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BJP प्रत्याशी संजय सिंह का निशाना, बोले-अमेठी में कांग्रेस के न गढ़ का पता है और न ही गढ़ वालों का - यूपी विधानसभा चुनाव 2022

अमेठी नरेश और बीजेपी प्रत्याशी डॉ. संजय सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली अमेठी में न तो गढ़ का पता है और न ही गढ़ वालों का. भारतीय जनता पार्टी का इतिहास अत्यंत गौरवशाली है.

BJP प्रत्याशी संजय सिंह
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Published : Feb 11, 2022, 8:57 AM IST

अमेठी: पूर्व केंद्रीय मंत्री व अमेठी विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी डॉ. संजय सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली अमेठी में न तो गढ़ का पता है और न ही गढ़ वालों का. भारतीय जनता पार्टी का इतिहास अत्यंत गौरवशाली है चाहे उपाध्याय जी रहे हों, वीर सावरकर जी हों या अटल जी रहे हों. सभी ने पार्टी के लिए त्याग और तपस्या किया है.

आज देश में बीजेपी के अगुआ नरेंद्र मोदी हैं और प्रदेश में बुलडोजर वाले बाबा. सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास बहुत बड़ी चीज है. आज मोदीजी के नेतृत्व में भारत विश्व के ग्लोब में सेंट्रल पॉइंट पर है. भारतीय जनता पार्टी कभी अपने सिद्धांतों को नहीं छोड़ती है. अमेठी में गुण्डागर्दी नहीं होने देंगे. जब मैं पहली बार अमेठी की धरती पर खड़ा हुआ था तो आपने एक लाख से ज्यादा मतों से विजयी बनाया था. अब उससे कम नहीं होना देना है.

जानकारी देते डॉ संजय सिंह.

संजय सिंह ने कहा कि इसी जनता और कार्यकर्ताओं ने स्मृति ईरानी जी को ऐतिहासिक जीत दिलाई. कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाली अमेठी में न गढ़ का पता है न गढ़वालों का. आज अमेठी में 30 हजार बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. हम अमेठी को विकास का हब बना देंगे.

दरअसल, बीजेपी नेता डॉ. संजय सिंह प्रथम पंक्ति के बड़े नेताओं में शुमार हैं. वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी और वीपी सिंह की कैबिनेट में रहे. 1985 के चुनाव में 98.29 प्रतिशत वोट पाकर उन्होंने इतिहास रच दिया था. अब 33 साल बाद वह फिर अमेठी से विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं।. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी के साथ राजनीतिक यात्रा शुरू करने वाले डॉ. संजय सिंह 1980 में पहली बार विधानसभा में पहुंचे थे. इसके बाद वह मंत्री भी बने. संजय गांधी उनके सबसे गहरे मित्र रहे. 1985 के चुनाव में अमेठी में पड़े कुल 1 लाख 26 हजार मत में से उन्हें 1 लाख 24 हजार वोट मिले थे.

डॉ. संजय सिंह 1998 में भाजपा से ही अमेठी लोकसभा से सांसद रहे चुके हैं. 2009 में सुलतानपुर से कांग्रेस के टिकट पर वे लोकसभा पहुंचे फिर 2014 से वह असम से राज्यसभा सांसद रहे. पीएम मोदी और अमित शाह से उनके गहरे राजनीतिक रिश्ते हैं. जिसके चलते वे एक बार फिर भाजपा में शामिल हो गए.


अमेठी विधानसभा के लिए बीजेपी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजय सिंह, सपा ने पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति की पत्नी महराजी को, कांग्रेस ने पूर्व मंत्री आशीष शुक्ला को, बीएसपी ने रागिनी तिवारी तो आम आदमी पार्टी ने अनुराग शुक्ला को चुनावी मैदान में उतारा है.

इसे भी पढे़ं- UP Election 2022: जानिए अमेठी राजघराने का राजनीतिक इतिहास...

अमेठी: पूर्व केंद्रीय मंत्री व अमेठी विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी डॉ. संजय सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली अमेठी में न तो गढ़ का पता है और न ही गढ़ वालों का. भारतीय जनता पार्टी का इतिहास अत्यंत गौरवशाली है चाहे उपाध्याय जी रहे हों, वीर सावरकर जी हों या अटल जी रहे हों. सभी ने पार्टी के लिए त्याग और तपस्या किया है.

आज देश में बीजेपी के अगुआ नरेंद्र मोदी हैं और प्रदेश में बुलडोजर वाले बाबा. सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास बहुत बड़ी चीज है. आज मोदीजी के नेतृत्व में भारत विश्व के ग्लोब में सेंट्रल पॉइंट पर है. भारतीय जनता पार्टी कभी अपने सिद्धांतों को नहीं छोड़ती है. अमेठी में गुण्डागर्दी नहीं होने देंगे. जब मैं पहली बार अमेठी की धरती पर खड़ा हुआ था तो आपने एक लाख से ज्यादा मतों से विजयी बनाया था. अब उससे कम नहीं होना देना है.

जानकारी देते डॉ संजय सिंह.

संजय सिंह ने कहा कि इसी जनता और कार्यकर्ताओं ने स्मृति ईरानी जी को ऐतिहासिक जीत दिलाई. कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाली अमेठी में न गढ़ का पता है न गढ़वालों का. आज अमेठी में 30 हजार बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. हम अमेठी को विकास का हब बना देंगे.

दरअसल, बीजेपी नेता डॉ. संजय सिंह प्रथम पंक्ति के बड़े नेताओं में शुमार हैं. वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी और वीपी सिंह की कैबिनेट में रहे. 1985 के चुनाव में 98.29 प्रतिशत वोट पाकर उन्होंने इतिहास रच दिया था. अब 33 साल बाद वह फिर अमेठी से विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं।. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी के साथ राजनीतिक यात्रा शुरू करने वाले डॉ. संजय सिंह 1980 में पहली बार विधानसभा में पहुंचे थे. इसके बाद वह मंत्री भी बने. संजय गांधी उनके सबसे गहरे मित्र रहे. 1985 के चुनाव में अमेठी में पड़े कुल 1 लाख 26 हजार मत में से उन्हें 1 लाख 24 हजार वोट मिले थे.

डॉ. संजय सिंह 1998 में भाजपा से ही अमेठी लोकसभा से सांसद रहे चुके हैं. 2009 में सुलतानपुर से कांग्रेस के टिकट पर वे लोकसभा पहुंचे फिर 2014 से वह असम से राज्यसभा सांसद रहे. पीएम मोदी और अमित शाह से उनके गहरे राजनीतिक रिश्ते हैं. जिसके चलते वे एक बार फिर भाजपा में शामिल हो गए.


अमेठी विधानसभा के लिए बीजेपी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजय सिंह, सपा ने पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति की पत्नी महराजी को, कांग्रेस ने पूर्व मंत्री आशीष शुक्ला को, बीएसपी ने रागिनी तिवारी तो आम आदमी पार्टी ने अनुराग शुक्ला को चुनावी मैदान में उतारा है.

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