री शुल्क के सभी पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. इस रजिस्ट्री को कराने वाली कंपनी ने 1.41 अरब से ज्यादा का स्टांप और 20.22 करोड़ से ज्यादा का रजिस्ट्री शुल्क ई-पेमेंट के जरिए प्रदेश सरकार के खजाने में जमा कराया है.

यूपी की सबसे बड़ी जमीन रजिस्ट्री.

रजिस्ट्री के लिए प्रशासन को सॉफ्टवेयर में करना पड़ा बदलाव
आदित्य बिड़ला ग्रुप की कंपनी ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने अपने ही ग्रुप की कंपनी आदित्य बिरला नुवो लिमिटेड से शुक्रवार को 833.04 एकड़ यानी 1,332.86 बीघा भूमि का लीज परिवर्तन कराया. लीज परिवर्तन यूपीएसआईडीए ने किया. लीज परिवर्तन के लिए ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने एक अरब 41 करोड़ 59 लाख 51 हजार 408 रुपये (1,41,59,51,408 रुपये) बतौर स्टांप शुल्क और 20 करोड़ 22 लाख 78 हजार 940 रुपये (20,22,78,940 रुपये) रजिस्ट्री फीस के रूप में दिया है. कंपनी ने ई-स्टांपिंग और रजिस्ट्री शुल्क की पूरी राशि रजिस्ट्री विभाग को ई-पेमेंट के जरिए दी है. यह रजिस्ट्री ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड के ज्वाइंट प्रेसीडेंट सुरेश चंद्र डाड द्वारा कंपनी की तरफ से कराई गई. रजिस्ट्री होने के बाद उप निबंधक भानुप्रताप सिंह ने इसके दस्तावेज सुरेश चंद्र को सौंप दिए. इस रजिस्ट्री के लिए प्रशासन को अपने सॉफ्टवेयर में बदलाव करना पड़ा.

यह रजिस्ट्री स्टांप शुल्क की दृष्टि से प्रदेश की अब तक की सबसे बड़ी रजिस्ट्री है. अब तक रजिस्ट्री विभाग के सॉफ्टवेयर में शुल्क चुकाने की व्यवस्था 10 अंक तक थी. शुल्क 11 अंक में पहुंचने के कारण विभाग को साफ्टवेयर में बदलाव करना पड़ा.
-वंदिता श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी

ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड के नाम हुई अरबों की जमीन
ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने लीज परिवर्तन के लिए इस साल के प्रारंभ में अपर जिला मजिस्ट्रेट वंदिता श्रीवास्तव की कोर्ट में अधियाचन कर स्टांप निर्धारण कराने का अनुरोध किया था. अपर जिला मजिस्ट्रेट ने 13 जुलाई को लीज परिवर्तन के लिए एक अरब 84 करोड़ 39 लाख 14 हजार 710 रुपये का स्टांप और इसके सापेक्ष रजिस्ट्री शुल्क चुकाने का अधिनिर्णय सुनाया था. इस निर्णय के क्रम में कंपनी अब तक चार रजिस्ट्री में एक अरब 76 करोड़ 48 लाख 15 हजार 460 रुपये का स्टांप शुल्क व 27 करोड़ 15 लाख 77 हजार 420 रुपये का रजिस्ट्री शुल्क चुका चुकी है.

कंपनी पहले करा चुकी है तीन रजिस्ट्री
अमेठी की एडीएम वंदिता श्रीवास्तव ने बताया कि कंपनी पहले भी लीज परिवर्तन की तीन रजिस्ट्री करा चुकी है. कंपनी ने पहली रजिस्ट्री के लिए 26 लाख 21 हजार 800 रुपये का स्टांप और पांच लाख 58 हजार 570 रुपये का रजिस्ट्री शुल्क, दूसरी रजिस्ट्री के लिए 34 करोड़ 36 लाख 52 हजार 700 रुपये का स्टांप और 6 करोड़ 81 लाख 95 हजार 440 रुपये का रजिस्ट्री शुल्क तथा तीसरी रजिस्ट्री के लिए 25 लाख 88 हजार 900 रुपये का स्टांप और पांच लाख 44 हजार 470 रुपये का रजिस्ट्री शुल्क चुकाया था.

इस वित्तीय वर्ष में 2.15 अरब की आय

मुसाफिरखाना के उप निबंधक कार्यालय को एक अप्रैल से 13 नवंबर 2020 तक अलग-अलग प्रकार की रजिस्ट्री में लगने वाले स्टांप और रजिस्ट्री शुल्क से 2 अरब 14 करोड़ 79 लाख 84 हजार 550 रुपये की आय हुई है. इस आय में से 2 अरब तीन करोड़ 63 लाख 92 हजार 880 रुपये सिर्फ इस कंपनी की चार रजिस्ट्री से प्राप्त हुए हैं. अन्य से प्राप्त आय मात्र 11 करोड़ 15 लाख 91 हजार 670 रुपये हैं.

80 के दशक में विकसित हुआ था इंडस्ट्रियल एरिया

अमेठी जिले के कमरौली जगदीशपुर में यूपीएसआईडीसी अब UPSIDA ने 80 के दशक में इंडस्ट्रियल एरिया विकसित किया था. चूंकि उस समय अमेठी से सांसद रहे राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री थे, ऐसे में यहां तमाम बड़ी कंपनियों ने लीज पर भूमि ली और कंपनियों की स्थापना की. इसी दौरान बिड़ला ग्रुप ने 1984 में बड़ी भूमि पर इंडोगल्फ के नाम से शक्तिमान उर्वरक की कंपनी डाली. अब इसी कंपनी की लीज पर ली गई संपूर्ण भूमि अपने ही ग्रुप की दूसरी कंपनी के नाम कर दी गई है. कंपनी के ज्वाइंट प्रेसीडेंट ने बताया कि कंपनी पूर्ववत कार्य करती रहेगी.

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