अमेठीः अमेठी नगर पंचायत में भारतीय जनता पार्टी ने चौथी बार जीत हासिल की है. भारी मतों से जीत मिलने के बाद अमेठी जिला पंचायत अध्यक्ष व भाजपा के वरिष्ठ नेता उद्योगपति राजेश मसाला ने रविवार को कहा कि अमेठी की देवतुल्य जनता ने जो भरोसा जताया है, उस पर पूरी तरह से खरा उतरने का प्रयास किया जाएगा. अमेठी को सजाने संवारने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अमेठी की लोकप्रिय सांसद स्मृति ईरानी के नेतृत्व में तेजी से विकास हुआ है. योजनाओं का लाभ सीधे लोगों तक पहुंचा है. इसी का नतीजा है कि मतदाताओं ने भारतीय जनता पार्टी पर अपना भरोसा जताया है.
उद्योगपति राजेश मसाला ने कहा कि उनकी पत्नी चंद्रमा देवी पिछले 15 वर्षों तक अमेठी नगर पंचायत की अध्यक्ष रहीं. उन्होंने पूरी ईमानदारी से अमेठी को विकास के पथ पर ले जाने का काम किया. बिजली का काम हो, पेयजल का काम हो, पानी निकासी हो, सड़क हो या सफाई हो हर क्षेत्र में उन्होंने पूरी ईमानदारी से काम किया है. हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि रही हमने कहीं भी भ्रष्टाचार नहीं होने दिया हमने अमेठी की जमीन को बिकने नहीं दिया.
उन्होंने कहा कि 'देवतुल्य मतदाताओं ने चंद्रमा देवी के द्वारा किए गए विकास कार्यों पर अपनी मुहर लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार अंजू कसौधन को जिताया है. भाजपा की कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं है मैं विश्वास दिलाता हूं. अमेठी को सजाने और संवारने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी. यह जीत दूरगामी परिणामों को समेटे हुए अमेठी के भलमनसाहत की जीत है. अमेठी के देवतुल्य मतदाताओं की जीत है यह विकास की जीत है. मैं बारंबार अमेठी के मतदाताओं को प्रणाम करता हूं वंदन करता हूं'.
आपको बता दें कि अमेठी नगर पंचायत पर तीन बार से राजेश अग्रहरि का कब्जा रहा है. उनकी पत्नी यहां तीन बार से नगर पंचायत अध्यक्ष थी. इस बार बीजेपी ने यहां अंजू कसौधन को प्रत्याशी बनाया. अंजू कसौधन के पति फूल चंद कसौधन हैं. फूल चंद राजेश अग्रहरी के करीबी बताए जाते है. बीजेपी से टिकट मिलने में राजेश अग्रहरि का अहम योगदान था. इस चुनाव में राजेश अग्रहरि की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी. भले राजेश अग्रहरि प्रत्यक्ष रूप से चुनाव नही लड़ रहे थे. फिर, भी चुनावी कमान इन्हीं के हाथ में थी. इस चुनाव में इनकी पत्नी एवं पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष चंद्रमा देवी ने भी बहुत मेहनत की. पूरे नगर में रोड शो, जन संपर्क और जनसभाओं में मौजूद रहीं. मतदाताओं को अपने पंद्रह वर्ष के विकास का हवाला देकर साधने में कामयाब रहीं.
यहां टिकट मिलने के बाद से पार्टी प्रत्याशी को बगावत भी झेलनी पड़ी. पार्टी के युवा मोर्चा के पदाधिकारी महेश सोनी का टिकट फाइनल होने के बाद से ही बगावत पर उतर आए. उन्होंने अपनी पत्नी को निर्दलीय के रूप में नामांकन भी करा दिया. इस तरह तमाम विरोध के बाद भी राजेश अग्रहरी की कुशल रणनीति और पंद्रह वर्षों के विकास का हवाला देते हुए राजेश अग्रहरी अंजू कसौधन को चुनाव जिता लिए.
बीजेपी कैंडिडेट को जि ताने के लिए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी सहित स्थानीय संगठन ने भी अपनी पूरी ताकत के साथ चुनाव के दौरान मतदाताओं के बीच डटा रहा, जहां स्मृति ईरानी ने रोड शो के दौरान नगर वासियों से बीजेपी कैंडिडेट को जिताने की अपील की थी, वहीं बीजेपी संगठन के पदाधिकारियों ने भी घर-घर जाकर एक-एक वोट जुटाने का प्रयास किया.