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अधूरे मेडिकल कॉलेज को हैंडओवर करने की तैयारी

निर्माण कार्यों को पूरा किए बिना महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज के हैंड ओवर की प्रक्रिया शुरू हो गई है. कॉलेज का लैंड स्केपिंग और सौन्दर्यीकरण का कार्य किए बगैर ही मेडिकल कॉलेज प्रशासन को सौंपने की तैयारी है.

हैंडओवर की तैयारी
हैंडओवर की तैयारी
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Published : Dec 16, 2020, 5:54 PM IST

अम्बेडकरनगर: अधूरे विकास कार्यों के साथ महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज के हैंड ओवर की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. कार्यदायी संस्था द्वारा लैंड स्केपिंग और सौन्दर्यीकरण का कार्य किए बगैर ही भवन को मेडिकल कॉलेज प्रशासन को सौंपने की तैयारी है. हालांकि कॉलेज प्रशासन ने अधूरे कार्य का हवाला देकर हैंड ओवर की प्रक्रिया में पेंच फंसा दिया है.


जर्जर है मेडिकल कॉलेज का भवन

महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज का निर्माण वर्ष 2007 में शुरू हुआ था. लेकिन अभी तक पूरी तरीके से निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है. कॉलेज को कभी शासन की उदासीनता का शिकार होना पड़ा तो कभी कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम की लापरवाही का सामना करना पड़ा. कॉलेज का संचालन शुरू हुए लगभग एक दशक का समय बीत गया है, लेकिन निर्माण कार्य अब भी अधूरा है. पूरे परिसर में झाड़ियों की भरमार है. जमीन को समतल भी नहीं किया गया है. इसकी वजह से पूरी जमीन उबड़-खाबड़ हो गई है. परिसर के सौन्दर्यीकरण और सड़कों का निर्माण भी जर्जर है. इसी जर्जर व्यवस्था के साथ राजकीय निर्माण निगम पूरे भवन को कॉलेज प्रशासन को सौंपने की तैयारी में है. बताया जा रहा है कि राजकीय निर्माण निगम शासन स्तर से दबाव बनवाकर भवन हैंडओवर करना चाहता है. प्रथम चरण में रेजिडेंशियल भवन को हैंडओवर किया जाएगा, लेकिन इस भवन के परिसर में सड़कों की हालत जर्जर है. सीवर लाइन और सौन्दर्यीकरण भी घटिया दशा में है, जिसको लेकर कर्मचारियों में आक्रोश भी है.

पहले डॉक्टरों का भवन होगा हैंडओवर

कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ पीके सिंह का कहना है कि भवन हैंडओवर की तैयारी हो रही है. एक साथ 10-10 भवन के हैंडओवर की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. पहले डॉक्टरों का आवास हैंडओवर होगा. अभी निर्माण कार्य में कुछ कमियां हैं, जिसे पूरा करने के बाद ही हैंडओवर लिया जायेगा.

अम्बेडकरनगर: अधूरे विकास कार्यों के साथ महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज के हैंड ओवर की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. कार्यदायी संस्था द्वारा लैंड स्केपिंग और सौन्दर्यीकरण का कार्य किए बगैर ही भवन को मेडिकल कॉलेज प्रशासन को सौंपने की तैयारी है. हालांकि कॉलेज प्रशासन ने अधूरे कार्य का हवाला देकर हैंड ओवर की प्रक्रिया में पेंच फंसा दिया है.


जर्जर है मेडिकल कॉलेज का भवन

महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज का निर्माण वर्ष 2007 में शुरू हुआ था. लेकिन अभी तक पूरी तरीके से निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है. कॉलेज को कभी शासन की उदासीनता का शिकार होना पड़ा तो कभी कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम की लापरवाही का सामना करना पड़ा. कॉलेज का संचालन शुरू हुए लगभग एक दशक का समय बीत गया है, लेकिन निर्माण कार्य अब भी अधूरा है. पूरे परिसर में झाड़ियों की भरमार है. जमीन को समतल भी नहीं किया गया है. इसकी वजह से पूरी जमीन उबड़-खाबड़ हो गई है. परिसर के सौन्दर्यीकरण और सड़कों का निर्माण भी जर्जर है. इसी जर्जर व्यवस्था के साथ राजकीय निर्माण निगम पूरे भवन को कॉलेज प्रशासन को सौंपने की तैयारी में है. बताया जा रहा है कि राजकीय निर्माण निगम शासन स्तर से दबाव बनवाकर भवन हैंडओवर करना चाहता है. प्रथम चरण में रेजिडेंशियल भवन को हैंडओवर किया जाएगा, लेकिन इस भवन के परिसर में सड़कों की हालत जर्जर है. सीवर लाइन और सौन्दर्यीकरण भी घटिया दशा में है, जिसको लेकर कर्मचारियों में आक्रोश भी है.

पहले डॉक्टरों का भवन होगा हैंडओवर

कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ पीके सिंह का कहना है कि भवन हैंडओवर की तैयारी हो रही है. एक साथ 10-10 भवन के हैंडओवर की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. पहले डॉक्टरों का आवास हैंडओवर होगा. अभी निर्माण कार्य में कुछ कमियां हैं, जिसे पूरा करने के बाद ही हैंडओवर लिया जायेगा.

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