अम्बेडकरनगर: समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अम्बेडकरनगर का दबदबा दिखाई दे रहा है. सपा ने अम्बेडकरनगर जिले के चार नेताओं को पार्टी में अहम जिम्मेदारी है. जिले में सपा की जबरदस्त जीत के बाद नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी मिली है. सपा की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित होने के बाद यह साफ दिखाई दे रहा है कि अखिलेश यादव अभी से ही पिछड़ों और दलितों को साधने में जुट गए हैं. यह भी साफ हो गया है कि महंगाई और बेरोजगारी के साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव 2024 अगड़ा बनाम पिछड़ा मुद्दे पर लड़ा जाएगा.
सपा ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में पिछड़ों को साधने के लिए पिछड़ी जाति के दो नेताओं को राष्ट्रीय महासचिव बनाया है. प्रदेश में कुर्मी बिरादरी का बड़ा चेहरा विधायक लालजी वर्मा और राजभर समाज के बड़े नेता विधायक राम अचल राजभर को कार्यकारिणी में राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है. लालजी वर्मा अम्बेडकरनगर के कटेहरी विधानसभा सीट से विधायक हैं और राम अचल राजभर अकबरपुर सीट से विधायक हैं. अखिलेश यादव ने अम्बेडकरनगर के अपने पुराने साथी टांडा विधायक राम मूर्ति वर्मा और दलितों के बड़े नेता आलापुर विधायक त्रिभुवन दत्त को राष्ट्रीय सचिव बनाया है.
इन जिलों के वोट साधने की सियासत
आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर अखिलेश यादव पिछड़ों और दलितों को साधने में जुट गए हैं. ऐसा माना जा रहा है कि अखिलेश यादव राम अचल राजभर के सहारे पूर्वांचल के राजभर वोटों को सहेजने का प्रयास कर रहे हैं. पूर्वांचल के जिले राजभर बहुल्य क्षेत्र हैं और इन पर राम अचल राजभर का दबदबा है. प्रदेश के बाराबंकी, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, सुल्तानपुर, बस्ती, श्रावस्ती, मिर्जापुर, इलाहाबाद, प्रतापगढ़ आदि जिलों में कुर्मी मतदाताओं की संख्या अधिक है. इन पर लालजी वर्मा की पकड़ मजबूत है. त्रिभुवन दत्त के सहारे अखिलेश दलित वोटों को रिझाने के प्रयास में हैं.
स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर दिया बड़ा सन्देश
रामचरित मानस पर टिप्पणी कर विवादों में आए सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में महासचिव बनाकर एक बड़ा सन्देश दिया है. एक तरफ जहां भाजपा और हिन्दूवादी संगठन मौर्य पर हमलावर हैं, वहीं मौर्य अब भी इसे दलित और पिछड़ा विरोधी बता रहे हैं. इन सब के बीच अखिलेश यादव ने मौर्य को नई जिम्मेदारी दे कर अपना मंसूबा साफ कर दिया है.