अम्बेडकर नगर: यूपी में पंचायत चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं. फाइनल वोटर लिस्ट 22 जनवरी को जारी होगा. जिले में विकास कार्यों की बात करें तो कहीं सिंचाई की व्यवस्था नहीं है तो कहीं बिजली की आपूर्ति मानकों के अनुसार नहीं हो रही है. कुछ ही दिनों में पंचायत चुनाव होने वाले हैं, लेकिन पिछले पांच सालों में ग्राम प्रधानों के बड़े-बड़े दावे कागजों के अलावा जमीन पर कितने सही साबित हुए, इसके लिए देखिये ये खास रिपोर्ट...
विकास की तस्वीर धुंधली
अंबेडकर नगर जिला पंचायत अध्यक्ष सुधीर कुमार सिंह उर्फ मिंटू के निर्वाचन क्षेत्र भीटी प्रथम के कुछ गांवों का ईटीवी भारत की टीम ने दौरा किया. टीम ने स्थानीय लोगों से बातचीत की. इस दौरान धरातल की वास्तविकता क्षेत्रियासियों की उम्मीदों पर पानी फेरती नजर आई.
विकास की तस्वीर परखने और जनता की राय जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने रनीवा, कर्मजीतपुर, पांडे पैकोली सहित कई गांवों का दौरा किया. कुछ गांव को जोड़ने के लिए सिर्फ खड़ंजा मार्ग बना है, जिन गांवों को जोड़ने के लिए सीसी या लेपन मार्ग बनाया गया, उसकी क्वॉलिटी इतनी घटिया है कि वे कुछ ही दिनों में जर्जर हो गए. भीटी प्रथम निर्वाचन क्षेत्र में पंचायत विभाग ने वृक्षारोपड़ नहीं कराया है. अगर किसी गांव में वृक्ष लगाया भी गया तो वे रख-रखाव के अभाव में सूखे पड़ गए.
घटिया सामग्री का प्रयोग
रनीवा क्षेत्र में विकास और भ्रष्टाचार मुक्त कार्य की उम्मीद नहीं की जा सकती है. अधिकारियों की भ्रष्टाचार नीति इतनी है कि पंचायत भवन का निर्माण घटिया सामग्री से किया गया. जिला पंचायत अध्यक्ष के निर्वाचन क्षेत्र में होने के बावजूद घटिया सामग्री का प्रयोग हुआ और निर्माणाधीन भवन का लिंटर और छज्जा धाराशाई हो गया.
खराब पड़ी हैं लाइटें
पांडे पैकोली गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए जिला पंचायत विभाग से सीसी रोड का निर्माण हुआ, लेकिन पैर रगड़ने मात्र से ही सड़क की गिट्टियां उखड़ जा रही हैं. ग्रामीण धूल मिट्टी में रहने को मजबूर हैं. लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं महमदपुर चौराहे पर जिला पंचायत विभाग ने सोलर लाइट लगवाई है, लेकिन वह भी खराब पड़ी है.
रख-रखाव की कमी
स्थानीय लोगों के मुताबिक, क्षेत्र में सिंचाई के लिए कई सरकारी ट्यूबलें बनवाई गईं, लेकिन अधिकांश ट्यूबवेल खराब पड़े हैं. मरम्मत के अभाव में ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसी क्षेत्र में प्रस्तावित भीटी फायर स्टेशन के नाम से बोर्ड लगा है, लेकिन अभी तक कोई काम शुरू नहीं है. ग्रामीणों का कहना है कि कार्यक्रम विशेष को छोड़कर जिला पंचायत सदस्य क्षेत्र में कम ही आते हैं. मतदान पूरा होने के बाद नेताओं का क्षेत्र में न के बराबर आगमन होता है.
गांव में हो उचित व्यवस्था
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में नाली, पानी, सिंचाई, ट्यूबेल और खड़ंजे की उचित व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे कि गांव सुचारू रूप से संचालित हो सके. सड़कों की उचित व्यवस्था से लोगों को शहर जाने में परेशानी न हो, ट्यूबेल की स्थिति ठीक होने से किसानों के लिए सिंचाई में परेशानी न हो.