अम्बेडकर नगर : रामचरित मानस पर विवादित टिप्पणी करने वाले सपा नेता लालजी पटेल को बुधवार की देर रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने यह गिरफ्तारी उनके घर से की. लालजी पटेल के खिलाफ टांडा कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ है.
सपा के पूर्व जिला सचिव लालजी पटेल ने मंगलवार काे रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्हाेंने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में कहा था कि रामचरित मानस कोई धार्मिक पुस्तक नहीं है. इसे तुलसीदास ने अपनी प्रसिद्धि के लिए लिखा था. सनातन धर्म कई हजार वर्ष पुराना है. ये पुस्तक 500 साल पुरानी है. ऐसे में यह सनातन धर्म का ग्रन्थ कैसे हुआ.
पूर्व जिला सचिव ने कहा था कि रामचरित मानस समाज को बांटने वाली पुस्तक है. यह पिछड़ा और दलित वर्ग को अपमानित करती है. लालजी पटेल ने कहा था कि 'मैं पूरे देश के पिछड़े और दलित समाज के लोगों से अपील करता हूं कि जिस तरीके से गौतम बुद्ध की पुस्तक को मनुवादियों ने जलाया था, वैसे ही इस होली पर राम चरित मानस की प्रतियां जला दें.'
सपा नेता के बयान का किसी ने वीडियाे बना लिया था. इसके बाद इसे साेशल मीडिया पर वायरल कर दिया. बयान सामने आने के बाद हिंदू संगठनाें ने विराेध जताते हुए सपा नेता पर कार्रवाई के लिए आवाज उठाई थी. पुलिस ने लालजी पटेल के विरुद्ध कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था. इसके बाद आराेपी सपा नेता की तलाश में जुट गई थी. बुधवार की देर रात पुलिस ने सपा नेता काे उनके घर से गिरफ्तार कर लिया.
बता दें कि लखनऊ के वृंदावन याेजना में 29 जनवरी काे अखिल भारतीय ओबीसी महासभा की ओर से सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में रामचरित मानस की प्रतियां जलाईं गईं थीं. इस दौरान धार्मिक पुस्तक में लिखी कुछ टिप्पणियाें पर आपत्ति जताई गई थी.
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